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‎The Science of Interstellar: जानिए क्या है रहस्यमयी इंटरस्टेलर, जिस पर पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कर रहे हैं रिसर्च

The Science of Interstellar: अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट की खोज करते समय कुछ हैरान करने वाली चीजें मिली हैं। ये रिसर्च हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवी लोएब द्वारा की जा रही है।

Archana Pandey
Published on: 3 July 2023 6:12 PM IST
‎The Science of Interstellar: जानिए क्या है रहस्यमयी इंटरस्टेलर, जिस पर पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कर रहे हैं रिसर्च
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‎The Science of Interstellar (Image social Media)

‎The Science of Interstellar: हाल ही में अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट की खोज करते समय कुछ हैरान करने वाली चीजें मिली हैं। ये रिसर्च हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवी लोएब द्वारा की जा रही है। जिन्होंने दो सप्ताह पहले ही इंटरस्टेलर की खोज में प्रशांत महासागर के गहराई में ड्रेजिंग परियोजना शुरू की थी। ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं आखिर ये रहस्यमयी इंटरस्टेलर क्या है और पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इसकी खोज में क्यों लगे हुए हैं।

क्या है इंटरस्टेलर

इंटरस्टेलर (Interstellar) एक ऐसी चीज है जो अंतरिक्ष से धरती पर गिरती है। हालांकि ये उल्कापिंड की तरह बिलकुल भी नहीं होती है। जानकारी के अनुसार पृथ्वी पर अब तक दो इंटरस्टेलर मिल चुके हैं। पहला 2017 में मिला था और दूसरा 2019 में मिला था। पहले का नाम ओउमुआमुआ रखा गया था। जबकि दूसरे का नाम बोरिसोव था। जिसकी लंबाई 0.4 से 1 किलोमीटर के बीच में है।

दुनियाभर के वैज्ञानिक इन इंटरस्टेलर पर अपनी रिसर्च के जरिए उन चीजों के बारे में पता लगाने चाहते हैं, जहां तक वो अभी नहीं पहुंच पाए हैं।

वैज्ञानिको की राय

साल 2017 में जब 100 मीटर लंबा इंटरस्टेलर ओउमुआमुआ धरती पर मिला था, तब प्रोफेसर लोएब समेत कई वैज्ञानिकों ने इस पर अपनी थ्योरी दी थी। कई वैज्ञानिकों ने इसे अंतरिक्ष यान या फिर उसका कोई टुकड़ा बताया था। तो कुछ वैज्ञानिकों ने इसे सिर्फ एक खराब सैटेलाइट बताया था। हालांकि ज्यादातर वैज्ञानिकों ने माना था कि ये इंटरस्टेलर ओउमुआमुआ एक क्षुद्रग्रह या धूमकेतु है।

क्यों इतना महत्वपूर्ण

वैज्ञानिकों के अनुसार इंटरस्टेलर अंतरिक्ष में इतनी दूरी से ट्रैवेल करके पहुंचता है। जहां पर अभी टेलिस्कोप भी नहीं पहुंच पाए हैं। ऐसे में इंटरस्टेलर पृथ्वी पर गिरना बेहद खास होता है। क्योंकि इसके जरिए अलग-अलग तरह की खोज की जा सकती है। इसके साथ ही जिस ग्रह से ये टूटा होता है उसके बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। इसी क्रम में वैज्ञानिक अंतरिक्ष से धरती पर गिरे सभी इंटरस्टेलर की खोज कर रहे हैं।



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Archana Pandey

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