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CJI UU Lalit: जस्टिस यू यू ललित होंगे देश के अगले CJI, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगाई मुहर
CJI UU Lalit: जस्टिस उदय उमेश ललित सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। यू.यू. ललित को देश का 49वां सीजेआई नियुक्त कर दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके नाम पर मुहर लगाई।
Justice UU Lalit: जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice UU Lalit) सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। यू.यू. ललित को देश का 49वां सीजेआई (CJI) नियुक्त कर दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके नाम पर मुहर लगाई।
गौरतलब है कि, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना (N. V. Ramana) ने जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice UU Lalit) के नाम की सिफारिश उनके उत्तराधिकारी के रूप में की थी। आपको बता दूं, कि शपथ लेने के बाद जस्टिस यू.यू ललित देश के 49 वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। एन.वी.रमना इसी महीने 26 अगस्त को अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
वरिष्ठता के आधार पर चयन
यू.यू. ललित का चयन भी तय परंपरा के अनुसार ही हुआ है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) को अपने उत्तराधिकारी के रूप में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करनी होती है। जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice Uday Umesh Lalit) वरिष्ठता क्रम में जस्टिस एन.वी. रमना के बाद दूसरे स्थान पर आते हैं। इसलिए उनके नाम की सिफारिश की गई थी, जिस पर आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुहर लगा दी।
कौन हैं नए मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित?
जस्टिस उदय उमेश ललित ((Justice UU Lalit) ने 1983 में वकालत की शुरुआत की थी। अपने करियर के शुरुआती सालों में जस्टिस ललित ने बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की। उन्होंने 1983 से 1985 तक बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) में प्रैक्टिस की। उसके बाद यूयू ललित वर्ष 1986 से 1992 तक पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी (Former Attorney General Soli Sorabjee) के साथ काम किया। साल 2004 में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया था।
बार से सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बने
जस्टिस उदय उमेश ललित को 13 अगस्त 2014 को सीधे बार से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति मिली थी। जिसके बाद उन्हें मई 2021 में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण यानी NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। ललित ऐसे दूसरे चीफ जस्टिस होंगे जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले किसी हाईकोर्ट में जज नहीं थे। इनसे पहले साल 1971 में देश के 13वें CJI एस एम सीकरी (S M Sikri) ने यह उपलब्धि हासिल की थी।
अयोध्या केस से खुद को किया था अलग
जस्टिस ललित (Justice UU Lalit) उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने खुद को अयोध्या मामले की सुनवाई से अलग कर लिया था। 10 जनवरी 2019 को जस्टिस यू यू ललित ने स्वयं को अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही 5 जजों की बेंच से अलग कर लिया था। इसके पीछे उनका तर्क था कि करीब 20 साल पहले वह अयोध्या विवाद से जुड़े एक क्रिमिनल केस में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के वकील रह चुके थे।