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Ram Mandir Inauguration: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे लालकृष्ण आडवाणी, होगा विशेष इंतजाम

Ram Mandir Inauguration: 10 जनवरी को आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल, राम लाल और वीएचपी नेता आलोक कुमार दिल्ली स्थित लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचे और उन्हें राम मंदिर उद्घाटन समारोह का न्योता दिया।

Krishna Chaudhary
Published on: 11 Jan 2024 3:08 AM GMT (Updated on: 11 Jan 2024 3:42 AM GMT)
Lal Krishna Advani
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Lal Krishna Advani   (photo: social media )

Ram Mandir Inauguration: पूर्व उपप्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के लौह पुरूष कहे जाने वाले वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने अयोध्या पहुंचेंगे। विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख आलोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है। बीते माह आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण भेजा गया था। हालांकि, दोनों की उम्र और स्वास्थ्य को देखकर माना जा रहा था कि वे अयोध्या नहीं आएंगे।

दरअसल, कल यानी बुधवार 10 जनवरी को आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल, राम लाल और वीएचपी नेता आलोक कुमार दिल्ली स्थित लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचे और उन्हें राम मंदिर उद्घाटन समारोह का न्योता दिया। 96 वर्षीय भाजपा नेता और उनके परिवार को यह भरोसा दिलाया गया कि 22 जनवरी को अयोध्या में रहने के दौरान उन्हें हर जरूरी मेडिकल सुविधाएं मुहैय कराई जाएंगी।

आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में आडवाणी की भूमिका को देखते हुए उनका प्राण प्रतिष्ठा समारोह में रहना महत्वपूर्ण है। सभी चाहते हैं कि 22 जनवरी के दिन लालकृष्ण आडवाणी अयोध्या में रहें। उनकी उम्र को देखते हुए हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। सभी चीजों से आश्वस्त होने के बाद आडवाणी और उनके परिवार ने न्योता स्वीकार करते हुए 22 जनवरी को अयोध्या जाने पर हामी भर दी।

न्योते मिलने पर क्या बोले आडवाणी ?

राम मंदिर आंदोलन को देशव्यापी बनाने वाले कद्दावर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता मिलने पर काफी खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि यह बड़ा सौभाग्य का योग है कि ऐसे भव्य प्रसंग पर प्रत्यक्ष उपस्थिति का अवसर मिला है। पहली बात है कि इतने वर्षों के बाद भारत के ‘स्व’ के प्रतीक का पुनर्निर्माण हमने किया। वो हमारे पुरुषार्थ के आधार पर किया। दूसरी बात है कि जो अपनी एक दिशा होनी चाहिए, उसको पकड़ने का प्रयास भी अनेक दशकों से हम लोग कर रहे थे, वो हमें मिल गई है और स्थापित हो गई है।

चंपत राय के बयान से हुआ था विवाद

दरअसल, दिसंबर में राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के एक बयान से विवाद हो गया था। उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी दोनों वरिष्ठ नेताओं से प्राण प्रतिष्ठा समारोह से दूरी बनाने की अपील की थी। राय ने कहा था कि दोनों नेता स्वास्थ्य और उम्र संबंधी कारणों के चलते उद्घाटन समारोह में शिरकत नहीं कर पाएंगे। दोनों बुजुर्ग हैं। इसलिए उनकी उम्र को देखते हुए उनसे न आने का अनुरोध किया गया है, जिसे दोनों ने स्वीकार कर लिया है। चंपत राय के इस बयान के बाद विवाद शुरू हो गया था, जिसे शांत करने के लिए वीएचपी और ट्रस्ट के नेता दोनों वरिष्ठ नेताओं के घर निमंत्रण कार्ड लेकर पहुंचे थे।

बता दें कि 25 सितंबर 1990 को गुजरात के सोमनाथ मंदिर से लालकृष्ण आडवाणी रथयात्रा के लिए अयोध्या स्थित राम मंदिर के लिए निकले थे। रथयात्रा के बाद ही राम मंदिर आंदोलन आम लोगों के बीच पहुंचा। जिसका भारतीय जनता पार्टी को भरपूर सियासी लाभ हुआ। पार्टी को इसका फायदा खासतौर पर हिंदी पट्टी के राज्यों में हुआ, जहां वो आज भी काफी मजबूत स्थिति में है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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