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Kolkata Case: डॉक्टर पर हिंसा होने पर अब 6 घंटे के अंदर FIR होगी, कोलकाता कांड पर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
Kolkata Rape-Murder Case: घटना पर देश भर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा इमरजेंसी वॉर्ड में घुसकर हुई तोड़फोड़ की घटना पर कोलकाता हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और राज्य सकार को कड़ी फटकार लगाई।
Kolkata Rape-Murder Case: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में पहले एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या की गई। इसके बाद विरोध में जब आरजी कर मेडिकल के प्रशिक्षु छात्र और जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर बैठे तो बुधवार (14 अगस्त) रात उनके धरना प्रदर्शन पर कुछ कथित उपद्रवियों ने हमला कर दिया। इस दौरान कथित भीड़ ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की और इमरजेंसी वार्ड में तोड़फाड की घटना को अंजाम दिया। इस घटना को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इस घटना को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से एक मेमोरेंडम जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ हिंसा होने पर 6 घंटे के भीतर FIR दर्ज हो
सरकार ने जारी किया मेमोरेंडम
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी मेमोरेंडम के मुताबिक, ड्यूटी पर तैनात हेल्थकेयर वर्कर के साथ मारपीट या किसी भी तरह की हिंसा होने पर अस्पताल/इंस्टिट्यूशन के हेड के ऊपर घटना के 6 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज कराने की जिम्मेदारी होगी। मेमोरेंडम दो वजहों से जारी किया गया है। पहला आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर का मामला है, जबकि दूसरा वहां प्रदर्शन कर रहे लोगों-डॉक्टरों पर उपद्रवियों के जरिए बुधवार रात को किया गया हमला है।
तोड़फाड़ की घटना को हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
घटना पर देश भर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा इमरजेंसी वॉर्ड में घुसकर हुई तोड़फोड़ की घटना पर कोलकाता हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और राज्य सकार को कड़ी फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा है कि यह घटना राज्य मशीनरी की पूर्ण नाकामी का सबूत है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि बेहतर होगा कि अस्पताल को बंद किया जाए और मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जाए।
राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि 7000 लोगों की भीड़ अस्पताल पर घूस गई थी। इस पर कोर्ट सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आमतौर पर अगर लोग अस्पताल में घुसते हैं तो आपातकालीन स्थिति में पुलिस को वहां मौजूद रहना पड़ता है। अगर 7000 लोग प्रवेश करते हैं तो यह मानना मुश्किल है कि राज्य की विफलता नहीं है। वहीं, इस घटना पर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और सीबीआई के निदेशक को एक चिट्टी लिखी। उन्होंने आरजी कर अस्पताल में सबूतों को और अधिक नष्ट होने से बचाने के लिए सीएपीएफ की तैनाती की मांग की।