Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर लगी आस्था की डुबकी, यूपी-बिहार समेत पूरे भारत में लाखों ने किया स्नान

Kartik Purnima 2022: उत्तराखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से कार्तिक पूर्णिमा स्नान और मेले से जुड़ी खबरें मिल रही हैं हम आपको लगातार अपडेट कराते रहेंगे।

Sudhir Goyal
Published on: 8 Nov 2022 11:15 AM GMT (Updated on: 8 Nov 2022 1:15 PM GMT)
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kartik purnima 2022 (photo: social media ) 

Kartik Purnima 2022: पूरे देश में आज सुबह से कार्तिक पूर्णिमा का स्नान शुरू हो गया है लोग चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने से पहले स्नान ध्यान कर के दान कर लेना चाहते हैं। कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर 2022 शाम 04.31 मिनट पर समाप्त हो रही है जबकि चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9.21 AM - 06.18 PM तक है ऐसे में लोगों को सुबह स्नान के बाद दान पुण्य सूतक काल लगने से पहले ही कर लेना चाहिए। हमें उत्तराखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से कार्तिक पूर्णिमा स्नान और मेले से जुड़ी खबरें मिल रही हैं हम आपको लगातार अपडेट कराते रहेंगे। बने रहें न्यूजट्रैक के साथ

Bihar: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा नदी तट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

कार्तिक पूर्णिमा पर बिहार में गंगा नदी तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ आज सुबह से उमड़ी पड़ी। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पटना, बक्सर, बेगूसराय, सारण, भोजपुर, मुंगेर, खगड़िया, कटिहार और भागलपुर समेत कई जगह गंगा घाटों पर गंगा स्नान करने के भीड़ उमड़ने शुरू हो गई थी। सुबह लाखों की संख्या में लोगों ने गंगा स्नान किया। राज्य के सभी जिलों में गंगा और अन्य नदियों के घाट पर लोग स्नान करने पहुंचे। इसे लेकर प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। खतरनाक घाटों पर प्रशासन की तरफ से बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई थी।

गंगा घाटों पर सुबह करीब 4 बजे से ही भीड़ उमड़ने लगी। घाट पर हर-हर महादेव और जय गंगा मैय्या के जयकारे की गूंज सुनाई दी। स्नान करने के बाद घाट पर महिलाओं ने पूजा-अर्चना किया। दरअसल कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन स्नान से पूरे वर्ष भर के गंगा स्नान का पुण्य मिलता है। वहीं, इस दिन किया गया दान का कई गुना लाभ मिलता है।

पटना में करीब 300 मजिस्ट्रेट व 350 पुलिस अफसरों के साथ ही एक हजार से अधिक जवानों की तैनाती है। आज गंगा में नाव के परिचालन पर पूरी तरह से रोक है। अधिक भीड़ वाले 12 घाटों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इनमें पाटीपुल घाट, गेट नंबर 93 घाट, गेट नंबर 83 घाट, बांसघाट, कलेक्ट्रेट घाट, कालीघाट, पटना कॉलेज घाट, कृष्णाघाट, गांधीघाट, लॉ कॉलेज घाट, गायघाट, भद्रघाट शामिल हैं।

इस दौरान कई इलाके में सुबह-सुबह लोगों को जाम की समस्या से गुजरना पड़ा। इसके अलावा सभी घाटों पर प्रशासन के लोग तैनात होकर स्नान करने वाले लोगों को माइक से अनाउंस कर सुरक्षित स्नान करने का दिशा निर्देश दे रहे थे। सुबह पटना की ओर आने वाली ट्रेनों में भी अच्छी-खासी भीड़ देखी गई। डिब्बे में जगह ना मिलने पर कई यात्री खतरनाक ढ़ंग से ट्रेन की छत पर बैठ कर पटना पहुंचे।

Raebareli: कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालु कर रहे गंगा स्नान

रायबरेली के गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़। श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा में भारी पुलिस बल और गोताखोर तैनात। डलमऊ गंगा घाट पर गंगा स्नान के साथ शुरू हुआ कार्तिक पूर्णिमा मेला।

तिगड़ी मेले में उमड़ी भीड़

Moradabad: जय गंगा मय्या जयकारे की गूंज, तिगड़ी मेले में उमड़ी भीड़

मुरादाबाद कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तिगड़ी मेले में उमड़ी गंगा नदी तट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, हर-हर महादेव और जय गंगा मैय्या के जयकारे की गूंज के साथ भक्ति मय हुआ पूरा वातावरण।

गंगा नदी तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ आज सुबह से उमड़ी पड़ी। आपको बता दें कि तिगड़ी मेला मुरादाबाद में सबसे बड़ा मेला कहलाता है। पहले ये मुरादाबाद जिले में लगता था परंतु अमरोहा जिला बनने के बाद ये अमरोहा जिले में लगता है। यहां आसपास के मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, बिजनौर,

रामपुर आदि जिलों के लाखों श्रद्धालु प्रत्येक वर्ष आते हैं। मेले की खासियत ये है कि पंद्रह दिन पूर्व से ही तंबुओं के घर बनने शुरू हो जाते हैं। इसमें मुरादाबाद और अमरोहा जिले का प्रशासन पूर्ण सहयोग करता है। इसमें एक मेला कोतवाली 800 से अधिक सिपाही, 400 हवलदार, 300 दरोगा, 120 मजिस्ट्रेट और के अलावा घोड़े वाली पुलिस के भी 500 से अधिक जवान मेले की निगरानी करते हैं।

सुबह तड़के से ही लाखों की संख्या में लोगों ने गंगा स्नान करना शुरू किया। राज्य के सभी जिलों में गंगा और अन्य नदियों के घाट पर लोग स्नान करने पहुंचे। इसे लेकर प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। प्रशासन की तरफ से बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई थी।

गंगा घाट पर सुबह करीब 4 बजे से ही भीड़ उमड़ने लगी। घाट पर हर-हर महादेव और जय गंगा मैय्या के जयकारे की गूंज सुनाई दी। स्नान करने के बाद घाट पर महिलाओं ने पूजा-अर्चना किया। दरअसल कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन स्नान से पूरे वर्ष भर के गंगा स्नान का पुण्य मिलता है। वहीं, इस दिन किया गया दान का कई गुना लाभ मिलता है।

कार्तिक पूर्णिमा के स्नान को लेकर तिगरी गंगा तट पर लगने वाला प्रसिद्ध मेला कब से लगता आ रहा है, इसकी कोई सटीक जानकारी जिला पंचायत के पास नहीं है। हालांकि तिगरी गांव के बुजुर्गो की मानें तो यह मेला त्रेता युग से लगता आ रहा है। बुजुर्ग बताते हैं कि श्रवण कुमार अपने नेत्रहीन माता-पिता को कांधे पर लादकर त्रेता युग में ही तीर्थ यात्रा कराने के लिए निकले थे। तब वे तिगरी में गंगा किनारे भी रुके थे। श्रवण कुमार का माता-पिता के प्रति सेवाभाव देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग जमा हुए थे। तभी से यहां मेला लगना शुरू हुआ है। तिगरी निवासी पंडित गंगा सरन शर्मा 50-55 साल के हैं। तीन साल पहले उनके पिता बलवीर प्रसाद शर्मा का 93 साल की उम्र में निधन हो गया था। वह उनका हवाला देते हुए बताते हैं यह मेला त्रेता युग से लगता आ रहा है। उस युग में श्रवण कुमार अपने अंधे माता पिता को तीर्थ कराते हुए कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी में गंगा किनारे पहुंचे थे, चार रात ठहरे थे। उनके यहां रुकने की बात फैलने पर उनकी सेवा देखने के लिए दूर-दूर तक की जनता यहां जुटी थी। चार दिन ठहरने के बाद कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करने के बाद लौटी थी। उसके बाद से ही यह परंपरा चली आ रही है जो अब तिगरी गंगा मेला के रूप में प्रसिद्ध है। इस बात का समर्थन गांव के ही 90 साल के खचेडू सिंह, लगभग इतनी ही उम्र के रामनाथ यादव और 80-82 साल के रमेश त्यागी भी करते हैं। उस दौरान ठंड से बचने को कपड़े के तंबू लगाए जाने की बात उनके बुजुर्ग सुनाया करते थे। अब यह मेला तंबुओं का मेला भी कहा जाता है। मेले में आने वाले श्रद्धालु, अधिकारी और माननीय लोग अपने पद, गरिमा और हैसियत के हिसाब वाले टेंटों में ही ठहरते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पर पांडवनाथ मंदिर में हजारों ने पी सांस व दमा की दवा

Bhadohi: कार्तिक पूर्णिमा पर पांडवनाथ मंदिर में हजारों ने पी सांस व दमा की दवा

भदोही के पांडवानाथ मंदिर पर हजारों की संख्या में लोगों को पिलाई गई दवा। हजारों की संख्या में सांस और दमा के रोगियों को निःशुल्क दवा पिलाई गई। बाबा पांडवानाथ मंदिर परिसर के आधा किमी की परिधि में चारों तरफ रही भारी भीड़।

गोपीगंज क्षेत्र के कौलापुर में स्थित पांडवानाथ मंदिर पर कार्तिक पूर्णिमा पर दशकों से मिर्गी, सांस और दमा की दवा पिलाई जाती है। इसी क्रम में मंगलवार को भोर से ही दवा पीने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। दवा पीने के लिए जनपद के आसपास जनपद के अलावा अन्य प्रदेशों से भी लोग यहां आते हैं।

पांडवानाथ शिवलिंग की स्थापना द्वापर युग में पांडवों ने अज्ञातवास के समय की गई थी। और इस शिवलिंग का बड़ा ही महात्म्य है। यहां वर्ष भर में कई कार्यक्रम आयोजित होते रहते है। दवा पिलाने के लिए विनोद मिश्रा, अश्वनी चौबे के नेतृत्व में पूरी टीम लगी रही। रामसूरत चतुर्वेदी द्वारा तैयार की गई दवा हजारों श्रद्धालुओं पिलाई गई।

मान्यता है कि दवा पीने के बाद मिर्गी, सांस और दमा के मरीज ठीक हो जाते हैं। इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगी भारी भीड़ पिछले कई दशक का रिकार्ड तोड़ दिया। इस दौरान व्यवस्थापकों के अलावा पुलिस के लोग भी तैनात थे।

गंगा तट पर उमड़ा आस्था का सैलाब (फोटो: सोशल मीडिया )

Unnao: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा तट पर उमड़ा आस्था का सैलाब

कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों लोगों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। भोर पहर से ही गंगातट पर स्नानार्थियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। जिले की शुक्लागंज, परियर, बक्सर और नानामऊ समेत दर्जनों गंगा घाटों पर भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई।

कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए मंगलवार सुबह लोग घरों से निकल पड़े। नगर के अलावा कानपुर, उन्नाव, बांगरमऊ, अचलगंज, बीघापुर, मौरांवा, पुरवा, असोहा, नवाबगंज, लखनऊ समेत तमाम स्थानों से स्नानार्थियों के आने का सिलसिला सुबह से शुरू हो गया था। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने तट पर बैठे पंडों को दान दक्षिणा देकर पुण्य लाभ कमाया। स्नान के बाद तमाम श्रद्धालुओें ने तट पर भगवान सत्य नारायन की कथा सुनी। इसके बाद लोगों ने तट पर लगे मेले का जमकर कर आनंद उठाया।

मंगलवार श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में दीपदान भी किया गया। गंगा मइया की विशेष आरती व हवन पूजन के कार्यक्रम हुए। गंगा तट पर स्नान करने पहुंचे युवाओं ने गंगा मइया के जयकारे भी लगाए। उठ रहे जयकारों से घाट पर भक्तिमय माहौल व्याप्त रहा। दूरदराज एरिया से घाटों पर सोमवार रात पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने सर्दी होने से किसी तरह रात बिताई और अलसुबह जल्दी स्नान कर अपने घरों को रवाना हुए।

मान्यता के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी से भगवान श्रीहरि चार माह के लिए योगनिद्रा में लीन होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते है। तुलसी का विवाह विष्णु स्वरुप शालिग्राम से होता है। इसी खुशी में स्वर्गलोक में देव दीपावली मनाई जाती है। इस दिन तुलसी के पूजन का विशेष महत्व है। श्रद्धालुओं ने सुबह होते ही गंगा स्नान कर वापस लौट घरों में तुलसी देवी का पूजन अर्चन किया। महिलाओं ने भी सुबह घरों में पूजन अर्चन करने के लिए मिष्ठान आदि तैयार किए। महिलाओं ने तुलसी देवी की आरती कर मनवांछित फल की कामना की।


Siddharthnagar: ऐतिहासिक मेले में विशाल झूले व जादू ने किया आकर्षित, सीसीटीवी से हुई निगरानी

कार्तिक पूर्णिमा के मुख्य आकर्षण भारतभारी मेला में दिखा। प्रसिद्ध भरत कुंड सरोवर में हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। जिसमें सभी उम्र के पुरूष व महिलाएं शामिल रहीं। स्नान के बाद पूजा-अर्चना के साथ मंदिर की परिक्रमा भक्तों द्वारा की गई। यहां पखवारे तक चलने वाले पारंपरिक मेले का उत्साह पहले ही दिन चरम पर दिखाई दिया। मेले में विशाल झूला, जादू सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। बच्चों एवं युवा पीढ़ी ने मेले में जमकर आनंद उठाया। दुकानों पर खरीदारों की भीड़ काफी अधिक जुटी नजर आई। जिसमें महिलाओं की संख्या उल्लेखनीय रही।

तहसीलदार अरूण कुमार वर्मा, ईओ अजय कुमार पांडेय, कोतवाल संजय मिश्रा, रमेश कुमार श्रीवास्तव आदि व्यवस्था में जुटे दिखे।


भारतभारी मेला की व्यवस्था प्रशासन के हाथ में होने से नजारा कुछ अलग तरह से दिखाई दिया। मेला स्थल पर आने वाले मार्ग का जहां चौड़ीकरण के साथ सुदृढ़ीकरण कराया गया। वहीं मेले में अवैध वसूली पर पूरी तरह अंकुश लगा दिखाई दिया। प्रशासन द्वारा लेखपाल व अमीन को परिचय पत्र देकर वसूली की जिम्मेदारी दी गई, जो निर्धारित दर पर वसूली करते देखे गए।

मेले में जहां महिला संबंधित सामग्री की दुकानें हैं, वहां महिला पुलिस की व्यवस्था दिखाई दी। घाट पर अप्रिय घटना से बचने के लिए गोताखोर भी लगाए गए। मेले की निगरानी के लिए दो कंट्रोल रूम सहित दस सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

Balia news: कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर जिले में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

बलिया में कार्तिक पूर्णिमा पर्व के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में डुबकी लगाकर स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाई। इस दौरान भारी भीड़ को देखते हुए घाटों से लेकर बलिया शहर में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात रही। घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान के दौरान जल पुलिस से लेकर पीएसी के जवानों की भी तैनाती की गई थी, यही नहीं गैर जनपद से भी पुलिस बल गंगा स्नान की ड्यूटी के लिए लगाई गई है ।

अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि भारी भीड़ को देखते हुए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। घाटों पर विशेष रूप से जल पुलिस की भी व्यवस्था की गई है।

आपको बता दें कि आज के दिन बलिया में गंगा नदी के तट पर स्नान करने से लोगों को उनके पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु को जब महर्षि भृगु ने लात मारी थी और जब लक्ष्मी जी ने उन्हें श्राप दिया था। तब महर्षि भृगु श्राप से मुक्ति पाने के लिए दर दर भटक रहे थे और आज ही के दिन महर्षि भृगु को बलिया में गंगा और तमसा नदी के तट पर स्नान करने के बाद उस श्राप से मुक्ति मिली थी। तब से इस घाट पर स्नान करने का महात्म्य है और उसी समय से लोग अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए गंगा और तमसा नदी के तट पर स्नान करते हैं और बलिया शहर में बने महर्षि भृगु के एकमात्र मंदिर में लोग पूजा पाठ भी करते है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा आरती के साथ ही स्नान शुरू हो जाता है जो पूरे दिन चलता है। इस दौरान बलिया शहर और उसके आसपास सामाजिक संस्थाओं और लोगों द्वारा श्रद्धालुओं के लिए जलपान आदि की व्यस्था भी पूरे मनोयोग से की जाती है।


Hamirpur: यमुना-बेतवा संगम पर डुबकी लगाने वालों का रेला उमड़ा

मंगलवार को जनपद भर में कार्तिक पूर्णिमा की धूम रही। जनपद की नदियों और सरोवरों में सुबह से ही स्नान करने वालों की भीड़ लगने लगी। मुख्यालय में यमुना-बेतवा नदियों के संगम पर सुबह से मेला जैसा दृश्य रहा। यमुना-बेतवा संगम पर डुबकी लगाने वालों का रेला उमड़ा।

जनपद भर में कार्तिक पूर्णिमा की धूम रही। जनपद की नदियों और सरोवरों में सुबह से ही स्नान करने वालों की भीड़ लगने लगी। मुख्यालय में यमुना-बेतवा नदियों के संगम पर सुबह से मेला जैसा दृश्य रहा। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने यमुना-बेतवा के संगम पर डुबकी लगाकर दान-पुण्य किया। नदी में नौकाविहार का भी आनंद लिया। तट पर लगे मेले में खेल-खिलौनों की दुकानें सजी रही। दिवारी नृत्य भी हुए। इस दौरान तट पर ही सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम रहे। गोताखोरों के साथ ही फायर विभाग की टीम यहां किसी भी आपात स्थिति से निपटने को तैयारी दिखाई दी।

भगवान विष्णु को प्रिय कार्तिक मास को पुण्य मास माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है। इस दिन किए जाने वाले अन्न, धन एवं वस्त्रदान का भी बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन जो भी दान किया जाता है, उसका कई गुणा लाभ मिलता है।

मान्यता यह भी है कि इस दिन व्यक्ति जो कुछ दान करता है, वह उसके लिए स्वर्ग में संरक्षित रहता है जो मृत्यु लोक त्यागने के बाद स्वर्ग में उसे पुन: प्राप्त होता है। मुख्यालय में यमुना-बेतवा के संगम स्थल पर मेला लगा। यहां सुबह से ही लोगों की भीड़ लगने लगी थी। शुभ मुर्हुत में लोगों ने संगम में स्नान किया। लोगों ने नौकाविहार का भी आनंद लिया। तट पर लगे मेले में खेल-खिलौने की दुकानें सजी। यहां लोगों ने खरीददारी की। तट पर ही भारी पुलिस फोर्स सुरक्षा व्यवस्था में लगी थी। यहां ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोगों ने जमकर दिवारी नृत्य का भी प्रदर्शन किया। जिसे देखने के लिए मेले में आए लोगों का हुजूम लगा रहा।

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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