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Kerala Monsoon Update: केरल में भीषण सूखे की स्थिति, मानसून ने दिया धोखा
Kerala News: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 1 जून से 16 अगस्त की अवधि के दौरान केरल में सिर्फ 877.2 मिमी बारिश हुई, जबकि राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए सामान्य वर्षा का आंकड़ा 1,572.1 मिमी है।
Kerala Monsoon Update:: केरल देश में मानसून का प्रवेश द्वार है और यहीं से बरसात के सीजन की शुरुआत होती है। लेकिन इस साल केरल में भीषण सूखे की स्थिति बन गई है क्योंकि राज्य में मौसमी वर्षा में 44 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। यानी केरल में जितनी बारिश होनी चाहिए, उसकी करीब आधी हुई है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 1 जून से 16 अगस्त की अवधि के दौरान केरल में सिर्फ 877.2 मिमी बारिश हुई, जबकि राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए सामान्य वर्षा का आंकड़ा 1,572.1 मिमी है।इसका मतलब है कि इस सीज़न में 44 प्रतिशत की कमी है। 10 से 16 अगस्त तक सात दिनों के बारिश के आंकड़े बताते हैं कि स्थिति कितनी विकट है। उस अवधि के दौरान बरसात में 94 प्रतिशत की कमी हुई है, क्योंकि सामान्य वर्षा 109.6 मिमी की तुलना में मात्र 6.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई। आईएमडी केरल के अनुसार अगले दो हफ्तों के लिए बारिश का पूर्वानुमान भी सामान्य से कम बारिश दर्शाता है।
इडुक्की में सबसे कम
इडुक्की, जहां केरल की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना स्थित है, वहां 16 अगस्त तक इस सीजन में 60 प्रतिशत की कमी के साथ सबसे कम बारिश दर्ज की गई है। इडुक्की जलाशय में जल स्तर रिकॉर्ड कम हो गया है। केरल इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड (केएसईबीएल) के अनुसार फिलहाल इडुक्की में जल स्तर सामान्य क्षमता का सिर्फ 31.13 प्रतिशत है। जबकि पिछले साल इसी समय के दौरान यह 80.2 प्रतिशत था। पानी का फ्लो नहीं होने से इडुक्की जलविद्युत स्टेशन पर बिजली उत्पादन प्रभावित होगा। केरल की दूसरी सबसे बड़ी बिजली परियोजना पथानामथिट्टा के कक्की में है जहां जल स्तर 35.6 प्रतिशत पर गिर चुका है जबकि पिछले साल अगस्त में यह 62.42 प्रतिशत था। वायनाड के बाणासुर सागर जलाशय में, जो राज्य का तीसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादन संयंत्र है, जल स्तर 61 प्रतिशत पर है, लेकिन यह पिछले साल अगस्त में दर्ज 92 प्रतिशत के स्तर से काफी नीचे है।
पीने के पानी का भी संकट
राज्य में पेयजल भंडारों की भी ऐसी ही हालत है। जानकारों के मुताबिक आगामी पूर्वोत्तर मानसून के दौरान भी वर्षा कम हुई तो राजधानी तिरुवनंतपुरम में जल आपूर्ति प्रभावित होगी। केरल जल प्राधिकरण, तिरुवनंतपुरम के अनुसार फिलहाल पेप्पारा बांध पर अगले 100 दिनों के लिए पीने का पानी उपलब्ध है। अगर पूर्वोत्तर मानसून की बारिश नहीं मिली तो मुश्किल हो जाएगी। राज्य के अन्य हिस्सों में भी स्थिति चिंताजनक है।इडुक्की में सबसे कम वर्षा होने से इसका असर केरल के मध्य भागों से अरब सागर में बहने वाली सभी नदियों के जल स्तर पर पड़ा है। विशेष रूप से इडुक्की और पलक्कड़ जैसे जिलों के किसान इस साल पूरी फसल के नुकसान का सामना कर रहे हैं।
राज्य के कई ऊंचाई वाले क्षेत्र पहले से ही पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं, क्योंकि कमजोर मानसून के कारण भूजल स्तर कम हो गया है।
बहरहाल, केरल की उम्मीदें अब पूर्वोत्तर मॉनसून पर टिकी हैं, जो अक्टूबर और दिसंबर के बीच आता है।