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Bihar: ‘नए साल में जदयू पर ग्रहण लगा हुआ है, कभी भी गिर सकती है नीतीश सरकार’, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बड़ा दावा
Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जदयू के कई विधायक इन दिनों राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के संपर्क में हैं और बिहार में कभी भी नीतीश सरकार गिर सकती है।
Bihar Politics. बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन की अगुवाई कर रही जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बार फिर से ह्रद्य परिवर्तन होने की चर्चा सियासी हलकों में इन दिनों खूब हो रही है। कहा जा रहा है कि आम चुनाव से पहले नीतीश एकबार फिर पाला बदल सकते हैं। हालांकि, जदयू और भाजपा दोनों फिलहाल ऐसी अफवाहों को सिरे से खारिज कर रहे हैं।
भाजपा नेताओं का सीएम नीतीश कुमार पर ताबड़तोड़ हमला जारी है। महागठबंधन के बनने के पहले दिन से बिहार भाजपा के नेता दावा करते रहे हैं कि जदयू का राजद में विलय होगा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि जदयू के कई विधायक इन दिनों राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के संपर्क में हैं और बिहार में कभी भी नीतीश सरकार गिर सकती है।
नीतीश के पास अब कोई ऑप्शन नहीं – गिरिराज सिंह
फायरब्रांड भाजपा नेता और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि ललन सिंह को हटाकर नीतीश कुमार ने भले अपने लुटिया डुबने से बचा ली हो लेकिन वह लालू यादव के चक्रव्यहू में फंस गए हैं। लालू यादव उनके विधायकों के संपर्क में हैं और कभी भी सरकार गिरा सकते हैं। तेजस्वी यादव सीएम हो सकते हैं, इसे कोई टाल नहीं सकता है।
नीतीश कुमार के पास अब कोई और ऑप्शन नहीं है। जदयू पर नए साल में पूरे तरह से ग्रहण लगा हुआ है। नीतीश पीएम मैटेरियल तो क्या अब सीएम मैटेरियल भी नहीं रहे। वहीं, उनके बीजेपी के साथ आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के दरवाजे अब बंद हो चुके हैं। उनके पास अब बस एक ही विकल्प है कि लालू यादव के सामने सरेंडर कर दें अन्यथा लालू फूट डालने और अपनी सरकार बनाने में माहिर हैं।
ललन सिंह का इलाज हो गया – केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे
वहीं, बिहार बीजेपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हटाने के सवाले पर कहा कि ये लोग रोज हटाते हैं रोज बैठाते हैं। ये कोई बड़ा महत्व का विषय नहीं है। ठीक किया इनका (ललन सिंह) इलाज भी हो गया, बहुत फड़फड़ा रहे थे। उनकी(नीतीश कुमार) वापसी की बात ही नहीं उठती है, सदा-सदा के लिए उनके लिए खरमास लगा हुआ है।
दरअसल, बिहार के सियासी हलकों में ऐसी चर्चा है कि सीएम नीतीश कुमार तय योजना के मुताबिक अब मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ना चाहते क्योंकि इंडिया गठबंधन में उन्हें कोई महत्वपूर्ण पद मिलता नजर नहीं आ रहा है। जिससे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव नाराज बताए जाते हैं। वे जल्द से जल्द अपने बेटे और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सीएम की कुर्सी पर देखना चाहते हैं। बताया जाता है कि इसी को लेकर उनके और ललन सिंह के बीच डील हुई थी। जिसकी भनक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लग गई और उन्होंने ललन सिंह से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ले ली। सियासी जानकारों की मानें तो बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में और सियासी उठापटक देखने को मिल सकती है।