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कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट 15 मई को करेगा सुनवाई, फांसी पर लगी है रोक
कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने वाली इंटरनेशनल जस्टिस कोर्ट (आईसीजे) सोमवार (15 मई) को भारत की याचिका पर सुनवाई कर सकती है।
नई दिल्ली (आईएएनएस): कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने वाली इंटरनेशनल जस्टिस कोर्ट (आईसीजे) सोमवार (15 मई) को भारत की याचिका पर सुनवाई कर सकती है। आईसीजे में भारत का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने यह जानकारी दी। साल्वे ने बुधवार (10 मई) को कहा कि 'भारत ने नीदरलैंड के हेग स्थित इंटरनेशनल जस्टिस कोर्ट का रुख करने पर नपा तुला फैसला किया है' और पाकिस्तान की कानूनी प्रतिक्रिया को देखने का इंतजार करेगा।
वकील हरीश साल्वे के मुताबिक़, हमें वहां सोमवार को मौजूद रहने के लिए कहा गया है। सोमवार को मामले की सुनवाई हो सकती है या सुनवाई की तारीख के बारे में जानकारी दी जाएगी। हमें तत्काल राहत की जरूरत है। पाकिस्तान चाहे जब इस पर प्रतिक्रिया जताए, हम उसके लिए तैयार हैं।" साल्वे ने यह भी कहा कि जाधव को राजनयिक संपर्क उपलब्ध कराना भारत तथा भारतीय का अधिकार है।
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हरीश साल्वे ने कहा, "राजनयिक पहुंच प्रदान करना खुद को साबित करने जैसा दायित्व है, जो न सिर्फ देश बल्कि आरोपी का भी अधिकार है। इसका मूलभूत तात्पर्य यही है कि विदेश में गिरफ्तारी के वक्त से ही आपको राजनयिक संपर्क का लाभ मिलना चाहिए।"
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को ट्वीट किया कि आईसीजे ने जाधव की मौत की सजा को निलंबित कर दिया है।
आईसीजे ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा, "08 मई, 2017 को भारत गणराज्य ने पाकिस्तान गणराज्य के खिलाफ कार्यवाही की शुरुआत की है, जिसमें उसने एक भारतीय नागरिक कुलभूषण सुधीर जाधव को हिरासत में लेने, मुकदमा चलाने तथा एक सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाने के मामले में पाकिस्तान पर राजनयिक संपर्क पर विएना सम्मेलन के उल्लंघन का आरोप लगाया है।"
बयान के मुताबिक, "याची ने दलील दी है कि गिरफ्तारी के बाद लंबे वक्त तक जाधव को हिरासत में रखने के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं दी गई और पाकिस्तान आरोपी को उसके अधिकार के बारे में सूचना प्रदान करने में विफल रहा।"
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आईसीजे के अनुच्छेद 74 के चौथे पैराग्राफ के नियमों का हवाला देते हुए आईसीजे के अध्यक्ष रॉनी अब्राहम ने पाकिस्तान को एक पत्र लिखकर जाधव की सजा को निलंबित करने की मांग की थी।
भारत ने सोमवार को आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था और आरोपी को दी गई सजा को निलंबित करने तथा सैन्य अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा पर अमल करने से पाकिस्तान को रोकने की मांग की थी।
उसने सैन्य अदालत द्वारा दी गई सजा को विएना सम्मेलन अधिकारों का उल्लंघन करार देने तथा आरोपी को उसके अधिकारों से वंचित करने को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देने की मांग की थी।
भारत ने अदालत से अपील की थी कि वह एक ऐसा आदेश जारी करे, जिससे तत्काल राहत मिले न कि उसके लिए मौखिक सुनवाई का इंतजार करना पड़े।
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को पाकिस्तान ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान में गिरफ्तार करने का दावा किया था। पाकिस्तान ने कहा है कि जाधव भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए काम कर रहा था। वहीं भारत का कहना है कि जाधव को बलूचिस्तान में गिरफ्तार नहीं किया गया, बल्कि ईरान से अगवा किया गया था।
जाधव को 10 अप्रैल को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कथित तौर पर जासूसी करने तथा इस्लामाबाद के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहने के आरोपों को लेकर मौत की सजा सुनाई है।
वहीं भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर जाधव की मौत की सजा पर अमल किया गया है, तो वह इसे सुनियोजित हत्या करार देगा। भारत ने पाकिस्तान से जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया कराने को लेकर 16 बार आग्रह किया, लेकिन हर बार उसने इनकार किया।