7000 लोग पैदल तो नहीं आ सकते, यह राज्य मशीनरी की पूरी तरह विफलता है, अस्पताल में तोड़फोड़ पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

Kolkata Doctor Rape Murder Case: हाईकोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 14 अगस्त की रात हुई तोड़फोड़ पर सख्त टिप्पणी की है। यह राज्य मशीनरी की पूर्ण नाकामी है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 16 Aug 2024 7:15 AM GMT (Updated on: 16 Aug 2024 7:53 AM GMT)
7000 लोग पैदल तो नहीं आ सकते, यह राज्य मशीनरी की पूरी तरह विफलता है, अस्पताल में तोड़फोड़ पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
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Calcutta High Court (photo: social media )

Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 14 अगस्त 2024 की रात हुई तोड़फोड़ पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यह घटना राज्य मशीनरी की पूर्ण नाकामी का सबूत है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि बेहतर होगा कि अस्पताल को बंद किया जाए और मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जाए।

यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि बेहतर होगा कि अस्पताल को बंद किया जाए और मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जाए। इस दौरान अदालत में मौजूद पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि वहां पुलिस बल मौजूद था। इस पर चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि वे तो अपने लोगों की ही सुरक्षा नहीं कर सके। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। डॉक्टर निडर होकर कैसे काम करेंगे?

चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार से कहा कि इस घटना के बाद आप क्या कर रहे हैं? एहतियात के तौर पर क्या कदम उठाए गए थे? इस पर सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि दोपहर तीन बजे सीबीआई जांच के निर्देश दिए गए थे। राज्य सरकार के वकील ने बताया कि जहां तक बर्बरता से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की बात है तो वहां अचानक 7000 लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई फिर आंसू गैस छोड़ी गई, पुलिस घायल हुई। ऐसी अफरा-तफरी की आपातकालीन स्थिति में तोड़फोड़ की घटना हुई।

...तो वह पैदल नहीं आ सकते

इस पर कोर्ट ने कहा, आमतौर पर अगर लोग अस्पताल में घुसते हैं तो आपातकालीन स्थिति में पुलिस को वहां मौजूद रहना पड़ता है। अगर 7000 लोग प्रवेश करते हैं तो यह मानना मुश्किल है कि राज्य की विफलता नहीं है। अगर 7000 लोगों को आना ही था, तो वे पैदल नहीं आ सकते। यह राज्य मशीनरी की पूरी तरह विफलता है।

घटना के बाद यह सब क्यों?

राज्य सरकार ने कहा कि हमने अब सब कुछ संभाल लिया है। हम आरोपियों की पहचान और गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। अदालत ने फटकारते हुए कहा कि घटना के बाद यह सब क्यों? राज्य ने इस पर पहले ध्यान क्यों नहीं दिया? इसी बीच एक अन्य वकील ने 14 अगस्त की रात को हुई पूरी घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि गुंडों ने तोड़फोड़ की। पुलिस कमिश्नर के आने के बाद भी बवाल होता रहा। अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर 7000 लोग इकट्ठा हुए तो यह प्रशासन की 100 फीसदी नाकामी है। अगर 15 लोग घुसे तो हम समझ सकते हैं कि सुरक्षा में चूक हुई है। इस पर सरकार ने सफाई दी कि हमने यह नहीं कहा कि 7000 लोग थे। कोर्ट ने सरकार से कहा कि वो हलफनामा दाखिल करे। पश्चिम बंगाल के नागरिक के तौर पर राज्य सरकार को भी परेशान होना चाहिए। इससे आपको भी दुख होना चाहिए। राज्य सरकार के वकील ने कहा कि हमें भी दुख है।

अस्पताल बंद कर दो, सब सुरक्षित रहेंगे

इस पर अदालत ने कहा कि हमने आपकी बात सुनी। इसे रिकॉर्ड पर दर्ज करें। हमें बर्बरता किए जाने को लेकर कई संदेश मिले हैं। ये घटना क्यों हुई? लोगों ने क्यों घुसकर तोड़फोड़ की? ये बातें समझ में नहीं आतीं। क्या यह कानून और व्यवस्था की विफलता है? आपको समझना चाहिए कि राज्य की आम जनता किस पीड़ा से गुजर रही है। ऐसा कुछ होना चाहिए जिससे जनता और कोर्ट के मन में विश्वास पैदा हो। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि चलो हर मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर देते हैं। अस्पताल बंद कर दो, सब सुरक्षित रहेंगे, यही सबसे अच्छा है?

बता दें कि हाईकोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के मामले पर विचार करते हुए राज्य सरकार से कहा कि हमने अस्पताल में तोड़फोड़ के बाद मिले ईमेल के कारण ही मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। दरअसल हाईकोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ और सबूत मिटाने की कोशिशों की जांच और एक्शन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की।

बता दें कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 14 अगस्त की रात बड़ी संख्या में लोग घुस आए थे। इस दौरान अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की गई थी। लोगों ने लगभग घंटेभर तक अस्पताल में जमकर उत्पात मचाया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार शाम को कहा था कि अस्पताल के आपातकालीन वार्ड की दो मंजिलों में तोड़फोड़ की गई, दवाइयां लूट ली गई हैं और बुनियादी ढांचे तथा उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

तोड़फोड़ के मामले में 19 लोग गिरफ्तार

कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उसने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तोड़फोड़ और हिंसा के मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों को शहर की एक अदालत ने 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

आपको बता दें कि अज्ञात बदमाशों ने कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर में घुसकर उसके कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की। इसी अस्पताल में पिछले सप्ताह महिला चिकित्सक का शव मिला था। अस्पताल में चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आधी रात को यह तोड़फोड़ की गई। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। परास्नातक प्रशिक्षु के साथ कथित दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना के विरोध में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर की हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही।

प्रदर्शन कर रहे चिकित्सक दोषियों को कड़ी सजा दिए जाने और कार्यस्थल पर सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि जब सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तोड़फोड़ और हिंसा हुई तो पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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