विपक्ष को कश्मीर मुद्दे पर मोदी सरकार के 'इरादे और ईमानदारी' पर संदेह

Gagan D Mishra
Published on: 24 Oct 2017 2:14 PM GMT
विपक्ष को कश्मीर मुद्दे पर मोदी सरकार के इरादे और ईमानदारी पर संदेह
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नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि विपक्ष को नरेंद्र मोदी सरकार के कश्मीर मुद्दे को गंभीरता से सुलझाने के 'इरादे और ईमानदारी पर' संदेह है। सरकार की जम्मू एवं कश्मीर में वार्ता की नई पहल पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता आजाद ने अपने भावना को उर्दू शेर के रूप में पेश किया।

उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, "तमन्नाओ में उलझाया गया हूं/ खिलौना देकर बहलाया गया हूं।"

आजाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, "इन साढ़े तीन वर्षो में, मोदी सरकार ने तल्ख रुख अख्तियार किया। अब कार्यकाल के समाप्त होने के समय सरकार कुछ प्रचार के लिए बातचीत करने की पहल कर रही है। हमें सरकार के इरादे और ईमानदारी पर शक है।"

उन्होंने कहा कि यह पहल बहुत देर से हुई है और इसका कोई निश्चित समय सीमा नहीं है।

सरकार ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर पर अचानक अपने कड़े रवैये को छोड़कर अलगाववादियों समेत सभी साझेदारों से बातचीत का रास्ता अख्तियार करने की घोषणा की और इसके लिए आईबी के पूर्व प्रमुख दीनेश्वर शर्मा को वार्ताकार नियुक्त किया।

आजाद ने कहा बीते तीन वर्षो में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पाíटयों ने सरकार से कश्मीर मुद्दे पर विश्वास बहाली के उपाय अपनाने की जरूरत पर जोर दिया था लेकिन सरकार ने इसे अनसुना कर दिया।

आजाद ने कहा, "कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा है और पूरी दुनिया में कोई भी राजनीतिक मुद्दा ऐसा नहीं है जिसे ताकत के इस्तेमाल या तल्ख रवैये से सुलझाया जा सकता हो। अगर इस सरकार ने हमारी पहले सुनी होती, तो कई सैनिकों और नागरिकों की महत्वपूर्ण जिंदगियां बच सकती थीं और तीन व चार वर्ष के बच्चों समेत कई युवा पेलैट गन से अपनी आंख नहीं गंवाते।"

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास कश्मीर मुद्दे पर 'कोई भी नीति नहीं' है।

--आईएएनएस

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