Land For Job Scam: लालू, तेजस्वी और तेज प्रताप यादव को कोर्ट से मिली जमानत, अदालत ने रखी ये शर्तें

Land For Job Scam: आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में लालू यादव परिवार समेत पहुंचे थे।

Sonali kesarwani
Published on: 7 Oct 2024 5:25 AM GMT (Updated on: 7 Oct 2024 6:14 AM GMT)
Land For Job Scam
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Land For Job Scam (pic: social media) 

Land For Job Scam: लैंड फॉर जॉब मामले को लेकर आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में लालू यादव अपने बेटों के साथ पेश हुए थे। जहाँ उन्हें कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिल गई है। बता दे कि लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को कोर्ट से जमानत मिल गई है।

लंबे समय से लैंड फॉर जॉब मामले में फंसे आरजेडी प्रमुख लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई है। कोर्ट की तरफ से सभी आरोपियों को एक लाख रूपए के मुचलके साथ जमानत मिली है। आज कोर्ट की तरफ से जमानत मिलने के साथ ही यह भी आदेश दिया गया कि सभी को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा।

कोर्ट के आदेश पर हुए थे पेश

लैंड फॉर जॉब स्कैम को लेकर आज राउज एवेन्यू कोर्ट में लालू परिवार की पेशी हुई थी। जहाँ आज कोर्ट की सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और मीसा भारती एक ही टेबल पर बैठे थे। आज कोर्ट को बताया गया कि समन की तामील करते हुए सभी आरोपी पेश हुए हैं। सभी आरोपीयों ने जमानत अर्जी दाखिल की है। आज कोर्ट में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लैंड फॉर जॉब मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिलने के बाद कहा कि ये मामला राजनीतिक है।

25 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

आज तेजस्वी यादव ने कोर्ट में कहा की ये मामला राजनीतिक है। केस में कोई दम नहीं है, ये हमारे खिलाफ साजिश है। कोर्ट पर भरोसा है। उसने हमें जमानत दी है। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। आपको बता दें कि रेलवे में ग्रुप D की नौकरी के बदले जमीन लेने के कथित घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए 8 आरोपियों को समन जारी किया था।

लैंड फॉर जॉब स्कैम क्या है

साल 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव रेल मंत्री थी तब उनके ऊपर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए रेलवे में ग्रुप D की भर्ती में कई लोगों को जमीन के बदले नौकरी पर लगवाया था। उस मामले में यह आरोप लगा था कि सारे जमीन राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर ट्रांसफर की गई थी। सीबीआई ने इस केस में यह दावा किया था कि नौकरियों के नियुक्ति के लिए सार्वजनिक तौर पर कोई विज्ञापन नहीं दिया गया था उसके बादवजूद भी पटना के निवासी नियुक्त लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में तमाम जोनल रेलवे में सब्सीट्यूट्स के रूप में नियुक्त किया गया। फिलहाल इस मामले की जांच ईडी कर रही है।

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Content Writer

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