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लाला लाजपत राय की 90वीं पुण्यतिथि आज, यहां जानें कुछ रोचक बातें
नई दिल्ली: भारत के जैन धर्म के अग्रवंश मे जन्मे लाला लाजपत राय की आज 90वीं पुण्यतिथि है। लाला लाजपात राय का निधन 17 नवंबर 1928 को वर्तमान के पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। आइए, उनकी पुण्यतिथि पर जानते हैं कुछ उनके जीवन से जुड़े पहलुओं के बारे में।
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- पंजाब के मोगा जिले में एक अग्रवाल परिवार में लाला लाजपत राय का जन्म हुआ था।
- वह एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे।
- उन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है।
- वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता थे।
- लाला लाजपत राय ने ही पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी।
- वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। इन्हीं तीनों नेताओं ने सबसे पहले भारत में पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की थी बाद में समूचा देश इनके साथ हो गया।
- साल 1928 में उन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये और अंततः 17 नवंबर 1928 को इनकी महान आत्मा ने पार्थिव देह त्याग दी।
- जब लाला जी की मृत्यु हुई तो इससे सारा देश उत्तेजित हो उठा और चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व अन्य क्रांतिकारियों ने लालाजी पर जानलेवा लाठीचार्ज का बदला लेने का निर्णय किया।
- इन देशभक्तों ने अपने प्रिय नेता की हत्या के ठीक एक महीने बाद अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर ली और 17 दिसंबर 1928 को ब्रिटिश पुलिस के अफ़सर सांडर्स को गोली से उड़ा दिया।
- लालाजी ने हिन्दी में शिवाजी, श्रीकृष्ण और कई महापुरुषों की जीवनियाँ लिखीं। उन्होने देश में और विशेषतः पंजाब में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में बहुत सहयोग दिया। देश में हिन्दी लागू करने के लिये उन्होने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था।
- लालाजी की मौत के बदले सांडर्स की हत्या के मामले में ही राजगुरु, सुखदेव और भगतसिंह को फांसी की सजा सुनाई गई।
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