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Lok Sabha Chunav: जम्मू-कश्मीर के बारे में वो सब जो आप जानना चाहते हैं

लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। चुनाव आयोग और राजनीतिक दल कमर कस चुके हैं। आपको बता दें, चुनाव सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होगा और मतों की गिनती 23 मई को होगी। ये तो आपको पता ही है, लेकिन हम आपको जम्मू-कश्मीर के बारे में जानकारी यहां दे रहे हैं।

Rishi
Published on: 12 March 2019 10:20 AM GMT
Lok Sabha Chunav: जम्मू-कश्मीर के बारे में वो सब जो आप जानना चाहते हैं
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लखनऊ : लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। चुनाव आयोग और राजनीतिक दल कमर कस चुके हैं। आपको बता दें, चुनाव सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होगा और मतों की गिनती 23 मई को होगी। ये तो आपको पता ही है, लेकिन हम आपको जम्मू-कश्मीर के बारे में वो जानकारी यहां दे रहे हैं जो शायद आपको पता हो।

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राज्य में चुनाव 5 चरणों में 11 अप्रैल से 6 मई तक होंगे।

राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।

जम्मू-कश्मीर में 6 लोकसभा सीटें हैं।

पीडीपी-1

बीजेपी-2

लद्दाख बीजेपी सांसद ने इस्तीफा दे दिया है।

अनंतनाग लोकसभा सीट रिक्त है।

राज्य में मतदाताओं की संख्या: 78,50,671

बड़े नेता: फारुख अबदुल्ला, उमर अबदुल्ला, महबूबा मुफ्ती, गुलाम नबी आजाद, सज्जाद लोन, जितेंद्र सिंह।

अनंतनाग में तीन चरणों में चुनाव होगा।

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भारतीय संविधान में जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति

भारत के संवैधानिक प्रावधान स्वतः जम्मू तथा कश्मीर पर लागू नहीं होते। केवल वही प्रावधान जिनमें स्पष्ट रूप से कहा जाए कि वे जम्मू कश्मीर पर लागू होंगे, उस पर लागू होते हैं। जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति का ज्ञान इन तथ्यों से होता है-

जम्मू कश्मीर संविधान सभा द्वारा निर्मित राज्य संविधान से वहाँ का कार्य चलता है। यह संविधान जम्मू कश्मीर के लोगों को राज्य की नागरिकता भी देता है। केवल इस राज्य के नागरिक ही संपत्ति खरीद सकते हैं या चुनाव लड़ सकते हैं या सरकारी सेवा ले सकते हैं।

भारतीय संसद जम्मू कश्मीर से संबंध रखने वाला ऐसा कोई कानून नहीं बना सकती है जो इसकी राज्य सूची का विषय हो।

अवशेष शक्ति जम्मू कश्मीर विधान सभा के पास होती है।

इस राज्य पर सशस्त्र विद्रोह की दशा में या वित्तीय संकट की दशा में आपात काल लागू नहीं होता है।

भारतीय संसद राज्य का नाम क्षेत्र सीमा बिना राज्य विधायिका की स्वीकृति के नहीं बदलेगी।

राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति राज्य मुख्यमंत्री की सलाह के बाद करेंगे।

संसद द्वारा पारित निवारक निरोध नियम राज्य पर अपने आप लागू नहीं होगा।

राज्य की पृथक दंड संहिता तथा दंड प्रक्रिया संहिता है।

इन्होंने आजमाई किस्मत

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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