MP Election 2023: मध्य प्रदेश में कांग्रेस हिसाब चुकाने को बेताब, पार्टी को गारंटियों पर भरोसा, भाजपा ने भी बना रखी है खास रणनीति

MP Election 2023: भाजपा को शिवराज सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा है जबकि कांग्रेस ने विभिन्न गारंटियों का ऐलान करके भाजपा की मुसीबत बढ़ा दी है। इसके साथ ही कांग्रेस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी शिवराज सरकार को घेरने में जुटी हुई है। भाजपा ने हारी हुई विधानसभा सीटों पर विशेष फोकस करने की खास रणनीति अपना रखी है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 9 Oct 2023 10:36 AM GMT (Updated on: 9 Oct 2023 10:37 AM GMT)
Special strategy of Congress and BJP in Madhya Pradesh Legislative Assembly elections, know how the equation will be
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मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा की खास रणनीति, जानें कैसा रहेगा समीकरण: Photo- Social Media

MP Election 2023: मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग की ओर से की गई घोषणा के मुताबिक मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि चुनाव नतीजे की घोषणा अन्य राज्यों के साथ ही तीन दिसंबर को की जाएगी। मध्य प्रदेश में पिछले चुनाव की तरह इस बार भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।

पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा 109 सीटों के साथ कांग्रेस से पिछड़ गई थी। इसके बावजूद कांग्रेस सवा साल ही सरकार चलाने में कामयाब हो सकी और भाजपा ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए अपनी सरकार बना ली थी। इस बार कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई में भाजपा से सरकार गिराने का बदला लेने की कोशिश में जुटी हुई है।

दूसरी ओर भाजपा ने भी राज्य में पूरी ताकत लगा रखी है। पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा में भी कांग्रेस के पीछे छोड़ दिया है। भाजपा को शिवराज सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा है जबकि कांग्रेस ने विभिन्न गारंटियों का ऐलान करके भाजपा की मुसीबत बढ़ा दी है। इसके साथ ही कांग्रेस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी शिवराज सरकार को घेरने में जुटी हुई है। भाजपा ने हारी हुई विधानसभा सीटों पर विशेष फोकस करने की खास रणनीति अपना रखी है। ऐसे में इस बार भी पिछले चुनाव की तरह कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है।

भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव में उतारा

चुनाव आयोग की ओर से राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज किया गया है मगर चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी थी। भाजपा चुनाव तारीखों की घोषणा से पूर्व ही तीन चरणों में 79 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है।

भाजपा के उम्मीदवारों की सूची में तीन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते समेत सात सांसदों के भी नाम शामिल है। पार्टी ने अपने दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय को भी चुनावी अखाड़े में उतार दिया है। भाजपा ने जिन सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं,उनमें सिर्फ तीन सीटों पर भाजपा के विधायक थे। इन तीन विधायकों का भी पार्टी नेतृत्व ने टिकट काट दिया है।

शेष 76 सीटों पर कांग्रेस और बसपा का कब्जा था। भाजपा के इस रुख से साफ है कि पार्टी हारी हुई सीटों पर विशेष फोकस कर रही है ताकि किसी भी सूरत में मध्य प्रदेश की सरकार को बचाया जा सके।

Photo- Social Media

शिवराज सरकार की लोकलुभावन घोषणाएं

चुनाव तारीखों की घोषणा से पहले भाजपा सरकार ने कई लोकलुभावना घोषणाएं की हैं जिनके जरिए मतदाताओं में पैठ बनाने की कोशिश की गई है। सरकारी सेवाओं में भर्ती फिर शुरू करके सरकार शिवराज सरकार ने युवाओं का गुस्सा थामने की कोशिश की है। मध्य प्रदेश में आदिवासी मतदाताओं की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इसी कारण भाजपा ने जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत की है।

महिला मतदाताओं को साधने के लिए राज्य सरकार की ओर से लाडली बहना योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना में ढाई लाख से कम वार्षिक आय और पांच एकड़ से कम जमीन वाली महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये दिए जाएंगे।

महिला आरक्षण बिल के जरिए भी महिला मतदाताओं में पैठ बनाने की कोशिश की गई है। जानकारों का मानना है कि इन कदमों के जरिए भाजपा को सियासी फायदा मिलने की उम्मीद से इनकार नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस ने उछाला भ्रष्टाचार का मुद्दा

दूसरी ओर कांग्रेस भी भाजपा को की मजबूत घेरेबंदी में जुटी हुई है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी हिमाचल प्रदेश की तरह मध्य प्रदेश में भी पार्टी की चुनावी नैया पार कराने के लिए प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। हाल के दिनों में उन्होंने मध्य प्रदेश में कई चुनावी रैलियां को संबोधित किया है। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की तरह मध्य प्रदेश में भी मतदाताओं के सामने कांग्रेस की ओर से बड़े चुनावी वादे किए गए हैं। कांग्रेस मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। पार्टी ने शिवराज सरकार पर 50 फ़ीसदी कमीशन लेने का बड़ा आरोप लगाया है। कांग्रेस की ओर से भ्रष्टाचार के मुद्दे को हर सभा में जोर-शोर से उठाया जा रहा है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने किए बड़े वादे

इसके साथ ही कांग्रेस की ओर से महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने और गैस सिलेंडर 500 रुपए में मुहैया कराने का वादा किया गया है। पार्टी की ओर से मध्य प्रदेश के लोगों से 100 यूनिट बिजली फ्री देने और 200 यूनिट तक की बिजली आधी कीमत में देने का वादा भी किया गया है।

प्रियंका गांधी ने कांग्रेस शासित अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का वादा किया है। इस कदम के जरिए पार्टी को राज्य कर्मचारियों का भारी समर्थन हासिल होने की उम्मीद है। हिमाचल प्रदेश में भी पार्टी इस कदम के जरिए राज्य कर्मचारियों का भारी समर्थन पाने में कामयाब हुई थी।

इसके साथ ही पार्टी ने किसानों का कर्ज पूरी तरह माफ कर देने का बड़ा ऐलान भी कर रखा है। कर्नाटक की जीत में कांग्रेस की ओर से दी गई गारंटियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी गई थी और अब पार्टी मध्य प्रदेश में भी वही रणनीति अपनाती हुई दिख रही है। पार्टी को इस रणनीति से फायदा मिलने की उम्मीद है।

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कांग्रेस भी जल्द जारी करेगी प्रत्याशियों की सूची

हाल में हुई कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राज्य की विभिन्न सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर गहराई से मंथन किया गया। पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि पार्टी ने विभिन्न सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं और जल्दी ही इस बाबत अधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा।

माना जा रहा है कि पितृपक्ष होने के कारण कांग्रेस ने प्रत्याशियों की सूची रोक रखी है मगर पार्टी पितृपक्ष समाप्त होते ही प्रत्याशियों की सूची जारी कर देगी। राज्य में पार्टी के प्रचार की कमान प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संभाल रखी है और कमलनाथ ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।

आप के लड़ने से कांग्रेस को हो सकता है नुकसान

विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में शामिल होने के बावजूद आम आदमी पार्टी भी मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में जुटी हुई है। इससे भाजपा विरोधी मतों के बंटवारे की आशंका पैदा हो गई है। आप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संदीप पाठक का कहना है कि पार्टी राज्य की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी घोषित किया जाएगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश में अपनी गतिविधियां बढ़ाएंगे। अब यह देखने वाली बात होगी कि आप उम्मीदवार मध्य प्रदेश में कितनी ताकत दिखाने में कामयाब हो पाते हैं। यदि आप ने गुजरात की तरह मध्य प्रदेश में भी अपनी ताकत दिखाई तो निश्चित रूप से कांग्रेस को नुकसान और भाजपा को बड़ा सियासी फायदा मिल सकता है।

Shashi kant gautam

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