Importance of 22 January: 22 जनवरी क्यों है खास, आइए जानते हैं इस खास तारीख से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियों के बारे में

Importance of 22 January: 22 जनवरी को अपनी महबूबा मुमताज को ताजमहल जैसी खूबसूरत इमारत तोहफे में देने के लिए शाहजहां को याद किया जाता है।

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Newstrack Network
Published on: 22 Jan 2023 11:57 AM GMT
Why is January 22 special, lets know about some interesting information related to this special date
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22 जनवरी क्यों है खास, आइए जानते हैं इस खास तारीख से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियों के बारे में: Photo- Social Media

Importance of 22 January: दुनियां का सातवां आश्चर्य, मोहब्बत की निशानी एवम कला का बेहतरीन नमूना ताजमहल को कौन नहीं जानता है। अपनी महबूबा मुमताज को ताजमहल जैसी खूबसूरत इमारत तोहफे में देने के लिए शाहजहां अकबर को याद किया जाता है। शाहजहां की मृत्यु इसी 22 जनवरी 1666 के दिन ही हुईं थी।

सन 1999 में 22 जनवरी यानी आज के ही दिन आस्ट्रेलियाई ईसाई ग्राहम स्टेंस और उनके दो बच्चों को उनकी कार पर पेट्रोल छिड़क कर उड़ीसा के मनोहर गांव में उपद्रवी भीड़ ने जिंदा आग में भस्म कर दिया था। स्टेंस उस गांव में करीब तीस साल से कुष्ठ रोगियों के लिए काम कर रहे थे। लेकिन उन पर उस इलाके में धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया गया और उन्हें बच्चों समेत अग्नि में झोंक दिया गया।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी 1973 गर्भपात को लीगल किया

महारानी विक्टोरिया ब्रिटेन की महारानी को कौन नहीं जानता है। क्वीन विक्टोरिया ने 1837 में ग्रेट ब्रिटेन और आयर लैंड की महारानी के तौर पर सिंघासन संभाला और अपने निधन तक इस गद्दी पर बनी रहीं। आज के दिन यानी 22 जनवरी 1901 को क्वीन विक्टोरिया का निधन हुआ था। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी 1973 गर्भपात को लीगल किया। इसे अपराध की श्रेणी से निकालते हुए महिला की निजिता का संवैधानिक अधिकार बताया। लेकिन अलबामा जैसे अधिकतर राज्यों में गर्भपात अभी भी प्रतिबंधित है ।

-आज के ही दिन सन 1963 में दृष्टिहीनों के लिए देहरादून में पहला राष्ट्रीय पुस्तकाया का निर्माण हुआ था।

-22 जनवरी, 2018 में नेटफ्लिक्स दुनियां में सौ बिलियन डॉलर की सबसे बड़ी डिजिटल मीडिया और मनोरंजन कंपनी बनी थी।

-22 जनवरी सन 1965 में पश्चिम बंगाल में इस्पात का कारखाना शुरू हुआ था।

-सन 1673 में बोस्टन एवम न्यूयार्क के बीच डाक सेवा की शुरुआत हुई थी।

-22 जनवरी, 1968 में अपोलो 5 ने पहले लूनर मॉड्यूल के साथ अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी थी।

Shashi kant gautam

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