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Kolkata Rape-Murder Case: सुरक्षा को लेकर चिंतित थे, कर्ज लेकर खरीदी थी कार... लेडी डॉक्टर के पिता ने बताया क्या थे बेटी के सपने

Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता में हुई एक महिला डाक्टर के साथ हुई घटना केवल एक जघन्य अपराध नहीं है बल्कि यह देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा पर एक गंभीर सवाल भी खड़ा करती है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 21 Aug 2024 3:34 PM IST
Kolkata Rape-Murder Case ( Pic -Social- Media)
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Kolkata Rape-Murder Case ( Pic -Social- Media)

Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या से पूरे देश में आक्रोश है। डाक्टर इस घटना के विरोध में प्रदर्शन कर कर हैं। वे डाक्टरों की सुरक्षा के साथ ही महिला डाक्टर की हत्या में दोषियों को सख्त से सख्त सजा की मांग कर रहे हैं।

बता दें कि यह घटना 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई थी। पीड़िता के पिता ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया कि कैसे उनकी बेटी ने मेडिकल के क्षेत्र में कदम रखने के लिए कठिनाइयों का सामना किया। कैसे उनके परिवार ने उनके इस सपने को पूरा करने के लिए अथक प्रयास किया।


महिला डॉक्टर के पिता ने बताया कि कैसे उनकी बेटी हमेशा से दूसरों की मदद करने के लिए एक डॉक्टर बनना चाहती थी। उसने कहा था कि पापा डॉक्टर बनना और दूसरों की मदद करना एक अच्छा काम है। आपका क्या ख्याल है? मैंने कहा था ठीक है, करो। हम तुम्हारी मदद करेंगे और देखो क्या हुआ। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी उनकी इकलौती संतान थी और चिकित्सा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना ही उसका सपना था। हम एक गरीब परिवार से हैं और हमने उसे बहुत मुश्किल से पाला। उसने डॉक्टर बनने के लिए बहुत मेहनत की। उसने बस पढ़ाई की, पढ़ाई की, और पढ़ाई की।


बेटी को किश्तों पर लेके दी थी कार

पिता ने बताया कि जब उनकी बेटी ने अस्पताल और उनके घर के बीच एक घंटे लंबी बस यात्रा के दौरान सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी तो उन्होंने कर्ज लेकर उसके लिए एक कार ख़रीदी। पहले तो उसने मुझसे कहा कि रुक जाओ, उसने कहा कि हम ईएमआई (मासिक किश्तें) नहीं चुका पाएंगे। वह हम पर बोझ नहीं डालना चाहती थी। लेकिन फिर उसे लंबी शिफ्ट के बाद बस की सवारी इतनी थका देने वाली लगी कि वह कार के लिए मान गई।


अस्पताल पहुंचने पर हम निश्चिंत हो जाते थे

पिता ने कहा कि सभी माता-पिता की तरह, हम उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते थे। लेकिन केवल तभी जब वह यात्रा कर रही होती थी। जिस समय वह अस्पताल पहुंचती थी, हम निश्चिंत हो जाते थे। वह सुरक्षित थी। यह वैसा ही है जैसे जब हम उसे स्कूल छोड़ते थे। एक बार जब वह गेट के अंदर होती थी, तो आपको लगता था कि वह सुरक्षित है।


बोले पड़ोसी- टूट चुके हैं माता-पिता

वहीं उनके एक पड़ोसी ने कहा महिला डॉक्टर के माता-पिता टूट चुके हैं। उनकी मां ने हमें बताया कि वह मेरी इकलौती संतान थी। हमने उसे डॉक्टर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। मैं अब कभी खुश नहीं रहूंगी। पड़ोसी, जो हर बीमारी के लिए उनसे सलाह लेते थे और उनकी उपलब्धियों पर गर्व करते थे। उन्हें आवारा जानवरों को खाना खिलाते और समय मिलने पर बागवानी करते हुए याद करते हैं। वे किसी न किसी तरह परिवार की मदद करने के लिए तरस रहे हैं। एक पड़ोसी ने कहा कि लड़की अब चली गई है, लेकिन हम उसके माता-पिता के साथ खड़े रहेंगे ताकि वे अकेला महसूस न करें।


बेटी ने पूरा किया था मां-बाप का सपना

भारत में मेडिकल कॉलेजों में लगभग 107,000 सीटों के लिए हर साल दस लाख से ज़्यादा छात्र आवेदन करते हैं। इनमें से एक सीट हासिल कर 31 वर्षीय पीड़िता ने अपने गृह राज्य पश्चिम बंगाल के कल्याणी स्थित कॉलेज ऑफ मेडिसिन एंड जेएनएम अस्पताल में दाखिला लिया था। उनके माता-पिता ने दर्जी का काम करके जो भी कमाई की, उससे उनकी बेटी के इस सपने को पूरा करने में मदद की।



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Shalini Rai

Shalini Rai

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