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Kolkata Rape-Murder Case: पहले रेड लाइट एरिया गया फिर लड़की से न्यूड फोटो मांगे... हैवानियत से पहले पी थी शराब, सामने आया अब तक का बड़ा खुलासा
Kolkata Rape-Murder Case: आरोपी संजय रॉय ने घटना वाली रात को शराब का सेवन किया था। उसी रात वो दो रेड लाइट इलाकों में भी गया था। सड़क पर एक महिला से छेड़छाड़ की थी, साथ ही एक महिला से नग्न फोटो भी मांगे थे।
Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लेडी डॉक्टर से रेप एंड मर्डर केस के आरोपी को लेकर अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक कोलकाता रेप एंड मर्डर के आरोपी संजय रॉय ने उस रात शराब का सेवन किया था। यही नहीं उसी रात वो दो रेड लाइट इलाकों में भी गया था। इसके अलावा जानकारी यह भी सामने आ रही है कि संजय रॉय ने उस रात सड़क पर एक महिला से छेड़छाड़ भी की थी, साथ ही एक महिला से नग्न फोटो भी मांगे थे। सूत्रों की मानें तो उस रात संजय रॉय ने अस्पताल के सेमिनार हॉल में अपराध करने से पहले ऑपरेशन थिएटर में झांक कर भी देखा था।
बता दें कि इस मामले का आरोपी संजय रॉय 14 अगस्त से पुलिस की हिरासत में है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप के बाद उसकी हत्या करने के आरोप में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। संजय 2019 से कोलकाता पुलिस के डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रुप के साथ एक सिविक वॉलंटियर के रूप में काम कर रहा था। गिरफ्तारी के बाद से संजय रॉय के बारे में हर रोज नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। .
पुलिस की गिरफ्त में कैसे आया संजय रॉय?
सीसीटीवी फुटेज में संजय रॉय को घटना के दिन सुबह 4 बजे आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग में प्रवेश करते हुए देखा गया है। उसने गले में ब्लूटूथ डिवाइस पहन रखी थी। हालांकि, 40 मिनट बाद जब वह बिल्डिंग से बाहर निकला है तो ईयरफोन गायब था। पुलिस को पीड़ित डॉक्टर की डेड बॉडी के पास ब्लूटूथ डिवाइस पड़ी मिली। जांच में पता चला कि यह डिवाइस संजय रॉय के मोबाइल के ब्लूटूथ से कनेक्ट थी। इस तरह पुलिस को इस जघन्य वारदात के साथ संजय रॉय का लिंक मिला। पुलिस की जांच से पता चला कि रॉय के मोबाइल फोन में कई हिंसक और अश्लील वीडियो क्लिप थीं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उसने कथित तौर पर बिना किसी पछतावे के अपना अपराध कबूल कर लिया और पुलिस से कहा, यदि आप चाहें, तो आप मुझे फांसी दे सकते हैं।
संजय ने कई शादियां की हैं
संजय रॉय के पड़ोसियों ने उसके निजी जीवन के बारे में कई चौंकाने वाली बातें बताई। उन्होंने आरोप लगाया कि उसने कई शादियां की हैं। उसकी तीन पत्नियां उसके दुर्व्यवहारी स्वभाव के कारण उसे छोड़कर चली गईं। उसकी चौथी पत्नी की पिछले साल कैंसर से मृत्यु हो गई।
आरोपी का होगा पॉलीग्राफी टेस्ट
सीबीआई को कोलकाता रेप-मर्डर केस के आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की इजाजत मिल चुकी है। इसके लिए जांच एजेंसी ने कोर्ट में अर्जी दायर की थी। इससे पहले एजेंसी आरोपी का मनोवैज्ञानिक टेस्ट करा चुकी है। अब पॉलीग्राफी टेस्ट से पता चल सकेगा कि आखिरी आरोपी कितना झूठ और कितना सच बोल रहा है।
कई एंगल पर जांच कर रही CBI
बता दें कि इस मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है। सीबीआई इस मामले में कई लेवल के जांच में जुटी है। इससे पहले आरोपी का मनोवैज्ञानिक टेस्ट कराया गया है, जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई कि आरोपी मेंटली ठीक है या नहीं।
क्या है पूरा मामला?
यह दुखद घटना 9 अगस्त 2024 की है, जब कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का रेप और फिर हत्या कर दी गई। अगली सुबह पीड़िता का शव अस्पताल के सेमीनार हॉल में पाया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि पीड़िता के शरीर पर 14 गंभीर चोट के निशान थे। रिपोर्ट में सामने आया कि उसका गला घोंटा गया था। कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को शव मिलने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया था। कथित तौर पर उसे उस इमारत में प्रवेश करते देखा गया जहां घटना हुई थी। इस मामले को लेकर पूरे देश में डॉक्टर कम्युनिटी के बीच विरोध की लहर है। देशभर में वे लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार से एक ऑर्डिनेंस लाने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई
गौरतलब है कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान लिया। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंप दी है। डॉक्टर्स के हॉस्टल में भी सुरक्षा होगी। जहां रेजिडेंट डॉक्टर रहते हैं, वहां सीआईएसएफ सुरक्षा देगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की ओर से एसजी तुषार मेहता के सुझाव पर यह कदम उठाया है।
अस्पताल की सुरक्षा अब CISF के हवाले
सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि चूंकि अदालत सभी डॉक्टरों की सुरक्षा और भलाई से संबंधित मामले पर विचार कर रही है इसलिए हम उन सभी डॉक्टरों से अनुरोध करते हैं जो काम से दूर हैं, वे जल्द से जल्द अपना काम फिर से शुरू करें। डॉक्टरों द्वारा काम से दूर रहने से समाज के उस वर्ग पर असर पड़ता है जिसे चिकित्सा देखभाल की जरूरत है। डॉक्टर और चिकित्सा पेशेवर आश्वस्त रहें कि उनकी चिंताओं को सुप्रीम कोर्ट द्वारा संबोधित किया जा रहा है।