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Jammu and Kashmir: राहुल भट्ट की हत्या से कश्मीरी पंडितों में उबाल, मांगी सुरक्षा, भाजपा नेताओं का भारी विरोध
Rahul Bhatt Murder: बडगाम में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों में गुस्सा।
Rahul Bhatt Murder: जम्मू-कश्मीर के बडगाम में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों में जबर्दस्त उबाल दिख रहा है। बडगाम जिले की चथूरा तहसील में राजस्व अधिकारी के रूप में काम करने वाले राहुल भट्ट की आतंकियों ने गुरुवार को ऑफिस में घुसकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद कश्मीरी पंडित सरकार से सुरक्षा की गारंटी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक ओर तो सरकार कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी का दावा कर रही है तो दूसरी ओर यहां रहने वाले कश्मीरी पंडितों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है।
राहुल भट्ट की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को कश्मीरी पंडितों के जबर्दस्त विरोध का सामना करना पड़ा। मौके पर मौजूद कश्मीरी पंडितों ने भाजपा नेताओं का घेराव करके मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हत्या के बाद रात भर धरना-प्रदर्शन का दौर भी चलता रहा। हाईवे पर जाम लगाकर बैठे लोगों को मनाने में अफसरों के पसीने छूट गए।
सुरक्षा मिलने पर ही करेंगे नौकरी
इस हत्याकांड से नाराज कश्मीरी पंडितों का कहना है कि जब तक उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी तब तक वे लोग नौकरियों पर नहीं जाएंगे। बडगाम में शेखपोरा पंडित कॉलोनी के पास नाराज लोगों ने घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। कैंप में रह रहे कश्मीरी पंडितों ने भी हाईवे पर जाम लगाकर सरकार के प्रति विरोध जताया।
कश्मीरी पंडितों का कहना है कि वे घाटी में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और सरकार की ओर से सुरक्षा मुहैया कराए जाने का दावा पूरी तरह फेल नजर आ रहा है।शुक्रवार को सुबह राहुल भट्ट के अंतिम संस्कार में लोगों का भारी हुजूम उमड़ा। लोगों की नाराजगी को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अफसर भी अंतिम संस्कार के मौके पर मौजूद थे।
भाजपा नेताओं का घेराव,जमकर नारेबाजी
राहुल भट्ट के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और रविंदर रैना और पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता भी पहुंचे। जम्मू कश्मीर में भाजपा के इन दोनों बड़े नेताओं को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। कश्मीरी पंडितों ने दोनों नेताओं का घेराव करके जमकर नारेबाजी की।
कश्मीरी पंडितों की शिकायत थी कि भाजपा की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं मगर उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है। इसकी कीमत राहुल भट्ट को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। कश्मीरी पंडितों ने कहा कि आतंकी चुन-चुन कर कश्मीरी पंडितों को निशाना बना रहे हैं मगर सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। भाजपा नेताओं के तमाम आश्वासन के बावजूद लोगों का गुस्सा नहीं शांत हुआ।
राहुल की पत्नी ने भी उठाए सवाल
इस बीच राहुल भट्ट की पत्नी मीनाक्षी ने भी घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। उनका कहना है कि सरकार को कश्मीरी पंडितों की कोई फिक्र नहीं है और उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। उन्होंने शिकायत की कि बडगाम की चथूरा तहसील में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी और इसी कारण आतंकी राहुल भट्ट को निशाना बनाने में कामयाब रहे।
उन्होंने बताया कि आतंकियों ने तहसील परिसर में पहुंचकर राहुल भट्ट का नाम लेकर उनके बारे में पूछताछ की और फिर गोलियां चला दीं। उन्होंने तहसील के किसी कर्मचारी की आतंकियों से मिलीभगत का संदेह भी जताया। उन्होंने कहा कि सेना को दो दिनों के भीतर राहुल की हत्या करने वाले आतंकियों को ढेर करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि किसी की जान जाने के बाद ही आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों की जाती है। उन्हें पहले ही सेना की ओर से निशाना क्यों नहीं बनाया जाता।
शिवसेना ने मोदी सरकार को घेरा
इस बीच शिवसेना ने भी घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं। पार्टी के नेता संजय राउत ने कहा कि एक ओर तो सरकार की ओर से कश्मीरी पंडितों की घर वापसी का दावा किया जा रहा है तो दूसरी ओर वहां रहने वाले कश्मीरी पंडितों को आतंकी निशाना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा मुहैया कराने के सरकार के दावे पूरी तरह फेल साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि अभी तक कश्मीर में कितने कश्मीरी पंडितों की वापसी हुई है मगर यह सच्चाई है कि कश्मीर में रह रहे कश्मीरी पंडित खुद को पूरी तरह असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।