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देशभर में चक्का जाम: किसान मोर्चा का बड़ा एलान, इस दिन रोक देंगे भारत की रफ्तार

, किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों के खिलाफ 6 फरवरी को पूरे देश में चक्का जाम का आह्वाहन किया है। उस दिन दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किसान देशभर में चक्का जाम लगा देंगे।

Shivani Awasthi
Published on: 1 Feb 2021 4:07 PM GMT
देशभर में चक्का जाम: किसान मोर्चा का बड़ा एलान, इस दिन रोक देंगे भारत की रफ्तार
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नई दिल्ली: ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई किसान हिंसा के बाद कमजोर पड़ा आंदोलन एक बार फिर रफ्तार पकड़ने लगा है। एक ओर जहां किसानों का धरना प्रदर्शन सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर अभी भी जारी है, और जगह जगह खाप महापंचायत का आयोजन हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को देशभर में छक्का जाम करने का एलान किया है।

6 फरवरी को किसान करेंगे चक्का जाम

दरअसल, किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों के खिलाफ 6 फरवरी को पूरे देश में चक्का जाम का आह्वाहन किया है। उस दिन दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किसान देशभर में चक्का जाम लगा देंगे। किसान मोर्चा के इस एलान के बाद एक बार फिर सुरक्षा और यातायात व्यवस्था डगमगा जाएगी। ऐसे में राज्यों में प्रशासन और पुलिस को किसानों के चक्का जाम के लिए तैयार होना पड़ेगा।

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कृषि कानूनों के खिलाफ किसान मोर्चा का बड़ा एलान

बता दें कि इसके पहले कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताते हुए किसान संगठनों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शहादत दिवस पर 30 जनवरी को दिनभर उपवास रखा था। सबसे बड़ा झटका देश को 26 जनवरी को मिला, जब गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली। हालंकि इस दौरान किसान की पुलिस से हिंसा हो गयी। जगह जगह आंसू गैस के गोले छोड़े गए। लाठी चार्ज हुआ।

26 जनवरी को दिल्ली में हुआ था बवाल

भारी बवाल के बीच किसान लाल किले तक पहुँच गए और उसपर कब्जा कर प्राचीर पर झंडा फहराया। इस पूरे प्रकरण में किसानों का आक्रोश और कृषि कानूनों व् प्रशासन के खिलाफ उनकी तगड़ी नाराजगी साफ़ देखने को मिली।

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गौरतलब है कि तकरीबन दो महीने से ज्यादा समय से किसान दिल्ली को चारों ओर से घेर कर सिंघु, टिकरी, गाजीपुर बॉर्डर और कई हाईवे पर धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताने के लिए 5 नवंबर को दिल्ली चलो आंदोलन का आह्वान किया। उसके बाद भारत बंद, भूख हड़ताल, रेल रोको अभियान के जरिये सरकार तक अपनी विरोधाभाषी गूँज पहुंचाई।

FARMERS

किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता भी बेनतीजा

वहीं किसानों को समझाने के लिए सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक 11 चरणों में वार्ता हो चुकी है, लेकिन दोनो पक्षों के बीच सुलह नहीं हुई। किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं और सरकार कृषि कानूनों को रद्द न करने के अपने फैसले पर अडिग है।

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Shivani Awasthi

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