Kolkata Case: कोलकाता केस की पैरवी से अलग होने की कपिल सिब्बल से गुजारिश, अधीर रंजन बोले-अपराधियों की तरफदारी न करें

Kolkata Case: पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी भी इस घटना को लेकर लगातार ममता सरकार पर हमलावर हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 23 Aug 2024 4:21 AM GMT
Kapil Sibal,  Adhir Ranjan
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Kapil Sibal, Adhir Ranjan   (photo: social media)

Kolkata Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले को लेकर पूरे देश में गुस्सा दिख रहा है। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों की ओर से ममता सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। टीएमसी के भीतर भी इस घटना को लेकर विरोधी स्वर उठने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए ममता सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।

पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी भी इस घटना को लेकर लगातार ममता सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में ममता सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे मशहूर वकील कपिल सिब्बल को केस से खुद को अलग कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों में इस घटना को लेकर काफी गुस्सा है और ऐसे में सिंबल को इस मामले में ममता सरकार की पैरवी नहीं करनी चाहिए।

घटना को लेकर बंगाल में काफी नाराजगी

मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा कि हिंदुस्तान के कानून जगत में कपिल सिब्बल का बड़ा नाम है। वे देश के बड़े वकील हैं और कोलकाता कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ममता सरकार और कोलकाता पुलिस को बचाने में लगे हुए हैं। चौधरी ने कहा कि इस घटना को लेकर बंगाल के आम लोगों में काफी नाराजगी है। राज्य के लोगों के गुस्से को देखते हुए सिब्बल को खुद ही इस केस से अलग हो जाना चाहिए। उन्हें अपराधियों की तरफदारी नहीं करनी चाहिए।

चौधरी ने कहा कि मशहूर वकील होने के साथ ही ही कपिल सिब्बल लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। मौजूदा समय में भी वे राज्यसभा के सदस्य हैं। सिब्बल को इस केस की पैरवी में काफी पैसा मिल जाएगा मगर उन्हें इस केस से खुद को अलग कर लेना चाहिए।

केस की पैरवी से अलग होने की गुजारिश

कांग्रेस नेता ने कहा कि आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना के बाद लोगों का गुस्सा अब ज्वालामुखी बन चुका है। इस गुस्से को देखते हुए सिब्बल को अब अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। इस घटना को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ लोगों में भारी नाराजगी है। घटना के बाद ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात में पैसे का लालच देते हुए चुप हो जाने की बात कही थी मगर लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है।

कोलकाता कांड को लेकर सिब्बल ने गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में ममता सरकार और कोलकाता पुलिस का बचाव किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने इस दौरान सिब्बल से तीखे सवाल भी पूछे थे जिनका जवाब देना उनके लिए मुश्किल हो गया था।

सोशल मीडिया पर सिब्बल की खिलाफत

चौधरी ने सोशल मीडिया का जिक्र करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर लोग सिब्बल साहब को लेकर काफी बुरा लिख रहे हैं। वे हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्र में महत्वपूर्ण मंत्री रह चुके हैं मगर सोशल मीडिया पर लोग उन्हें इस जघन्य घटना की पैरवी के लिए जमकर कोस रहे हैं। इस कारण उन्हें कोलकाता कांड से की पैरवी से खुद को पूरी तरह अलग कर लेना चाहिए।

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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