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गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, सीजेआई बोबडे को मिली जेड प्लस की सुरक्षा
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबडे से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जस्टिस बोबडे की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया गया है। उन्हें पहले जेड कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की गई थी लेकिन अब जेड प्लस की सुरक्षा देने का फैसला किया गया है।
नई दिल्ली: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबडे से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जस्टिस बोबडे की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया गया है। उन्हें पहले जेड कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की गई थी लेकिन अब जेड प्लस की सुरक्षा देने का फैसला किया गया है। ये निर्णय गृह मंत्रालय ने थ्रेट परसेप्शन और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की रिपोर्ट के आधार लिया है।
मालूम हो कि जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कर रही है। जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देश के विशिष्ट लोगों को मिली हुई है।
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कौन हैं सीजेआई एसए बोबडे
सीजेआई एसए बोबडे अयोध्या केस की सुनवाई करने वाली पीठ का हिस्सा रहे हैं। 1978 में सीजेआई बोबडे ने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र को ज्वाइन किया था। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में लॉ की प्रैक्टिस की, 1998 में वरिष्ठ वकील बने। साल 2000 में उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर एडिशनल जज पदभार ग्रहण किया।
सीजेआई एसए बोबडे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे हैं। उन्होंने 2013 में सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज कमान संभाली। 18 नवंबर, 2019 को जस्टिस बोबडे ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) पद की शपथ ली थी। जस्टिस एसए बोबडे 23 अप्रैल, 2021 को रिटायर होंगे।
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने 18 नवंबर, 2019 को भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस बोबडे को सीजेआई पद शपथ दिलवाई थी। 17 नवंबर को रिटायर हुए पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने ही CJI पद के लिए जस्टिस बोबडे के नाम की सिफारिश की थी।
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CAA पर सीजेआई सख्त
नागरिकता कानून खिलाफ हिंसक प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त रुख अपना लिया है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने जामिया मामले में कहा कि हिंसा का अधिकार किसी को नहीं है। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हिंसा हुई तो याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता कानून से जुड़ी सभी याचिकाओं की मंगलवार को सुनवाई होगी।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि हम किसी को भी आरोपी नहीं बता रहे हैं, बस हम कह रहे हैं कि हिंसा रुकनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम किसी के खिलाफ कुछ नहीं कह रहे हैं, हम ये भी नहीं कह रहे हैं कि पुलिस या छात्र निर्दोष हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप छात्र हैं इसलिए आपको हिंसा का अधिकार नहीं मिलता है। अगर हिंसा नहीं रुकी तो वह इस मामले में सुनवाई नहीं करेंगे।
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