×

देश का अनोखा गांव, जहां नाम से नहीं, व्हिसलिंग ट्यून नेम से होती है लोगों की पहचान

कांगथांन गांव के हर शख्स का दो नाम होता है। पहला हमारी और आपकी तरह ही नॉर्मल नाम और दूसरा व्हिसलिंग ट्यून नेम। गांव के लोग नॉर्मल नाम से बुलाने की बजाय व्हिसलिंग ट्यून नेम से ही बुलाते हैं।

suman
Published on: 24 May 2019 9:42 AM GMT
देश का अनोखा गांव, जहां नाम से नहीं, व्हिसलिंग ट्यून नेम से होती है लोगों की पहचान
X

जयपुर: भारत में एक ऐसा गांव है जहां लोग एक दूसरे को नाम से नहीं, बल्कि सीटी बजाकर बुलाते हैं। लोगों को बुलाने के लिए अलग-अलग स्टाइल में व्हिसल करते हैं। मेघालय के पूर्वी जिले खासी हिल में कांगथांन गांव है। जिसे व्हिसलिंग विलेज के नाम से भी जाना जाता है। गांव में खासी ट्राइब्स को लोग रहते हैं। गांव के हर शख्स के दो नाम होते हैं…कांगथांन गांव के हर शख्स का दो नाम होता है। पहला हमारी और आपकी तरह ही नॉर्मल नाम और दूसरा व्हिसलिंग ट्यून नेम।

गांव के लोग नॉर्मल नाम से बुलाने की बजाय व्हिसलिंग ट्यून नेम से ही बुलाते हैं। इसके लिए हर शख्स के लिए व्हिसलिंग ट्यून अलग-अलग होती है और यही अलग तरीका उनके नाम और पहचान का काम करती है। गांव में जब बच्चा पैदा होता है तो यह धुन उसको उसकी मां देती है फिर बच्चा धीरे-धीरे अपनी धुन पहचानने लगता है। कांनथांन गांव में 109 परिवार के 627 लोग रहते हैं। सभी की अपनी अलग-अलग ट्यून है। यानी गांव में कुल 627 ट्यून है।

इन सपनों को देखने से आता है दुर्भाग्य या सौभाग्य, जानिए स्वपनफल

गांव के लोग यह ट्यून नेचर से बनाते हैं खासकर चिड़ियों की आवाज से नई धुन बनाते हैं। कांनथांन गांव चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा है। इसलिए गांव के लोग कोई भी ट्यून निकालते हैं तो वो कम समय में दूर तक पहुंचती है। यानी गांव के लोगों का बातचीत का यह तरीका भी वैज्ञानिक रूप से सही है। वक्त बदलने के साथ-साथ यहां के लोग भी बदलने लगे हैं। अब यह लोग अपने ट्यून नेम को मोबाइल पर रिकॉर्ड कर उसे रिंगटोन भी बना लेते हैं।

suman

suman

Next Story