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कोलकाता केस को लेकर कपिल सिब्बल घिरे, 72 घंटे में माफी नहीं मांगी तो अविश्वास प्रस्ताव लाने की चेतावनी
Kolkata Rape Murder Case: एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में कपिल सिब्बल ने हाल में एक बयान जारी किया था जिसमें कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई रेप और हत्या की घटना को बड़ी बीमारी बताया गया था।
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के मामले को लेकर इन दिनों पूरे देश में भूचाल आया हुआ है। इस घटना को लेकर पूरे देश में जबर्दस्त नाराजगी दिख रही है। अब सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और मशहूर वकील कपिल सिब्बल भी इस मामले से जुड़े एक प्रस्ताव को लेकर घिरते जा रहे हैं। दरअसल एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में कपिल सिब्बल ने हाल में एक बयान जारी किया था जिसमें कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई रेप और हत्या की घटना को बड़ी बीमारी बताया गया था।
अब इस प्रस्ताव को लेकर कपिल सिब्बल को घेरा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने कपिल सिब्बल को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि इस प्रस्ताव से कोलकाता के जघन्यतम केस का सामान्यीकारण हो रहा है और कपिल सिब्बल को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। पत्र में 72 घंटे के भीतर माफ़ी न मांगने पर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी गई है।
पूरी तरह अवैध था बार एसोसिएशन का प्रस्ताव
अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि सिब्बल की ओर से जारी प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की एक्जीक्यूटिव कमेटी की ओर से अप्रूव नहीं था। इस कारण यह प्रस्ताव पूरी तरह अवैध था। सिब्बल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इस प्रस्ताव को जारी कर दिया। इस तरह उन्होंने घटना को कमतर करके दिखाने की कोशिश की है। अग्रवाल ने कहा कि इस गंभीर मामले में कपिल सिब्बल पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस तरह के बयान में हितों का टकराव भी साफ तौर पर दिखता है।
अग्रवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि बतौर वकील सिब्बल को मामलों को स्वीकार करने और बहस करने का पूरा अधिकार है मगर 21 अगस्त को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का जो कथित प्रस्ताव जारी किया, उसमें कोलकाता में हुई घटना को सामान्य बीमारी जैसा बताया गया है। साथ ही प्रस्ताव में आशा जताई गई है कि देश में अब ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
प्रस्ताव वापस लेकर माफी मांगें सिब्बल
अग्रवाल ने कहा कि कोलकाता की घटना को लेकर पूरे देश में भारी नाराजगी है और अभी भी विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ऐसे में इस तरह का प्रस्ताव शरारतपूर्ण, खतरनाक और असंवेदनशील है। इसके साथ ही यह बयान रेप और हत्या की पीड़िता, लाखों डॉक्टरों, प्रशिक्षुओं और छात्रों के साथ घोर अन्याय भी है। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल को यह प्रस्ताव वापस लेना चाहिए और 72 घंटे के भीतर इस प्रस्ताव के लिए माफी भी मांगनी चाहिए।
अगर उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। अग्रवाल ने कहा कि सिब्बल ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई जघन्य घटना की गंभीरता को कम करने का प्रयास किया है और इसके लिए उनकी आलोचना की जानी चाहिए।
वैसे इस प्रस्ताव को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के कई अन्य सदस्य भी पहले चिंता जता चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस गंभीर मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई थी।