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कमलनाथ सरकार ने भजन मंडलियों को दिए गए 57 करोड़ वापस मांगे हैं

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने पूर्व की शिवराज सरकार द्वारा भजन मंडलियों को दिए गए 57 करोड़ रुपए वापस मांगे हैं। पूर्व की बीजेपी सरकार के दौरान जिला कलेक्टरों व जिला परिषद के सीईओ के जरिए ये पैसा भजन मंडलियों को ढोल-मं​जीरे और वाद्य यंत्रों की खरीद में खर्च करने थे।

Rishi
Published on: 6 Feb 2019 12:55 PM IST
कमलनाथ सरकार ने भजन मंडलियों को दिए गए 57 करोड़ वापस मांगे हैं
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भोपाल : मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने पूर्व की शिवराज सरकार द्वारा भजन मंडलियों को दिए गए 57 करोड़ रुपए वापस मांगे हैं। पूर्व की बीजेपी सरकार के दौरान जिला कलेक्टरों व जिला परिषद के सीईओ के जरिए ये पैसा भजन मंडलियों को ढोल-मं​जीरे और वाद्य यंत्रों की खरीद में खर्च करने थे।

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क्या है मामला

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जुलाई 2018 में 22 हजार 824 ग्राम पंचायतों में भजन मंडलियों को प्रोत्साहित करने के लिए 57.60 करोड़ बांटे थे। इसे ही कमलनाथ सरकार वापस मांग रही हैं। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से एक आदेश जारी हुआ है। इस आदेश में सूबे के सभी संभागायुक्त, कलेक्टर और सीईओ प्रति ग्राम पंचायत बांटे गए 25-25 हजार रुपए जल्द संस्कृति विभाग में जमा कराने का कहा गया है।

अब जानिए इस ढोल मंजीरा योजना के बारे में

पूर्व सरकार ने भजन-कला मंडलियों को गांवों की चौपाल और आयोजनों में रामकथा और भजन गाने के लिए संस्कृति संचालनालय की मद से जारी राशि से ढोल-ताशे, झांझ-मंजीरे, ढपली और हारमोनियम की खरीद की। जबकि कुछ पंचायत इनकी खरीद नहीं कर पाईं। इसके बाद अक्टूबर 2018 में आचार संहिता लागू हो गई।

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सरकार क्या कर रही

अभी सरकार यह तय नहीं कर पाई कि वापस लेने के बाद पैसे का क्या किया जाएगा। संबंधित विभाग को अभी ये भी नहीं पता कि 57.60 करोड़ में से कितना पैसा खर्च हो चुका है। सरकार को ये अंदेशा है कि इस निर्णय से वैसा ही विवाद पैदा हो सकता है जैसा वंदेमातरम् गायन रोकने के समय हुआ था इसिलए कला मंडलियों के लिए नई संपूर्ण योजना लाने की बात कही जा रही है।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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