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कैलास मानसरोवर यात्रा आठ जून से आठ सितंबर तक चलेगी: विदेश मंत्रालय

मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया कि यह यात्रा आठ जून से आठ सितंबर तक दो मार्गों से आयोजित होगी। इसमें कहा गया कि उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से हो कर जाने वाले मार्ग से प्रति व्यक्ति यात्रा का खर्च 1.8 लाख रुपए आएगा। इसके लिये 60-60 श्रद्धालुओं के कुल 18 जत्थे बनाए जाएंगे।

Shivakant Shukla
Published on: 9 April 2019 2:40 PM GMT
कैलास मानसरोवर यात्रा आठ जून से आठ सितंबर तक चलेगी: विदेश मंत्रालय
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नयी दिल्ली: इस वर्ष कैलास मानसरोवर यात्रा नाथूला दर्रा और लिपुलेख दर्रे से आठ जून से आठ सितंबर के बीच आयोजित की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह घोषणा की। यात्रा के लिए पंजीकरण मंगलवार से शुरू हो गया और 18 से 70 वर्ष के बीच के श्रद्धालु नौ मई तक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया कि यह यात्रा आठ जून से आठ सितंबर तक दो मार्गों से आयोजित होगी। इसमें कहा गया कि उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से हो कर जाने वाले मार्ग से प्रति व्यक्ति यात्रा का खर्च 1.8 लाख रुपए आएगा। इसके लिये 60-60 श्रद्धालुओं के कुल 18 जत्थे बनाए जाएंगे।

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प्रत्येक जत्थे के लिए यात्रा अवधि 24 दिन है जिसमें यात्रा संबंधी तैयारियों के लिए दिल्ली में तीन दिन तक रुकना शामिल है।मंत्रालय ने कहा,‘‘यात्री चियालेख घाटी अथवा ‘ओम पर्वत’ की नैसर्गिक सुंदरता भी देख सकते हैं,इस पर्वत पर प्राकृतिक रूप से बर्फ से ओम की आकृति बनी होती है।’’ मंत्रालय ने कहा कि नाथूला दर्रे से जाने वाला मार्ग मोटर वाहन के लिए सुगम है और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधाजनक है जो ट्रैकिंग नहीं कर सकते।

गंगटोक से गुजरने वाले इस मार्ग में हांगू लेक तथा तिब्बत पड़ता है। इस मार्ग से प्रति व्यक्ति खर्च 2.5 लाख रुपए आएगा और यात्रा अवधि 21 दिन की होगी। इसमें तीन दिन तक दिल्ली में रुकना शामिल है। मंत्रालय ने कहा कि इस वर्ष इस मार्ग से 50 श्रद्धालुओं के 10 जत्थे निर्धारित किए गए हैं।

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इसमें कहा गया कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी पहली बार आवेदन करने वाले मेडिेकल चिकित्सक तथा विवाहित दंपतियों को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं वरिष्ठ नागरिकों को नाथूला दर्रे से प्राथमिकता दी जाएगी। mमंत्रालय ने कहा,‘‘यात्री या तो दोनों मार्ग चुन सकते हैं जिसमें वे प्राथमिकता बता सकते हैं या फिर केवल एक ही मार्ग चुन सकते हैं। कम्प्यूटर से ड्रॉ के जरिए उन्हें मार्ग और जत्था आवंटित किया जाएगा।

(भाषा)

Shivakant Shukla

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