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Kolkata Rape-Murder Case : भूख हड़ताल खत्म, जूनियर डॉक्टर काम पर लौटे, लेकिन बात फिर भी नहीं बनी

Kolkata Rape-Murder Case : आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर से रेप-मर्डर की घटना के बाद अन्दोलनरत जूनियर डाक्टर ममता बनर्जी सरकार के साथ हुए समझौते के बाद फिलवक्त काम पर वापस आ गए हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 22 Oct 2024 3:09 PM IST
Kolkata Rape-Murder Case : भूख हड़ताल खत्म, जूनियर डॉक्टर काम पर लौटे, लेकिन बात फिर भी नहीं बनी
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Kolkata Rape-Murder Case : आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर से रेप-मर्डर की घटना के बाद अन्दोलनरत जूनियर डाक्टर ममता बनर्जी सरकार के साथ हुए समझौते के बाद फिलवक्त काम पर वापस आ गए हैं लेकिन सवाल अभी भी बना हुआ है कि मेडिकल समुदाय और ममता बनर्जी सरकार के बीच अस्थायी शांति कब तक चलेगी।

बंगाल राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में 21 अक्तूबर की शाम को हुई 126 मिनट की बैठक में कई बिन्दुओं पर सहमति हुई है लेकिन फिर भी कई खामियां रह गईं जो बंगाल सरकार को परेशान कर सकती हैं। जूनियर डॉक्टरों को भी काम बंद करने और 17 दिनों की भूख हड़ताल से कुछ खास हासिल नहीं हुआ है। पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के संयुक्त मंच ने बैठक के नतीजों पर अपनी नाखुशी जाहिर भी कर दी है। जूनियर डॉक्टरों ने भी यही किया है।

संयुक्त मंच ने उठाए सवाल

डॉक्टरों के संयुक्त मंच के सह-संयोजक पुण्यब्रत गुण और हीरालाल कोनार ने बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में सवाल उठाए : “भ्रष्टाचार और अपराधीकरण का वह चक्र जो एक पीजी डॉक्टर की नृशंस हत्या के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है और बड़ी साजिश के लिए जिम्मेदार पर्दे के पीछे के किरदारों को संरक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में क्या ऐसी घटनाओं के फिर से होने की संभावना से इनकार किया जा सकता है?

बयान में कहा गया है, "हम बेहद निराश हैं।" "राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार करने और कोई बुनियादी बदलाव करने की कोई इच्छा नहीं जताई है, जो ध्वस्त हो चुका है। हमें यह समझाया गया है कि शिक्षा और भर्ती प्रणाली (डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों की) में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाएंगे। राज्य सरकार छात्राओं और महिला डॉक्टरों के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करने को तैयार नहीं है। इसके दीर्घकालिक परिणाम होंगे और इसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री पर होगी।"

स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग को किया खारिज

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों की स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को हटाने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया और कथित तौर पर “धमकी संस्कृति” में शामिल लोगों को संस्थान से निलंबित करने के लिए आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल मानस बंद्योपाध्याय पर कड़ी आलोचना की। बैठक के दौरान प्रमुख प्रदर्शनकारियों में से एक अनिकेत महतो ने मुख्यमंत्री से पूछा, “क्या हमें अपराधियों और बलात्कारियों के साथ खड़ा होना चाहिए?”

बैठक में मौजूद लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि निष्कासन का फैसला राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद के प्रावधानों के अनुसार लिया गया है। ममता ने स्पष्ट किया कि मेडिकल छात्रों के खिलाफ शिकायतों - जिनमें से अधिकांश सत्तारूढ़ पार्टी के छात्र विंग से हैं - को राज्य स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा निष्पक्ष तरीके से संभाला जाएगा। मुख्यमंत्री ने कॉलेज काउंसिल के बारे में सरकार को अंधेरे में रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और प्रिंसिपलों और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और वाइस प्रिंसिपल को भी फटकार लगाई।

डॉक्टरों के संयुक्त मंच की ओर से जारी बयान में कहा गया है, मुख्यमंत्री ने निर्देशों के अनुसार गठित कॉलेज परिषदों और उनके निर्णय लेने की शक्तियों को चुनौती दी है इस प्रकार, स्वतंत्र और स्वायत्त समितियों की शक्तियों पर अंकुश लगा दिया गया है और उनके सभी निर्णयों को राज्य प्रशासन में सर्वोच्च प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किया जाना होगा। यह सत्ता को केंद्रीकृत रखने की रणनीति है और एनएमसी द्वारा अनुमोदित कॉलेज परिषदों के लिए खतरा है।

क्या तय हुआ था बैठक में?

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और 17 जूनियर डॉक्टरों की टीम के बीच बैठक के दौरान राज्य सरकार द्वारा स्वीकार की गई मांगें और लिए गए फैसले कुछ इस तरह रहे –

- पश्चिम बंगाल में सरकारी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों से जुड़ी सभी शिकायतों की जांच एक राज्य स्तरीय टास्क फोर्स करेगी। टास्क फोर्स में चार जूनियर डॉक्टर, एक महिला मेडिकल छात्रा और मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और कोलकाता पुलिस आयुक्त सहित पांच वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होंगे।

- राज्य के हर सरकारी मेडिकल कॉलेज में हितधारकों की एक समिति होगी।

- मेडिकल कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव मार्च 2025 तक करा लिए जाएंगे। मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि चुनाव होने के बाद जूनियर डॉक्टरों का अनुरोध कि विभिन्न समितियों में उनके प्रतिनिधि सदस्य के रूप में हों, लागू किया जा सकता है। ममता बनर्जी ने कहा, "हम चाहते हैं कि चुनावों के जरिए लोकतांत्रिक माहौल लौटे।" सरकार स्वस्थ माहौल बहाल करने की पहल करेगी।

- मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग कॉलेज परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे। ममता ने जूनियर डॉक्टरों से कहा - अगर मैं दो या तीन साल की उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांच करने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसी नियुक्त करती हूं, तो कई चीजें सामने आएंगी कई और आरोप सामने आएंगे।

- मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से पहले राज्य सरकार को सूचित करना होगा। जांच समिति आरोपों की जांच करेगी।

- सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की एक फाइल स्वीकार कर ली है जिसमें राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के खिलाफ आरोप हैं।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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