TRENDING TAGS :
Land Scam Case: हेमंत सोरेन को लगा आज दूसरा झटका, 5 दिन की रिमांड पर भेजे गए पूर्व सीएम
Land Scam Case: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को आज एक दिन में दो बड़े झटके लगे हैं। दूसरा झटका पीएमएलए कोर्ट ने दिया है।
Land Scam Case: जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आज एक ही दिन में दो झटकों का सामना करना पड़ा है। पहला झटका उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए दिया। दूसरा झटका रांची की पीएमएलए कोर्ट ने दिया है। जहां प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें रिमांड पर लेने के लिए पेश किया था। कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री को पांच दिनों के लिए ईडी की रिमांड में भेज दिया है। एजेंसी की ओर से 10 दिन की रिमांड मांगी गई थी।
इससे पहले गुरूवार को प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के खिलाफ हेमंत सोरेन की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे आज सुनवाई के लिए सुचीबद्ध किया गया था। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इस याचिका की सुनवाई के लिए तीन जजों की विशेष पीठ का गठन किया था। तीन जजों की इस विशेष पीठ में जस्टिस सुरेश खन्ना, जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी शामिल थे। पीठ ने सुनवाई करते हुए सोरेन को राहत के लिए हाईकोर्ट जाने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट में आज क्या हुआ ?
सुप्रीम कोर्ट में आज झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री की पैरवी करने के लिए कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी जैसे दो दिग्गज वकील पेश हुए । कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सिब्बल से पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते ? इस पर उन्होंने कहा कि यह मामला एक मुख्यमंत्री से संबंधित है जिसे गिरफ्तार किया गया है। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतें सभी के लिए खुली हैं और उच्च न्यायालय संवैधानिक अदालत ही है। आप राहत के लिए हाईकोर्ट जाएं।
सात घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिए गए थे सोरेन
जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय 10 समन जारी कर चुकी थी। आठवां समन जारी होने के बाद सोरेन से 20 जनवरी को रांची स्थित सीएम हाउस पर पूछताछ हुई थी। इसके बाद 10वें समन पर 31 जनवरी को वापस मुख्यमंत्री निवास पर पूछताछ हुई। ईडी ने सात घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सोरेन एजेंसी के अधिकारियों के साथ राजभवन गए और अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा। उसी दौरान चंपई सोरेन भी विधायकों का समर्थन पत्र लेकर वहां पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।