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Bihar Politics: बिहार चुनाव में होगा बड़ा खेला, लालू से हाथ मिला सकते हैं NDA से नाराज पशुपति पारस
Bihar Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री पारस की ओर से बुधवार को दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव समेत कई और बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया था।
Bihar Politics: बिहार में मकर संक्रांति पर होने वाले दही-चूड़ा भोज में हमेशा नया सियासी गुल खिलता रहा है। खरमास खत्म होने के बाद बिहार की सियासत अक्सर नई करवट लेती रही है। इस बार का दही-चूड़ा भोज भी नया सियासी गुल खिलाने वाला साबित हो सकता है। दही-चूड़ा भोज के जरिए बिहार में नया सियासी समीकरण बनता हुआ दिख रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के दही-चूड़ा भोज में राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के शामिल होने के बाद बिहार की सियासत में नई अटकलों का दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए से नाराज चल रहे पारस राजद की अगुवाई वाले विपक्षी महागठबंधन से हाथ मिला सकते हैं।
लालू के भोज में आने से तेज हुईं अटकलें
दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री पारस की ओर से बुधवार को दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव समेत कई और बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया था। हालांकि नीतीश कुमार पारस के इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे मगर राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के इस भोज में शामिल होने के बाद सियासी हल्कों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
राजद मुखिया लालू अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के साथ पारस के आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। हालांकि वे इस आयोजन में थोड़ी देर ही रुके मगर इस दौरान उन्होंने पारस के साथ सियासी मुद्दों पर चर्चा की। अपने आयोजन में लालू यादव के पहुंचने से पशुपति पारस भी गदगद दिखे और उन्होंने शाल ओढ़ाकर लालू यादव का सम्मान किया।
लालू ने दे दिया पारस को ग्रीन सिग्नल
जानकार सूत्रों का कहना है कि लालू यादव ने पशुपति पारस को महागठबंधन में शामिल होने की मंजूरी दे दी है। जानकारों का कहना है कि लालू यादव का ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद पशुपति पारस आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन में शामिल होकर सियासी जंग में उतर सकते हैं। लालू और पारस की इस मुलाकात के बाद बिहार के सियासी हल्कों में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है।
हालांकि लालू प्रसाद यादव और पशुपति पारस दोनों ने अभी तक इस मुद्दे पर खुलकर कोई बयान नहीं दिया है मगर इस बात का संकेत जरूर मिला है कि आने वाले दिनों में बिहार की सियासत में नया समीकरण बन सकता है।
इससे पहले पशुपति कुमार पारस दही-चूड़ा भोज में हिस्सा लेने के लिए राबड़ी देवी के आवास पर भी पहुंचे थे। वे आवास के पिछले दरवाजे से भीतर गए थे मगर मीडिया ने इन लम्हों को अपने कैमरे में कैद कर लिया था। इस दौरान पारस के साथ पूर्व सांसद प्रिंस राज भी थे।
एनडीए से क्यों नाराज हैं पारस
पशुपति पारस इन दिनों एनडीए से काफी नाराज चल रहे हैं। हाल के दिनों में वे कई बार यह बयान दे चुके हैं कि एनडीए में उन्हें नहीं पूछा जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान पारस ने एनडीए के सीट बंटवारे में कुछ सीटें पाने की कोशिश की थी मगर उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी थी।
भाजपा ने पारस के के धुर विरोधी चिराग पासवान की पार्टी लोजपा को पांच सीटें जरूर दी थीं मगर पारस के साथ गठबंधन में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। लोजपा नेता चिराग पासवान ने इस मौके को भुनाते हुए बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की जबकि पारस खाली हाथ रह गए।
अब पारस ले सकते हैं बड़ा फैसला
पारस उस समय खून का घूंट पीकर शांत रह गए थे मगर वे विधानसभा चुनाव के मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहते। इसलिए उन्होंने विपक्षी महागठबंधन में अपनी चुनावी संभावनाओं को तलाशना शुरू कर दिया है। लालू यादव से मुलाकात के बाद पारस ने कहा कि हमारे आमंत्रण पर लालू आए,यह बहुत बड़ी बात है।
उन्होंने कहा कि लालू यादव से मेरी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई है। अब खरमास खत्म हो गया है। ऐसे में आने वाले दिनों में सब कुछ अच्छा होगा। सियासी जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में पारस बड़ा फैसला ले सकते हैं। उनके विपक्षी महागठबंधन के साथ जाने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं और यदि यह बात सच साबित होती है तो बिहार की सियासत पर बड़ा असर पड़ना तय है।