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Karnataka: पूर्व सीएम येदियुरप्पा को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तारी पर लगी रोक
Karnataka News: कर्नाटक हाईकोर्ट ने POCSO मामले में पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट पर फिलहाल रोक लगा दी है। मामले की जांच कर रही सीआईडी ने कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट की मांग की थी।
Karnataka News: कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज यानी शुक्रवार को पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने POCSO मामले में बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही अब इस मामले में सीआईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लग गई है। बता दें, कर्नाटक हाईकोर्ट ने अब पूर्व सीएम येदियुरप्पा को 17 जून को केस की जांच कर रही सीआईडी के सामने पेश होने को कहा है। गौरतलब है कि इससे पहले बेंगलुरु की एक अदालत ने बीते गुरुवार को पूर्व सीएम के खिलाफ 14 मार्च को दर्ज POCSO अधिनियम के तहत मामले को लेकर गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। बुधवार यानी 12 जून को सीआईडी की विशेष जांच टीम ने पूर्व सीएम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग करते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट का रुख किया था। बता दें, बुधवार को पूछताछ के लिए बीएस येदियुरप्पा सीआईडी के सामने उपस्थित नहीं हुए थे।
बीएस येदियुरप्पा ने मांगा था अतिरिक्त समय
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीएस येदियुरप्पा ने जांच में शामिल होने के लिए समय मांगा था। पुलिस के अनुसार, कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा पर 17 वर्षीय युवती की मां की शिकायत के आधार पर POCSO अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 A के तहत यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है। लड़की की मां ने बीएस येदियुरप्पा पर आरोप लगाया था कि दो फरवरी को डॉलर्स कॉलोनी स्थित उनके आवास पर एक बैठक के दौरान उन्होंने उनकी बेटी से छेड़छाड़ की थी।
मामले को लेकर पूर्व सीएम ने क्या कहा था?
येदियुरप्पा ने बताया कि कुछ दिन पहले एक महिला उनके घर आई थी। वह रोते हुए कह रही थी कि कुछ समस्या है। उन्होंने आगे कहा, मैंने उससे पूछा कि मामला क्या है और मैंने खुद पुलिस को फोन किया। पुलिस कमिश्नर को मामले की पूरी जानकारी दी और उनसे उसकी मदद करने को भी कहा। इसके बाद पूर्व सीएम ने कहा कि बाद में महिला मेरे खिलाफ बोलने लगी। मैंने यह मामला पुलिस कमिश्नर के ध्यान में लाया है।