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Kashmir : कश्मीर का नाम कश्यप के नाम पर रखे जाने की तैयारी? जानिए महत्व
Kashmir : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पुस्तक के माध्यम से कश्मीर के इतिहास को टटोलने की कोशिश की है।
Kashmir : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने ‘J&K and Ladakh Through the Ages’ पुस्तक के विमोचन पर कहा कि कश्मीर वह भूभाग है, जहां हजारों साल पुरानी संस्कृति मौजूद थी। यहीं पर सूफी, बौद्ध और शैल मठ विकसित हुए हैं। उन्होंने आदि शंकराचार्य और हेमिष मठ का जिक्र करते हुए कहा कि कश्यप के नाम पर ही कश्मीर बसा था। उन्होंने कहा कि कश्मीर का नाम कश्यप भी हो सकता है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पुस्तक के माध्यम से कश्मीर के इतिहास को टटोलने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में कश्मीर के इतिहास को प्रमाण के साथ बताया गया है। उन्होंने इतिहासकारों को लेकर भी बड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान अज्ञानता के कारण देश की परिभाषा को गलत लिखा गया है।
कश्मीर पर नहीं उठा सकता कोई सवाल
उन्होंने कहा कि यहां दिल्ली में बैठकर इतिहास नहीं लिखा जाता है, उसे समझना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब शासकों को खुश करने के लिए इतिहास लिखने का समय समाप्त हो चुका है। उन्होंने हमारे देश की बाउंड्री सांस्कृतिक परंपरा के आधार पर है।
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से कश्मीर अंग रहा है, इसके कोई भी अलग नहीं कर सकता है। उन्होंने प्रचीन ग्रंथों में कश्मीर का जिक्र है, तो इस पर कोई सवाल ही नहीं उठा सकता है कि कश्मीर किसका है।
जानिए पौराणिक इतिहास
कश्मीर को भारत का सबसे प्रचीन और पहला राज्य माना जाता है। पौराणिक कथाओं में कहा जाता है कि मारीच के पुत्र कश्यप के नाम से पहले कश्मीर का नाम कश्यपमर या कशेमर्र था। हालांकि मत्स्य पुराण में जिक्र है कि जहां मारीच के वंशज निवास करते थे, वह सोमपथ के नाम से जाना जाता था। इससे पहले काश्मीर को सतीसर भी कहते थे। बताया जा रहा है कि यहां सती भगवती एक सरोवर में नाव से नौका विहार कर रहीं थी, इसी दौरान ऋषि कश्यप आ गए और वह राक्षस को मारना चाहते थे। उस राक्षस का नाम 'जलोद्भव' था। राक्षस को मारने के लिए वह तपस्या करने लगे, इसी दौरान सती भगवती ने पक्षी का रूप धारण करके चोंच में पत्थर रख लिया और राक्षस को मार डाला। इसी जगह को हरी पर्वत के नाम से जाना जाता है।
कश्मीर को बनाया था सपनों का राज्य
कहा जा रहा है कि कश्यप सागर (कैस्पियन सागर) भी कश्यप ऋषि के नाम पर रखा गया था। बताया जा रहा है कि ऋषि कश्यप ही कश्मीर के पहले राजा थे। उन्होंने कश्मीर को अपने सपनों का राज्य बनाया था। कश्यप ऋषि की पत्नी कद्रू थी, उनके गर्भ से नागों की उत्पत्ति हुई थी। इसी के बाद से नागवंश की स्थापना मानी जाती है। कश्मीर का अनंतनाग नागवंशियों की राजधानी थी।