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हिमाचल विस चुनाव: जानिए 50 लाख वोटर में कितने एनआरआई और ट्रांस जेंडर

मुख्य निर्वाचन आयुक्त की शिमला दौरे और चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के बीच हिमाचल विधान सभा चुनाव के अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है।

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Published on: 27 Sept 2017 12:18 AM IST
हिमाचल विस चुनाव: जानिए 50 लाख वोटर में कितने एनआरआई और ट्रांस जेंडर
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हिमाचल विस चुनाव: जानिए 50 लाख वोटर में कितने एनआरआई और ट्रांस जेंडर वेद प्रकाश सिंह

शिमला : मुख्य निर्वाचन आयुक्त की शिमला दौरे और चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के बीच हिमाचल विधान सभा चुनाव के अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है। अनुमान है कि अक्टूबर में कभी भी आदर्श आचार संहिता की घोषणा हो सकती है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 50 लाख मतदाताओं वाले हिमाचल प्रदेश में कुल चार एनआरआई और 12 थर्ड जेंडर मतदाता है। जिनका नाम मतदाता सूची में हैं।

इसके अलावा ईवीएम मशीन पर उठ रहे सवालों पर चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए कहा कि यह मशीनें बेहद सुरक्षित हैं और इन्हें हैक नहीं किया जा सकता है। अपनी बात आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि इन मशीनों का निर्माण वही कंपनियां करती हैं जो देश के रक्षा संबंधी उपकरण भी बनाती हैं।

चुनाव आयोग के आंकड़ो के अनुसार, हिमाचल मतदाताओं पर एक नज़र:

-प्रदेश में कुल 49.50 लाख मतदाता हैं।

-प्रदेश में कुल 24.9 लाख पुरुष और 24.07 लाख महिला, 4 एनआरआई और 12 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।

-सवा लाख नए वोटर मतदाता सूची में शामिल हुए हैं।

-41 हज़ार युवा पहली बार वोट डालेंगे।

-47 हज़ार मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।

-अब तक 63,200 फॉर्म आयोग को मिले हैं।

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ये मिलेंगी सुविधाएं

-हर बूथ पर रैंप, पीने का पानी, शौचालय, बिजली और वेटिंग रूम जैसी बेसिक सुविधाएं मिलेंगी।

-प्रदेश भर में कुल हैं 7479 पोलिंग स्टेशन होंगे।

-37 ऑग्जिलरी पोलिंग स्टेशन बनेंगे।

-सभी डीसी को निर्देश, हर बूथ पर पोलिंग असिस्टेंट बूथ तैयार करवाए जाएं।

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नई ईवीएम नहीं हो सकती हैक

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि ईवीएम व वीवीपैट मशीनों को देश के सबसे काबिल वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में तैयार करवाया जाता है। ये वो विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने देश की सेना को पहला मास्टर कंप्यूटर मुहैया करवाया। ईवीएम को न तो हैक किया जा सकता है और न ही इसे कंट्रोल कण्ट्रोल किया जा सकता है। इसमें कोई तार या इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं होता। इसमें दर्ज डाटा चिप में दर्ज हो जाता है और मशीन बैटरी के जरिए ही चलती है।

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