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कोलकाता कांड: सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को काम पर लौटने को कहा, नमूनों की फिर से फोरेंसिक जांच
Kolkata Doctor Case: सीबीआई ने अदालत को सूचित किया कि उसने अपराध स्थल से लिए गए नमूनों को एम्स और सीएफएसएल को फिर से भेजने का फैसला किया है।
Kolkata Doctor Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की हत्या - रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कई निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने आन्दोलनरत डॉक्टरों से 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक ड्यूटी जॉइन करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने पीड़िता की तस्वीरें सभी मीडिया और सोशल मीडिया साइट्स से हटाने को कहा है। जबकि सीबीआई ने बताया है कि घटनास्थल से मिले नमूनों की फिर से फोरेंसिक जांच कराई जा रही है।
एफआईआर दर्ज करने में देरी
रेप-हत्या मामले की जांच कर रही सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज करने में “कम से कम 14 घंटे” की देरी हुई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, “यह बहुत स्पष्ट है कि एफआईआर दर्ज करने में कम से कम 14 घंटे की देरी हुई है।” इस मामले को देख रही चीफ जस्टिस की पीठ में जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।
नमूनों की फिर जांच
सीबीआई ने अदालत को सूचित किया कि उसने अपराध स्थल से लिए गए नमूनों को एम्स और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (सीएफएसएल) को फिर से भेजने का फैसला किया है। सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा - हमारे पास फोरेंसिक जांच रिपोर्ट है और एक बात स्वीकार की गई है कि जब लड़की 9:30 बजे मिली थी, तो उसकी जींस और अंडरगारमेंट्स उतारे गए थे और पास में पड़े थे। इसलिए वह अर्ध-नग्न थी और शरीर पर चोट के निशान भी थे। जांच दल ने नमूने लिए हैं, इसे सीएफएसएल, पश्चिम बंगाल को भेजा है। सीबीआई ने नमूने एम्स और अन्य सीएफएसएल को भेजने का फैसला किया है। व्यक्ति प्रवेश करता है, लड़की नग्न है और यह एफएसएल का परिणाम है, इसलिए नमूना किसने लिया यह प्रासंगिक है।"
सीसीटीवी फुटेज
पीठ ने जानना चाहा कि क्या राज्य ने सीबीआई को घटना वाले दिन यानी 9 अगस्त को रात 8.45 बजे से 11.45 बजे तक की पूरी फुटेज मुहैया कराई है? इस पर मेहता ने कहा कि सीबीआई को कुल 27 मिनट की अवधि के केवल चार वीडियो क्लिप दिए गए हैं।
कोर्ट ने क्या कहा
पीठ ने सीबीआई से ताजा स्थिति रिपोर्ट मांगी है और मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को तय की है। चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की - हमने जांच की आगे की प्रक्रिया देखी है, हम इस पर खुली अदालत में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। हम 16 सितंबर तक स्थिति रिपोर्ट चाहते हैं, सीबीआई को उनके द्वारा की जा रही जांच और उनके सुरागों के आधार पर आगे बढ़ने दें।
फोटो हटाने का आदेश
पीठ ने आरजी कर पीड़िता की गरिमा और निजता की रक्षा के लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से उसकी तस्वीरें तत्काल हटाने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, “शव की सभी तस्वीरें तत्काल हटाई जानी चाहिए।”
काम पर लौटें डॉक्टर
पीठ ने विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से भी काम पर लौटने को कहा। पीठ ने कहा कि विश्वास की भावना पैदा करने के लिए अगर डॉक्टर 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक काम पर आते हैं, तो उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। पीठ ने कहा, अगर दी गई सुविधाओं के बावजूद लगातार काम से दूर रहा जाता है, तो भविष्य में कार्रवाई की संभावना होगी।