TRENDING TAGS :
RS: जितेंद्र सिंह बोले- जेहाद इतना पावन है तो अपने बच्चों को क्यों नहीं भेज देते
नई दिल्ली : राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस ने कश्मीर मुद्दे पर पीएम मोदी को घेरा। कांग्रेस की ओर से बोलते हुए वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 'पीएम संसद में अपने ऑफिस में तो रहते हैं, लेकिन सदन में अहम मुद्दों पर चर्चा में शामिल नहीं होते। आजाद ने पीएम से दलितों पर हमले और कश्मीर के मुद्दे पर संसद में बयान देने की मांग की। राज्यसभा में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के बीच सदन को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
गौरतलब है कि मंगलवार को विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी जिसे उन्होंने मान लिया था। उल्लेखनीय है कि आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी सुलग उठी थी। कश्मीर में बीते 33 दिनों से कर्फ्यू जारी है। मंगलवार को पीएम मोदी ने चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाबरा में अपने संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाया था।
आतंकी बुरहान वाणी की मौत के बाद सुलगती घाटी के कई हिस्सों में अब भी कर्फ्यू जारी है। कश्मीर के हालात पर बुधवार को सभी पार्टियों के नेताओं ने अपनी बात रखी। किसने क्या कहा राज्यसभा में...
आजाद ने की वाजपेयी की तारीफ
इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने पीएम पर हमला बोलते हुए कहा था कि 'पीएम सुबह से शाम तक संसद के कमरे में रहते हैं, लेकिन वो इतने नजदीक होकर भी संसद की कार्रवाई से दूर क्यों हैं।' उन्होंने आगे कहा, अटल बिहारी वाजपेयी यदि पर्लियामेंट में अपने कमरे में होते तो वो किसी हाउस में विशेष विषय पर चर्चा हो रही चर्चा में जरूर जाते, पर हमारे पीएम नहीं आते। फिर आजाद ने कहा मैं वाजपेयीजी की बहुत कद्र करता हूं। इंसानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत जैसी बातें अटलजी के मुंह से ही अच्छी लगती थी।
ये भी पढ़ें ...RS में पास हुआ कश्मीर मुद्दे पर प्रस्ताव, राजनाथ बोले- पाक से PoK पर होगी बात
'मैं किसी को गाली नहीं दे रहा'
गुलाम नबी आजाद ने कहा, हमारे पीएम ने एमपी से कश्मीर को संबोधित किया। वो लोकसभा और राज्यसभा से ऐसा क्यों नहीं बोलते। उनके इतना बोलने पर विपक्ष ने शोर मचाना शुरू किया तो आजाद बोले, 'मैं किसी को गाली नहीं दे रहा हूं, मैं मर्यादा भी समझता हूं।' पीएम को सब मालूम है कि कहां क्या हो रहा है।
पीएम ट्वीट करते हैं, यहां प्यार जताएं
पीएम की नजरों में विपक्ष और सदन की कोई कीमत नहीं है। ऐसी नाराजगी क्या है? विदेश में कोई घटना होती है तो आप ट्वीट करते हैं लेकिन कश्मीर पर ऐसा क्यों हो रहा है। मंगलवार को पीएम ने एमपी की धरती से कश्मीर मुद्दे पर पर नमक छिड़का। उन बच्चों से भी कोई प्यार करें, जिनकी आंखें चली गई। मैं मानता हूं कि हमें मिलकर मिलिटेंसी का मुकाबला करना चाहिए।
ये भी पढ़ें ...NIA की पूछताछ में आतंकी ने उगला राज- भेजा गया था कश्मीर सुलगाने
अरुण जेटली ने दिया जवाब
गुलाम नबी आजाद के पीएम मोदी पर हमले के बाद वित्त मंत्री ने सरकार की ओर से कमान संभाली। उन्होंने कहा, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि एक महीने के सेशन में चार बार किसी मसले पर चर्चा हुई लेकिन कश्मीर मसले पर चौथी बार चर्चा करने के लिए मैं शुक्रिया अदा करता हूं। इस पर जेटली ने कहा कि हमारी बहस का मुद्दा राष्ट्रीय होना चाहिए। आरोप-प्रत्यारोप का दौर बंद हो।
सांसद शमशेर सिंह कहा
इस मुद्दे पर जम्मू कश्मीर से सांसद शमशेर सिंह ने कहा, 'आखिर बच्चों के पास पत्थर कहां से आते हैं।' ये हमारी चिंता का विषय होना चाहिए कि वहां के बच्चे आगे कैसे बढ़ें। उन्होंने कहा, 'सलाउद्दीन यहां से चुनाव लड़ चुका है। मैं इस पर ज्यादा बात नहीं करना चाहता। मैं ये जानना चाहता हूं कि इन अलगाववादियों को किसने बढ़ाया है। मैं यह चाहता हूं कि बात सिर्फ कश्मीर पर न हो, जम्मू और लद्दाख की भी हो।
ये भी पढ़ें ...कुडनकुलम: PM मोदी, जयललिता और पुतिन ने किया उद्घाटन, जानें क्या था प्रोजेक्ट
सपा सांसद राम गोपाल यादव बोले
सपा सांसद राम गोपाल यादव बोले, कश्मीर की समस्या अब इतनी आसान नहीं रह गई है। बंटवारे का तो हम शुरू से विरोध कर रहे थे। ये हमारे लिए नासूर बन गया। अगर शिमला समझौते में थोड़ी सख्ती की जाती तो हालात आज कुछ और होते। ऐसी ही कई गलतियां हमसे हुईं हैं। जब तक पाक पर लगाम नहीं लगाई जाएगी, तब तक कश्मीर में बवाल नहीं रुकेंगे।
तृणमूल सांसद डेरेक ओब्राइन ने कहा
कश्मीर मुद्दे पर तृणमूल सांसद डेरेक ओब्राइन ने कहा, 'बुरहान वाणी जिंदा रहने से ज्यादा मरने के बाद खतरनाक साबित हुआ। एक दो नहीं, सारा बदन है छलनी, दर्द बेचारा परेशां हैं, उड़ूं तो आखिर कहां से।
जदूय सांसद शरद यादव
मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए जदयू सांसद शरद यादव ने कहा, 'आज युद्ध का मामला नहीं है। आपके और पाक के बीच में युद्ध हो ही नहीं सकता है। सरकार मोहब्बत से कश्मीरियों का दिल जितने का प्रयास करे। सरदार पटेल ने एकता के लिए ज्यादा काम किया। हमें उनसे सीख लेनी चाहिए। गोली किसी समस्या का समाधान नहीं है। घर में भी जब बेटा-बेटी विद्रोह करता है तो हम उसे समझाकर ही आगे का रास्ता निकालते हैं।
ये भी पढ़ें ...अवैध खनन को लेकर CM ने मंत्री गायत्री-प्रमुख सचिव को किया तलब
डीपी त्रिपाठी, सांसद एनसीपी
इसके बाद एनसीपी के सांसद डीपी त्रिपाठी ने मोर्चा थामा। उन्होंने कहा, 'ये फैली हुई कब्रगाह मेरा मुल्क नहीं है। कश्मीरी छात्रों के साथ देश के अन्य हिस्सों में अन्याय हो रहा है। जेएनयू में आज कश्मीरी छात्रों को शक की नजर से देखा जा रहा है। अब इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।'
पीडीपी सांसद नजीर अहमद
पीडीपी सांसद नजीर अहमद ने सवालिए लहजे में पूछा, 'आज कश्मीर का नौजवान देश का हिस्सा क्यों नहीं है। क्यूं हमें कश्मीर तब याद आता है जब वह जल रहा होता है। वहां का नौजवान भी डॉक्टर बनना चाहता है, पर ऐसा नहीं हो रहा। हम बेहद कमजोर लोग हैं। हमसे युद्ध करने की जरूरत नहीं है। अफजल गुरु को फांसी देने वाले कह रहे हैं कि उसके साथ इंसाफ नहीं हुआ है।'
कांग्रेस सांसद कर्ण सिंह
कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद कर्ण सिंह ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि सबसे पहले पेलेट गन बैन हो। ये बेहद बद्तर तरीका है। अगर कोई दल कश्मीर में जाता है तो वो वहां की जनता से मिले न कि महबूबाजी से मिलकर आ जाए।'
जितेंद्र सिंह, राज्यमंत्री
पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, 'कुछ ऐसी कैफियत है कि कुछ नहीं कहते।' इस मुद्दे पर कई दिनों से बोलने का मन कर रहा था। मंत्री बनने पर संभलकर बोलना पड़ता है। हम अपनी जरूरत के अनुसार गड़े मुर्दे उखाड़ लेते हैं। अगर आप देश पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं तो आपका नाम बुलंद हो जाता है। ये बुद्धिजीवियों का नया रिवाज है। 'इंटलेक्चुअल टेररिज्म।' अगर ये जेहाद इतना पावन है तो अपने बच्चों को क्यों नहीं भेज देते। अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ाई के लिए भेजते हैं और गरीबों के बच्चों को उकसाते हैं। जितेंद्र सिंह ने कहा, 'मेरी प्रार्थना है कि हम आंकड़ों के मकड़जाल में न उलझें। बार-बार कहा जा रहा है कि जब से बीजेपी आई तबसे गदर हो गया। तो सवा साल से क्यों कुछ नहीं हुआ।'
गृहमंत्री श्रीनगर में दो दिन प्रवास पर रहे। हजारों संदेश कांग्रेस के लोगों को भेजे गए पर वो नहीं आए। घर जाओ तो मिलेंगे नहीं और यहां कहेंगे हमसे मिलो। क्या बिना कश्मीरी पंडितों के कश्मीरियत के कोई मायने हैं। हमें इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।
पीडीपी के सांसद मीर मोहम्मद फयाज
पीडीपी सांसद फयाज ने कहा, 'अफजल गुरु को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी दी थी। मैं यह जानना चाहता हूं कि उसका सीरियल नंबर 27 था। उसे पहले क्यों फांसी दी गई। इससे जनता में निगेटिव मैसेज गया। वादे यदि हमने निभाए होते तो आज कश्मीर की हालत ये नहीं होती।'
कांग्रेस के सांसद विवेक तन्खा
किसी कश्मीरी पंडित को सदन में भेजने के लिए मैं कांग्रेस अध्यक्ष को धन्यवाद देता हूं। कश्मीरी पंडित कश्मीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। इनकी घर वापसी की प्लानिंग सरकार करवाए।
राम जेठमलानी, आरजेडी, सांसद
कश्मीर मसले से हमें पाक को दूर रखना चाहिए। हमें पाक से किसी भी तरह की बात नहीं करनी चाहिए। बात हमें करनी चाहिए तो सिर्फ कश्मीरियों से।