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मितरों! बदल गई किलोग्राम की परिभाषा, जानिए कितनी टेंशन में हैं आप
नई दिल्ली : जिस तरह हमारे लिए खाना, पीना, सोना आवश्यक है, उसी तरह हमारे लिए किलोग्राम भी आवश्यक है। सब्जियां, फल, अनाज या कुछ और खरीदने पर किलोग्राम से वास्ता पड़ता है। लेकिन सोच कर देखिए यदि किलोग्राम रिटायर हो जाए तो क्या होगा, सोच लिया...कोई नहीं हम बता देते हैं रिटायर हो गया है किलोग्राम अब नई परिभाषा गढ़ी जा चुकी है
क्या से क्या हो गया देखते-देखते
पुराने किलोग्राम के रिटायर होने के बाद अब एक किलोग्राम को प्लांक कॉन्स्टेंट के आधार पर मापा जाएगा। लेकिन टेंशन मत लें इस बदलाव का हमारे जीवन में कोई असर नहीं पड़ेगा।
ऐसे समझ सकते हैं बदलाव
एक किलो चीनी खरीदते वक्त यदि आपको चीनी का एक दाना कम मिले या ज्यादा आपको फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन विज्ञान के प्रयोगों में इस एक दाने का काफी असर पड़ेगा, क्योंकि विज्ञान जगत में सटीक माप की आवश्यकता होती है। किलोग्राम की परिभाषा को बदलने का यह निर्णय फ्रांस में दुनिया के 60 वैज्ञानिकों ने वोटिंग करके लिया है।
एक किलो को मापने वाली वस्तु फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक तिजोरी में बंद है। यह एक सिलेंडरनुमा बांट है। बोलचाल की भाषा में 'किलो के स्टैंडर्ड भार को ग्रैंड-के बोला जाता है। ये एक छोटे से कांच के बक्से में बंद है, ये गोल्फ बॉल के बराबर ऊंचा एक सिलेंडर है। इसे दुनिया का स्टैंडर्ड एक किलो भार माना जाता था।
आपको बता दें, किलोग्राम को पहली बार वर्ष 1795 में डिफाइन किया गया था और वर्ष 1889 में बदला गया। वहीं अब 20 मई, 2019 से वैज्ञानिक किलोग्राम को मापने के नए तरीके का प्रयोग करेंगे। अब दुनिया भर के छात्रों को परीक्षा में नई परिभाषा लिखनी पड़ेगी।
16 नवंबर, 2018 को फ्रांस के वर्साय में जनरल कॉन्फ्रेंस ऑन वेट्स एंड मेजर्स में 60 देशों के सदस्यों ने मतदान के जरिए किलोग्राम की परिभाषा को बदलने का निर्णय लिया। अब से किलोग्राम को प्लांक कॉन्स्टेन्ट के आधार पर मापा जाएगा। इसे मापने के लिए किब्बल तराजू का उपयोग होगा, जो करंट से संचालित होता है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि एम्पीयर (करंट की यूनिट), केल्विन (ठंडे तापमान की यूनिट) और मोल (पदार्थ की मात्रा की यूनिट) में भी जल्द बदलाव देखने को मिलेंगे।
क्या हुआ था 143 वर्ष पहले
आज से 143 वर्ष पहले 1875 में 17 देशों ने फ्रांस में इंटरनेशनल ब्यूरो ऑफ वेट एंड मेजर्स की स्थापना की। इसका काम था- अलग-अलग चीजों के सात मानकों की इकाई तय करना। 7 स्टैंडर्ड (एसआइ) इकाई तय हुईं। इसके बाद ये सात इकाई तय की गईं
करंट के लिए एम्पियर
तापमान के लिए केल्विन
पदार्थ की मात्रा के लिए मोल
प्रकाश की तीव्रता के लिए कैंडेला
लंबाई के लिए मीटर
भार के लिए किलोग्राम
समय के लिए सेकंड
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