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डरना जरूरी है: पलक झपकने से पहले दुश्मन को तबाह कर देगा ब्रह्मोस

ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उद्यम के तहत तैयार किया जा रहा है। यह खास मिसाइल है जो धरती, वायु और समुद्र तीनों स्थानों से छोड़ी जा सकती है।

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Published on: 19 Oct 2020 7:11 AM GMT
डरना जरूरी है: पलक झपकने से पहले दुश्मन को तबाह कर देगा ब्रह्मोस
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डरना जरूरी है: पलक झपकने से पहले दुश्मन को तबाह कर देगा ब्रह्मोस (Photo by social media)

नई दिल्ली: भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस केनए डिजाइन का सफल परीक्षण कर उन देशों को चिंता में डाल दिया है जो भारत की समुद्री सीमा पर अस्थिरता फैलाने के मंसूबे पाल रहे थे। आवाज से भी तीन गुना तेजी के साथ चार सौ किमी की दूरी तक मार करने में सक्षम इस मिसाइल से अब चीन और पाकिस्तान के बड़े बंदरगाह और शहर भी निशाने पर आ गए हैं। इसलिए अब दुनिया कहने लगी है कि भारत की ताकत से डरना जरूरी है।

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ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उद्यम के तहत तैयार किया जा रहा है

ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उद्यम के तहत तैयार किया जा रहा है। यह खास मिसाइल है जो धरती, वायु और समुद्र तीनों स्थानों से छोड़ी जा सकती है। रविवार को नौसेना के लिए तैयार किए गए मॉडल का भारतीय नौसेना के स्वदेश निर्मित विध्वंसक पोत आईएनएस चेन्नई से अरब सागर में सफल परीक्षण किया गया। भारत सरकार ने मीडिया को बताया है कि आईएनएस चेन्नई विध्वंसक पोत से मिसाइल को दागा गया और इसने लक्ष्य को पूरी सटीकता से भेद दिया।

rajnath-singh Defense Minister Rajnath Singh (Photo by social media)

रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि ब्रहमोस अब हमारा प्रमुख हमलावर शस्त्र होगा। इसकी मदद से लंबी दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेद कर युद्ध पोत की अपराजेय स्थिति को सुनिश्चित किया जा सकेगा। आईएनएस चेन्नई जैसे विध्वंसक युद्ध पोत अब भारतीय नौसेना के एक और घातक प्लेटफार्म बन जाएंगे। आईएनएस चेन्नई पर एक साथ 16 ब्रह्मोस सुपर मिसाइल ले जाई जा सकती हैं और इन्हें चलाने के लिए दो स्टेशन भी होंगे।

रक्षामंत्री ने भी वैज्ञानिकों को दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), ब्रह्मोस एयरोस्पेस और नौसेना को मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी। डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने भी वैज्ञानिकों को मिसाइल के परीक्षण कार्य में शामिल सभी कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में यह कई तरह से इजाफा करेगा।

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आधा पाकिस्तान और चीन के प्रमुख बंदरगाह इसकी जद में

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी की दूरी तक है लेकिन पिछले दिनों ही भारतीय वैज्ञानिकों ने इसकी मारक क्षमता बढ़ाकर 400 किमी कर ली है। भारतीय सेना ने इस मिसाइल को लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में तैनात कर रखा है। भारतीय नौ सेना को भी मिसाइल का नया डिजाइन मिल जाने से अब पाकिस्तान के लगभग सभी प्रमुख बंदरगाह व शहर इसकी जद में आ गए हैं। इसी के साथ चीन का गवांगझू बंदरगाह भी निशाने पर आ गया है। दक्षिण चीन सागर से जुड़े तमाम शहर इस मिसाइल की जद में होंगे। जाहिर है कि इससे चीन को भी डर लगने लगेगा।

अखिलेश तिवारी

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