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करुणानिधि की राजनीतिक विरासत पर युद्ध , स्टालिन- अलागिरी आमने सामने

Anoop Ojha
Published on: 14 Aug 2018 10:42 AM IST
करुणानिधि की राजनीतिक विरासत पर युद्ध , स्टालिन- अलागिरी आमने सामने
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चेन्नै: करुणानिधि की मौत के बाद जहां एक ओर उनके समर्थक गम में डूबे हैं वहीें दूसरी ओर उनकी राज​नीतिक विरासत पर युद्ध छिड़ गया है। परिवार में भाई-भाई के बीच सत्ता संघर्ष शुरू हो गया है। अलागिरी ने पार्टी पर अपनी दावेदारी जता दी है। अलागिरी को एक साल पहले पार्टी से निकाल दिया गया था और एक साल पहले स्टालिन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया था। स्टालिन ही पार्टी का काम काज देखते रहें है।

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सोमवार को करुणानिधि के समाधि स्थल जाकर उनके बड़े बेटे एम. के. अलागिरी ने दावा किया कि पूरा असली DMK काडर उनके साथ है।

पार्टी से निकाले गए DMK नेता अलागिरी को दोबारा पार्टी में शामिल किए जाने की मांग तेज हो गई है। उन्होंने खुद कहा है कि पार्टी में जो कुछ हुआ है उससे उन्हें दुख हुआ है।

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सोशल मीडिया पर अलागिरी के समर्थन में कई विडियो शेयर किए जा रहे हैं और पोस्टर के जरिए करुणानिधि के बेटे दयानिधि अलागिरी को भविष्य के नेता के तौर पर प्रॉजेक्ट किया जा रहा है।

पार्टी में विरासत पर कबिज होन की इस जंग में पार्टी के वरिष्ठ नेतागण कुछ भी बालने से बच रहें है।

मंगलवार को पार्टी की कार्यकारी समिति की इमर्जेंसी बैठक है और जनरल काउंसिल के पास 80 दिन का समय है जिसमें वह भविष्य के अहम पदों और मामलों पर अहम फैसला लेगी।'



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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