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Karnatka Election 2023: हिजाब और हलाला विवाद गैर जरूरी मुद्दे, नहीं करूंगा इसका समर्थन, बीएस येदियुरप्पा का बड़ा बयान

Karnataka Election 2023: बीजेपी और अन्य हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने कर्नाटक में सालों पहले से हिजाब, हलाल, हलाला और अजान जैसे सांप्रदायिक मुद्दे उठाने शुरू कर दिए थे।

Krishna Chaudhary
Published on: 15 April 2023 5:33 PM IST
Karnatka Election 2023: हिजाब और हलाला विवाद गैर जरूरी मुद्दे, नहीं करूंगा इसका समर्थन, बीएस येदियुरप्पा का बड़ा बयान
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बीएस येदियुरप्पा (photo: social media )

Karnataka Election 2023: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। वहीं, जेडीएस एकबार फिर किंगमेकर बनने के इरादे से मैदान में उतर रही है। बीजेपी और अन्य हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने कर्नाटक में सालों पहले से हिजाब, हलाल, हलाला और अजान जैसे सांप्रदायिक मुद्दे उठाने शुरू कर दिए थे।

ऐसे समय में जब ये माना जा रहा है कि बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए दक्षिण के अपने इस एकमात्र गढ़ को बचाने की कोशिश करेगी, एक कद्दावर भाजपा नेता का इन विवादित मुद्दों पर बड़ा बयान आया है। कर्नाटक बीजेपी के भीष्म पितामह कहे जाने वाले वयोवृद्ध नेता बीएस येदियुरप्पा ने हिजाब और हलाला विवाद जैसे मुद्दों को गैर जरूरी बताया है।

येदि ने साफ तौर पर कहा कि वे इस चुनाव में ऐसे मुद्दों का समर्थन करने नहीं जा रहे। उन्होंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे थे, जो जरूरी नहीं थे। पूर्व कर्नाटक सीएम ने कहा कि ऐसे मुद्दों के खिलाफ उनका शुरू से ही ये स्टैंड रहा है। येदियुरप्पा ने आगे यह भी कहा कि हिंदू और मुसलमान को भाईचारे के साथ रहना चाहिए। बीजेपी ने नेता ये सब बातें एक अंग्रेजी दैनिक को इंटरव्यू के दौरान कहीं।

बगावत पर क्या बोले येदियुरप्पा ?

टिकटों के ऐलान के साथ ही सत्ताधारी बीजेपी में घमासान मच गया। बीजेपी ने इस बार पूर्व सीएम और डिप्टी सीएम से लेकर कई ब़ड़े चेहरों को मैदान में उतारने से परहेज किया है। कुछ ने तो चुपचाप सम्मानजनक तरीके से आलाकमान के फैसले को स्वीकार कर लिया। वहीं, कुछ दिग्गज चेहरों ने बगावत करने की ठान ली है। बीएस येदियुरप्पा ने बीजेपी नेताओं के बगावत पर कहा कि इससे बीजेपी पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में बागियों के कारण थोड़ा - बहुत नुकसान जरूर हो सकता है।

दरअसल, एक जमाने में येदियुरप्पा ने खुद बीजेपी के खिलाफ बगावत करते हुए अपनी अलग पार्टी बना ली थी। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कर्नाटक में मिली करारी हार के पीछ ये बगावत भी एक कारण थी। सेंटर में पीएम मोदी और अमित शाह के आने के बाद बीजेपी में एकबार फिर उनकी वापसी हुई।

येदियुरप्पा के बेटे लड़ रहे चुनाव

चार बार के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा रिटायरमेंट मोड में हैं। संभवतः सक्रिय राजनीति में रहते हुए उनका यह आखिरी चुनाव हो सकता है। लिहाजा इस बार उन्होंने अपनी पारंपरिक शिकारीपुरा सीट से बेटे वाई. विजयेंद्र को बीजेपी का टिकट दिलवाया है।

बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को 224 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। नतीजे 13 मई को आएंगे।



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Krishna Chaudhary

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