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कश्मीर- बड़ी खबर: अभी-अभी हुआ खुलासा, गिरफ्तार हुए 144 मासूम बच्चे

जम्मू-कश्मीर में मासूम बच्चों को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। अनुच्छेद 370 से हटने के बाद से मतलब की 5 अगस्त से अभी तक जम्मू-कश्मीर में 9 से 18 साल तक के 144 बच्चों को पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया है।

Vidushi Mishra
Published on: 30 Jun 2023 3:39 PM GMT
कश्मीर- बड़ी खबर: अभी-अभी हुआ खुलासा, गिरफ्तार हुए 144 मासूम बच्चे
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जम्मू-कश्मीर

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में मासूम बच्चों को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। अनुच्छेद 370 से हटने के बाद से मतलब की 5 अगस्त से अभी तक जम्मू-कश्मीर में 9 से 18 साल तक के 144 बच्चों को पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया है। जेके हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमिटी (जेजेसी) ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर कहा कि 5 अगस्त के बाद 144 बच्चों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्हें अवैध तरीके से उठाया गया था।

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नाबालिग बच्चों को किया गिरफ्तार

बता दें कि न्यायधीश एन.वी रमना की अगुवाई वाली 3 जजों की पीठ बाल अधिकार कार्यकर्ताओं के द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। जिसमें यह दावा किया गया है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए के बाद से कश्मीर में निवारक निरोध कानून के जरिए नाबालिग बच्चों को गिरफ्तार किया गया है।

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गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 142 नाबालिगों को रिहा कर दिया गया है। जेके हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमिटी (जेजेसी) की यह रिपोर्ट राज्य पुलिस और एकीकृत बाल संरक्षण सेवाओं से प्राप्त पैनल के आंकड़ों पर आधारित है।

इसके साथ बीती सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के पैनल से इन आरोपों की जांच करने को कहा था। कार्यकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा था कि 5 अगस्त को विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में कई नाबालिगों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया।

जेके हाई कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमिटी (जेजेसी) की रिपोर्ट की समीक्षा करने पर मीडिया रिपोर्टस में पाया गया कि अधिकतर 9 और 11 साल के बच्चों को मामूली चोट पहुंचाने और कानून व्यवस्था की समस्या पैदा करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

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पैनल ने पुलिस के जवाब का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस तरह के कामों में व्यस्त होने के परिणामों को समझे बिना बच्चे दुर्भावनापूर्ण प्रोपेगेंडा में शामिल हो जाते हैं और इन बच्चों का इस्तेमाल निहित स्वार्थों द्वारा किया जाता है।

अवैध हिरासत के आरोप बढ़ा-चढ़ा कर पेश किये

इसके साथ रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस मामले पर कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के नियमों के तहत ही हिरासत में लिया गया। रिपोर्ट में राज्य पुलिस का भी हवाला दिया गया।

बताया गया है कि अवैध हिरासत के आरोप बढ़ा-चढ़ा कर पेश किये गए। अक्सर ऐसा होता है कि जब नाबालिग बच्चे पत्थरबाजी में शामिल होते हैं, तो उन्हें मौके पर पकड़ कर घर भेज दिया जाता है। ऐसी कई घटनाएं को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि किसी भी बच्चे को अवैध तरीके से हिरासत में नहीं लिया गया।

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और तो और इसके अलावा रिपोर्ट यह भी कहती है कि राज्य की पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट के अनुसार, 5 अगस्त से 23 सितंबर के बीच 9 से 18 साल के बीच के 144 बच्चों को गिरफ्तार किया गया।

इन बच्चों में से 13 से 18 साल के बीच के 9 बच्चों को अशांति फैलाने की आशंका के तहत गिरफ्तार किया गया, वहीं बचे हुए को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। लेकिन अभी तक केवल दो ही बच्चे न्यायायिक हिरासत में जिनको जुवेनाइल होम में रखा गया है।

Vidushi Mishra

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