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कोलकाता केस को लेकर ममता की मुश्किलें बढ़ीं, सीएम पद से इस्तीफा देने की मांग, छात्र आज निकालेंगे मार्च
Kolkata Rape Murder Case: छात्रों की ओर से आज इस घटना के विरोध में मार्च निकालने का ऐलान किया गया है। मार्च को देखते हुए पुलिस के कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं।
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद बर्बरता से की गई हत्या के मामले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई ने संदीप घोष पर फंदा कस दिया है और सीबीआई की ओर से इस प्रकरण में बहुत कुछ सबूत हासिल होने का दावा किया जा रहा है। अब छात्रों की ओर से आज इस घटना के विरोध में मार्च निकालने का ऐलान किया गया है। मार्च को देखते हुए पुलिस के कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं।
आंदोलनरत छात्रों की ओर से ममता बनर्जी के इस्तीफे के लिए दबाव बढ़ा दिया गया है और इन छात्रों को भाजपा का समर्थन भी हासिल हो रहा है। इस बीच कोलकाता पुलिस का कहना है कि राजधानी समय प्रदेश के अन्य इलाकों में एक बार फिर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। ममता सरकार भी छात्रों के इस विरोध मार्च को अपने खिलाफ साजिश के तौर पर देख रही है।
राज्य सचिवालय तक मार्च निकालने का ऐलान
ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले को लेकर आज पश्चिमबंगा छात्र समाज संगठन की ओर से नबन्ना मार्च निकालने का ऐलान किया गया है। छात्रों का कहना है कि वे नबन्ना यानी राज्य सचिवालय तक मार्च निकालेंगे। कोलकाता पुलिस का कहना है कि इस मार्च के नाम पर उपद्रवी तत्व भीड़ में शामिल होकर हिंसा फैला सकते हैं।
कोलकाता पुलिस ने दावा किया है कि छात्र संगठन के नेता ने शहर के एक फाइव स्टार होटल में विपक्ष के एक बड़े नेता के साथ बैठक की है। इस बैठक के दौरान ही मार्च निकालने की रणनीति तैयार की गई है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मनोज कुमार वर्मा का कहना है कि इतने बड़े मार्च और रैली के लिए पुलिस से कोई अनुमति नहीं ली गई है। उन्होंने कोलकाता के आम लोगों और छात्रों से इस मार्च और रैली से दूर रहने की अपील की है। एडीजी
सुप्रतिम सरकार ने भी कहा कि यह राज्य में उपद्रव फैलाने की बहुत बड़ी साजिश है। इसलिए लोगों को इससे दूर रहना चाहिए।
ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई जघन्य घटना पर विरोध जताने के लिए पश्चिमबंगा छात्र समाज और संगमरी समिता मंच की ओर से छात्रों के इस मार्च और रैली का आयोजन किया गया है। संगठन की ओर से यहां तक चेतावनी दी गई है कि वह नाबन्ना तक यानी राज्य सचिवालय तक मार्च करेंगे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर जोरदार अभियान चलाया जा रहा है।
परिवहन सेवा पर पड़ेगा असर
स्कूल और दफ्तर तक वाहन सेवा मुहैया कराने वाले कार पूल संगठन का कहना है कि नबन्ना अभियान की वजह से कोलकाता की सड़कों पर भारी भीड़ होने की आशंका है।
सुबह के समय तो कारें चलेंगी मगर उसके बाद हालात बिगड़े तो संगठन की सेवा उपलब्ध नहीं रहेगी। संगठन ने कहा कि बच्चों के अभिभावकों को अपने जोखिम पर ही बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए। अच्छा तो यह होगा कि वे अपने बच्चों को स्कूल न भेजें।
परीक्षा होने से पुलिस की मुश्किलें बढ़ीं
पुलिस के लिए मुश्किल बढ़ाने वाली बात यह भी है कि मंगलवार को कोलकाता में यूजीसी नेट की परीक्षा है जिसके कारण सड़कों पर भारी भीड़ हो सकती है। इसके ज्यादा ही पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर हिंसा और अराजकता की आशंका भी जताई है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस संगठन और कार्यक्रम को गैर राजनीतिक बताया जा रहा है मगर हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि छात्र समाज के नेता की शहर के फाइव स्टार होटल में विपक्ष के नेता से मुलाकात हुई है जिसमें यह मार्च निकालने की रणनीति तैयार की गई।
मार्च के संबंध में पुलिस को नहीं दी जानकारी
उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं और इसे अदालत में पेश किया जाएगा। पश्चिमबंगा छात्र समाज फेसबुक पर एबीवीपी की पश्चिम बंगाल ईकाई और सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष को फॉलो करता है। इन सब बातों से यह पूरी तरह साफ है कि इस मार्च और रैली की रूपरेखा कैसे तैयार की गई है।
पुलिस का कहना है कि मार्च निकालने वाले दोनों संगठनों से इस बाबत जानकारी मांगी गई मगर उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। परीक्षा के दिन मार्च निकालने का फैसला भी संदेह पैदा करता है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से भी नाबन्ना अभियान के दौरान राज्य में हिंसा फैलाने की साजिश का आरोप लगाया गया है।