×

Werewolf Syndrome: जानिए क्या है वेयरवुल्फ सिंड्रोम

Werewolf Syndrome: वेयरवुल्फ सिंड्रोम वाकई में होता है। फर्क इतना है कि इसमें फिल्मों की तरह इंसान भेड़िया नहीं बन जाता बल्कि भालू या भेड़िए की तरह शरीर पर अत्यधिक बाल उग आते हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 26 Nov 2022 8:54 AM IST (Updated on: 26 Nov 2022 4:46 PM IST)
Werewolf Syndrome
X

Werewolf Syndrome (Pic: Social Media)

Werewolf Syndrome: एक नई रिलीज़ हिंदी फिल्म में प्रमुख किरदार को "वेयरवुल्फ" दिखाया गया है। वेयरवुल्फ यानी इंसान का भेड़िए में तब्दील हो जाना। हॉलीवुड में इस थीम पर कई फिल्में बन चुकी हैं जिसमें हीरो या विलेन रात में भेड़िया बन जाता है। लेकिन बॉलीवुड में इस पर कम ही फिल्में बनी हैं।

सच्चाई ये है कि वेयरवुल्फ सिंड्रोम वाकई में होता है। फर्क इतना है कि इसमें फिल्मों की तरह इंसान भेड़िया नहीं बन जाता बल्कि भालू या भेड़िए की तरह शरीर पर अत्यधिक बाल उग आते हैं। इंसान, इंसान ही रहता है।

असल में वियरवुल्फ सिंड्रोम एक स्वास्थ्य संबंधी स्थिति है जिसे हाइपरट्रिकोसिस कहा जाता है। इस स्थिति में किसी व्यक्ति के शरीर पर तलुवे और हथेली छोड़ कर कहीं भी बालों का अत्यधिक विकास हो जाता है। ये महिलाओं और पुरुषों दोनों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह अत्यंत दुर्लभ है। बालों की असामान्य वृद्धि चेहरे और शरीर को ढक सकती है या छोटे पैच में हो सकती है। हाइपरट्रिकोसिस जन्म के समय प्रकट हो सकता है या समय के साथ विकसित हो सकता है।

जेनेटिक विकार

हाइपरट्रिकोसिस एक असामान्य अनुवांशिक यानी जेनेटिक विकार है। इसमें शरीर पर बालों की असामान्य वृद्धि सिर्फ एक क्षेत्र तक ही सीमित हो सकती है और इसे लोकलाइज़्ड वेयरवुल्फ सिंड्रोम माना जाता है। वहीं अगर पूरे शरीर में बाल असामान्य रूप से बढ़ते हैं, तो इसे सामान्यीकृत वेयरवुल्फ सिंड्रोम माना जाता है। हाइपरट्रिकोसिस को दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है: जन्मजात हाइपरट्रिकोसिस और अधिग्रहित हाइपरट्रिकोसिस।

अधिग्रहीत वेयरवुल्फ सिंड्रोम के कुछ प्रकार कैंसर के कारण या कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव के रूप में हो सकते हैं। अधिग्रहित हाइपरट्रिकोसिस के कुछ रूपों को इलाज से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन जन्मजात लोगों के लिए कोई इलाज नहीं है। इसलिए, इस स्थिति को प्रबंधित करने के लिए बालों को हटाने के विभिन्न तरीकों की कोशिश की जाती है। अधिग्रहीत लोगों की तुलना में जन्मजात हाइपरट्रिचोसिस बहुत दुर्लभ है। ये जान लीजिए कि मध्य युग के बाद से अब तक हाइपरट्रिकोसिस के मात्र 50 ज्ञात मामले हुए हैं। ये विकार होने की दर 1 अरब में लगभग 1 है।

खास बातें

- वेयरवुल्फ़ किंवदंतियां प्राचीन ग्रीस और रोम के साथ-साथ मध्यकालीन यूरोप की हैं।

- किंवदंतियों में कहा गया है कि पूरे चांद की रात को वेयरवुल्फ़ अपना शेप बदल कर भेड़िया बन जाते हैं।

- हालांकि इस बात का कोई निश्चित प्रमाण नहीं है कि कितने समय पहले वेयरवुल्फ़ लोककथाओं का हिस्सा बन गए थे। लेकिन एक सिद्धांत बताता है कि यह कम से कम 3100 साल पहले राजा लाइकॉन के बारे में एक प्राचीन यूनानी कथा पर आधारित था।



Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

Next Story