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इस बार टोल फ्री कुंभ का आनंद लीजिए, देखिए शाही स्नान की भव्यता

Rishi
Published on: 4 Nov 2018 4:35 PM IST
इस बार टोल फ्री कुंभ का आनंद लीजिए, देखिए शाही स्नान की भव्यता
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लखनऊः सूबे की सरकार ने कुंभ शुरू होने से लेकर समाप्त होने तक प्रयागराज जाने वाली सड़कों को टोल फ्री कर दिया है। इसके बाद 50 किमी के दायरे में किसी भी वाहन से टोल नहीं लिया जाएगा। अब आप खुले दिल से कुंभ जाकर शाही स्नान की भव्यता का आनंद ले सकते है, ऐसे में ये भी जानिए कि क्या होता है शाही स्नान....

हर बार की तरह इस बार भी कुंभ में नागा साधुओं का शाही स्नान आकर्षण का केंद्र होगा। इस शाही स्नान की कुछ प्रक्रिया होती है जिसके बाद ही यह स्नान शाही स्नान कहलाता है।

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ऐसे होता है शाही स्नान

-शाही स्नान में नागा साधुओं का जुलूस निकलता है।

-अखाड़े के देवता का एक ध्वज होता है।

-नागा साधु अपने अपने अखाड़े का वाहनों से जुलूस निकालते हैं।

-इसके बाद सबसे पहले अपने अखाड़े के देवता को स्नान कराते हैं।

-देवता के स्नान के बाद नागा स्नान करते हैं फिर महामंडलेश्वर और अन्य पद के लोग स्नान करते हैं।

ये अखाड़ा करता है सबसे पहले स्नान

-सबसे पहले जूना अखाड़ा शाही स्नान करता है।

-उसके बाद अन्य अखाड़े स्नान करते हैं।

-हर अखाड़े के स्नान करने का समय अलग अलग होता है उसी हिसाब से वह अपनी शाही यात्रा करके फिर स्नान करते है।

पहले जैसा नहीं रहा शाही स्नान

-पहले शाही स्नान से पहले शाही यात्रा होती थी उस तरह अब नहीं होती है।

-पहले नागा साधु की सवारी हाथी, घोड़े, बैल आदि होती थी, लेकिन अब इनकी जगह वाहनों ने ले ली है।

-इसका मुख्य कारण ये भी है कि पहले इतनी भीड़ नहीं होती थी, जितनी अब होती है और अब हाथी को इतना प्रमोट भी नहीं कर सकते।

-भीड़ के कारण जानवर बेकाबू हो जाते हैं और वो लोगों को नुकसान भी पंहुचा सकते हैं।

-इसी वजह से शाही अंदाज अब स्नान तक ही सीमित रह गया है।

मिलेंगे नए महामंडलेश्वर

-महामंडलेश्वर बनने के लिए भी योग्यता परखी जाती है।

-इसके बाद ही महामंडलेश्वर नियुक्त किया जाता है।

-इनकी बातों को लोग सुने जिसके पीछे पूरी जमात हो ऐसे आचार्य को ही महामंडलेश्वर बनाया जाता है।

-इनका मुख्य कार्य हिन्दू धर्म का प्रचार करना है।

-इनका काम प्रवचनों और अन्य क्रियाओं द्वारा समाज का मार्ग दर्शन करना है।

जरुरी है ये योग्यता

-महामंडलेश्वर बनने के लिए ये योग्यता होना अनिवार्य है।

-व्यक्ति में वैराग्य होना चाहिए।

-पारिवारिक संबंध नहीं होने चाहिए।

-सन्यास होना चाहिए।

-संस्कृत, वेद-पुराण का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए।

-व्यक्ति प्रवचन, कथा के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा भीड़ बटोर सके।

-अखाड़े की परीक्षा को पास करे।

-कोई व्यक्ति या तो बचपन में या जीवन के चौथे चरण यानि वानप्रस्थाश्रम में महामंडलेश्वर बन सकता है।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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