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#Budget2019: अमा! खुशी बाद में मना लेना, पहले Gratuity जी के बारे में जान लो
अपने कार्यवाहक वित्त मंत्री ने महफिल लूट ली है। मतलब पूरा का पूरा चुनावी बजट पेश कर दिया है। देश में खुशी का माहौल है। होली दिवाली मनाई जा रही है। बम (अमा सुतली वाले) फोड़े जा रहे हैं। इतनी खुशी तो बंदे को दहेज में मिली पल्सर चला के नहीं होती जितनी 5 लाख आमदनी के टैक्स फ्री होने से मिली है।
लखनऊ : अपने कार्यवाहक वित्त मंत्री ने महफिल लूट ली है। मतलब पूरा का पूरा चुनावी बजट पेश कर दिया है। देश में खुशी का माहौल है। होली दिवाली मनाई जा रही है। बम (अमा सुतली वाले) फोड़े जा रहे हैं। इतनी खुशी तो बंदे को दहेज में मिली पल्सर चला के नहीं होती जितनी 5 लाख आमदनी के टैक्स फ्री होने से मिली है। लेकिन मंत्री जी ने ये नहीं बताया कि साल में 5 लाख कमाने कैसे हैं। एक बात और बोली है अपने मंत्री जी ने। ग्रेच्युटी के बारे में कि इसकी सीमा 10 लाख से बढ़कर 20 लाख कर दी गई है। इसके बाद तो लोगों को लगाने लग कि अब तो बवाल ही काट देंगे हम। तो मितरों हमने सोचा ग्रेच्युटी के बारे में भी बता दें, क्योंकि बाद में कोई ये ना कहे की बताया नहीं।
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तो शुरू करते हैं ग्रेच्युटी कथा
एक कंपनी में 5 वर्ष या उससे अधिक समय तक काम करने पर सैलरी, पेंशन और पीएफ के साथ जो धन प्राप्त होता है, उसे ग्रेच्युटी कहते हैं। इसमें कुछ पैसा वेतन से कटता और बाकी का बहुत बड़ा वाला हिस्सा कंपनी देती है।
यहां एक बात भी ध्यान दें, या कहीं नोट कर लें कि जिस कंपनी में आप काम करते हैं वहां 10 से अधिक कर्मी होने चाहिए, ऐसे में आपकी ग्रेच्युटी पक्की है।
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फार्मूला क्या होता है
हमारे सहकर्मी हैं धर्मेन्द्र जी। मान लेते हैं वो 30 वर्षों से काम कर रहे हैं कंपनी में। उनको पिछली बार बेसिक सैलरी और डीए मिलाकर 50 हजार रुपए मिले थे। अब हम उनकी ग्रेच्युटी का हिसाब लगाने वाले हैं। (वैसे आज इसे पढ़ कर धर्मेन्द्र जी खुश बहुत होने वाले हैं)
तो धर्मेन्द्र जी आपका महिना होता है 26 दिन का। क्योंकि बाकी चार दिन तो आप छुट्टी मनाते हैं। मनाते हैं कि नहीं....!
तो अब आप अपने फोन का गणना सूचक ऑन कर 50 हजार को 26 से भाग दीजिए। उत्तर मिलेगा 1923.07, इसे रु मान लीजिए। इसके बाद अपनी नौकरी के कुल कार्यकाल को 15 से गुणा कर दीजिए। नाराज मत हो भाई! 15 से इसलिए क्योंकि ग्रेच्युटी साल के 15 दिन के हिसाब से ही जोड़ते हैं। उत्तर आया होगा 450। अब दोनों उत्तर (450 और 1923.07) को आपस में गुणा करिए। लगभग ते आल मोस्ट उत्तर होगा 8,65,381, इसे भी रु मान लीजिए। यही 30 साल की नौकरी में आपकी ग्रेच्युटी है। तो भईया आज के इस पवन पर्व पर हमें भी कुछ दे दीजिए। अमा इतना पैसा तो रखे हो। क्या कहा नहीं देंगे! कोई नहीं लिख लो अगली बार मोदी जी कह देंगे ये तो चुनावी जुमला था। हाय लगे तुम को मेरी!! (मजाक है भाई..सच्ची)
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आपको बता दें, देश में ग्रेच्युटी के हिसाब किताब के लिए कोई संस्था नहीं है। है तो सिर्फ ओनली ग्रेच्युटी एक्ट।
अब इतना पढ़ लिए हैं तो ये भी जान ही लीजिए की ग्रेच्युटी आया कब और कहां से
ग्रेच्युटी देने का चलन वर्ष 1972 में शुरू हुआ। मकसद ये था कि कर्मचारी कंपनी के साथ लंबा समय बिताएं और दोनों मस्त रहें।