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बेबाक टिप्पणियों से किरण बेदी को मिलती रही पहचान, विवादों से पुराना नाता
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री के साथ सीधे टकराव की स्थिति उत्पन्न करने वाली उपराज्यपाल किरण बेदी की विदाई से भले ही राजनीतिक मामले का पटाक्षेप होता दिखाई दे रहा है, लेकिन अपनी बेबाक टिप्पणियों और बिंदास एक्शन के लिए मशहूर किरण बेदी हमेशा नए विवादों को जन्म देने के लिए जानी जाती रही हैं।
नई दिल्ली: पुडुचेरी के मुख्यमंत्री के साथ सीधे टकराव की स्थिति उत्पन्न करने वाली उपराज्यपाल किरण बेदी की विदाई से भले ही राजनीतिक मामले का पटाक्षेप होता दिखाई दे रहा है, लेकिन अपनी बेबाक टिप्पणियों और बिंदास एक्शन के लिए मशहूर किरण बेदी हमेशा नए विवादों को जन्म देने के लिए जानी जाती रही हैं। पुडुचेरी का उपराज्यपाल रहते हुए उन्होंने 1 साल पहले जल संकट को लेकर तमिलनाडु के लोगों पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके लिए उन्हें लोकसभा में लिखित तौर पर माफी मांगनी पड़ी थी।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली असफलता
भारत सरकार की पुलिस सेवा में लंबे समय तक काम करने वाली महिला आईपीएस किरण बेदी ने दिल्ली पुलिस की नौकरी से तब इस्तीफा दिया था जब उन्हें वरिष्ठ होने के बावजूद पुलिस कमिश्नर का चार्ज नहीं दिया गया। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री प्रत्याशी के तौर पर दिल्ली विधानसभा चुनाव का नेतृत्व भी किया, लेकिन अपने पुलिसिया अंदाज और सीधी सपाट कार्यशैली की वजह से हुआ भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर मतदाताओं के बीच अपने लिए समर्थन जुटाने में नाकाम रहीं।
सांसदों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी
उनके जीवन में सबसे बड़ा और पहला विभाग 1988 में हुआ जब वह दिल्ली में नाथ डीसीपी के पद पर तैनात थे और एक वकील को हथकड़ी लगाकर अदालत में पेश कर दिया इसका तीस हजारी कोर्ट के वकीलों ने विरोध किया तो उन्होंने लाठीचार्ज करा दिया और इसमें तर्जनी वकील घायल हो गए। लोकपाल विधेयक के दौरान उन्होंने सांसदों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की इसके विरोध में सदन में विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया गया लेकिन बाद में सांसदों ने इसे वापस ले लिया।
विवादों से किरण बेदी का पुराना नाता
एक और विवाद तब सामने आया जब एक कार्यक्रम के आयोजकों ने दावा किया कि उन्होंने हवाई यात्रा के लिए दिल्ली से मुंबई तक एग्जीक्यूटिव क्लास का टिकट लिया यात्रा पुणे से मुंबई तक ही की। उनकी बेटी के एमबीबीएस पाठ्यक्रम मैं प्रवेश का मामला भी विवादों में रहा उन पर आरोप लगा कि उन्होंने उत्तर-पूर्व राज्यों के विद्यार्थियों के लिए मिलने वाले कोठे का दुरुपयोग करते हुए अपनी बेटी को लाभ दिलाया। किरण बेदी उन्हें मिजोरम में तैनात थी। यह कोटा उन विद्यार्थियों को दिया जाता है जो नार्थ ईस्ट के राज्यों से आते हैं।
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पांडिचेरी के राज्यपाल रहने के दौरान उनका ताजा विवाद वर्तमान मुख्यमंत्री नारायण स्वामी के साथ हुआ। नारायण स्वामी ने उन पर आरोप लगाया है कि वह निर्वाचित सरकार को लोकतांत्रिक तरीके से काम करने से रोक रहे हैं और राज्य सदन से सरकार चलाना चाहती हैं। मुख्यमंत्री और उप राज्यपाल का विवाद इस कदर बढ़ गया कि मुख्यमंत्री ने कई दिन तक राज भवन के गेट पर धरना दिया। पुडुचेरी में चुनाव होने जा रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व में यह मानकर कि इस विवाद से चुनावी नुकसान हो सकता है किरण बेदी से पल्ला झाड़ लिया है लेकिन विवादों से किरण बेदी का नाता कैसे खत्म होगा यह समय ही बताएगा।
अखिलेश तिवारी