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Lawrence Bishnoi Gang: लॉरेंस बिश्नोई का काला चिट्ठा, कैसे जेल में बैठे-बैठे चला रहा अपनी गैंग, आइये समझते हैं
Lawrence Bishnoi Gang Criminal History: मशहूर गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई भले ही जेल में हो पर वह जेल में रहकर भी गुनाहों की दुनिया (World Of Crime) में सक्रिय है।
Lawrence Bishnoi Gang Criminal History: पंजाब के जाने-माने सिंगर सिद्धू मूसे वाला (Punjabi Singer Sidhu Moose Wala) की 2022 में मौत के बाद लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) और उसकी गैंग (Lawrence Bishnoi Gang) चर्चा में आ गयी। आज लॉरेंस विश्नोई भले ही जेल में हो पर वह जेल में रहकर भी गुनाहों की दुनिया (World Of Crime) में सक्रिय है। यह आज इतना बड़ा नाम हो गया है कि इसे अंडर वर्ल्ड (Underworld) के साथ भी जोड़ कर देखा जा रहा है।
आखिर कैसे एक कॉन्स्टेबल के बेटे ने अपनायी जुर्म की दुनिया
लॉरेंस बिश्नोई का असली नाम बालकरण बरार (Balkaran Brar) है। उसे अपना नाम बचपन से ही पसंद नहीं था वो उसे बदलना चाहता था। उसकी चाची के कहने पर उसने अपना नाम लॉरेन्स बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) रखा। लॉरेन्स बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी, 1993 में पंजाब के अबोहर के पास धत्तरांवाली गांव में हुआ था। उसके पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे। परिवार का माहौल एकदम शांत था पर लॉरेंस बिश्नोई की इच्छाएं क्राइम की दुनिया में जाने की थी।
लॉरेंस बिश्नोई ने पंजाब विश्वविद्यालय में अपनी डिग्री (Lawrence Bishnoi Education In Hindi) पूरी की। इसी दौरान वह छात्र संगठन से जुड़ा। 2008 में पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव में लॉरेंस का दोस्त रॉबिन चुनाव लड़ रहा था और उसके सामने एक और उम्मीदवार था। लॉरेंस ने अपने दोस्त की लाइसेंसी पिस्टल से उस पर फायरिंग की थी। यह पहली बार था जब लॉरेंस पर 307 का केस दर्ज हुआ था जिसके बाद वह जेल भी गया था।
2011 में जीता अध्यक्ष पद का चुनाव
जेल से लौटने के बाद उसका दोस्त चुनाव में हार चुका था। जिसे बदला लेने के लिए 2010 में लॉरेंस ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा लेकिन हार गया। इस हार का बदला लेने के लिए लॉरेंस और उसके दोस्तों ने जीते हुए उम्मीदवार के हाथ पैर तोड़ दिए। लॉरेंस को फिर से जेल जाना पड़ा। जेल से रिहा होने के बाद लॉरेंस छात्र राजनीति पर ध्यान देने लगा। 2011 में लॉरेंस ने अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया। इसी दौरान उसकी मुलाकात गोल्डी बरार (Goldy Brar) से हुई।
जेल में किया गैंग का विस्तार
जेल जाना लॉरेंस बिश्नोई को फायदे का सौदा साबित हुआ। जेल के अंदर उसने वह काम कर लिया जो वो जेल के बाहर भी नहीं कर पा रहा था। दरअसल, जेल के अंदर जाने के बाद उसका संपर्क कई और गैंगस्टरों से हुआ, जिनके साथ उसने मिलकर अपनी गैंग का विस्तार किया। इसी दौरान वह हथियार डीलरों के भी संपर्क में आया। 2014 में पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई को गिरफ्तार किया था। जब लुधियाना में नगर निगम का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह हत्या उसने सिर्फ धाक जमाने के लिए की थी।
लॉरेंस बिश्नोई और सोशल मीडिया
लॉरेंस बिश्नोई जुर्म की दुनिया में नाम तो है ही, इसके साथ-साथ इसका नाम सोशल मीडिया पर भी उतना ही छाया हुआ है। लॉरेंस बिश्नोई को लाखों लोग सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं। लॉरेंस बिश्नोई के अकाउंट पर कई सारे वीडियो अपलोड हैं। लॉरेन्स ऐसे शूटर को अपनी गैंग में शामिल करता है, जो नाबालिक रहते हैं या जिन्हें जुर्म की दुनिया का कोई अंदाजा नहीं होता है। बिश्नोई गैंग में ऐसे युवा लोगों को लाया जाता है जिनकी सोशल मीडिया पर अच्छी पकड़ हो और जो नाबालिक हों। ये गैंग ऐसे ही लोग को निशाना बनाते हैं, जो परिवार से अलग-अलग हो चुके होते हैं ताकि उन्हें आसानी से टारगेट बनाया जा सके।
बिश्नोई गैंग के हैं लगभग 700 शूटर
बताया जाता है इस ग्रुप में लगभग 700 शूटर हैं। बिश्नोई गैंग में स्थानीय गैंगस्टर से संपर्क किया जाता है और स्थानीय शूटर को ही हायर किया जाता है जो कि हथियार चलाने में एक्सपर्ट होते हैं। इसमें सभी शूटर कांट्रेक्ट किलिंग के माध्यम से घटना को अंजाम देते हैं। इसके लिए उनको अलग से पैसे मुहैया कराए जाते हैं। यह वही शूटर होते हैं जो पैसे की तलाश में रहते हैं और शूटर को शायद यह पता भी नहीं होता है कि वह किसके लिए काम कर रहे हैं उन्हें बस जिसको मारना रहता है उनका टारगेट दिया जाता है। यह ठीक उसी तरह काम करते हैं, जिस तरह डी कंपनी और दाऊद इब्राहिम की कंपनी काम किया करती थी।
कॉरपोरेट कंपनी की तरह काम करता है लॉरेंस गैंग
लॉरेंस गैंग और विदेश में बैठा गोली बरार दोनों मिलकर यह कंपनी चलाते हैं। उनके गैंग में से लोग सिग्नल में इंक्रिप्टेड ऐप के जरिए बात की जाती है और फिर यह करके अलग-अलग राज्यों शहरों और देश में रिक्रूटर से बात करते हैं। शूटर को हथियार मुहैया करना अलग टीम का काम होता है। जबकि वारदात के बाद कहां छिपना है इसके लिए अलग टीम तैयार होती है।
बिश्नोई गैंग में है अपनी लीगल टीम
जैसे हर कॉरपोरेट कंपनी और सेलिब्रिटी की एक लीगल टीम होती है, उसी तरह लॉरेंस गैंग ने भी अपनी एक अलग लीगल टीम बना रखी है, जो मुश्किल वक्त में कानूनी मदद मुहैया कराती है।
सोशल मीडिया पर जुर्म के बाद लेते हैं जिम्मेदारी
लॉरेंस बिश्नोई किसी भी बड़े मर्डर को अंजाम देने के बाद उसकी जिम्मेदारी सोशल मीडिया पर पोस्ट करके जरूर देता है ताकि दुनिया में अपने खौफ को बनाए रखा जा सके।
इन बड़ी घटनाओं में है लॉरेंस बिश्नोई का नाम (Lawrence Bishnoi Cases)
1. 2022 में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसे वाला हत्याकांड की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई ने ली थी।
2. सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले में भी इस गैंग का नाम सामने आया था।
3. करणी सेवा के नेता सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या में भी इस गैंग के ऊपर सवाल उठाए गए थे।
4. पंजाबी सिंगर एपी ढिल्लों और गिप्पी ग्रेवाल के कनाडा से घर पर फायरिंग में भी लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया।
5. हाल ही में दिल्ली में हुआ नादिर हत्याकांड में भी लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया है।
लॉरेंस बिश्नोई अकेले अपना काम नहीं करता है उसके चार हमराज शामिल होते हैं, जो इस वारदातों को अंजाम देते हैं। इंसान हम राज्यों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अनमोल बराड़ (Anmol Brar)
अनमोल बराड़ लॉरेंस बिश्नोई का भाई है। वह अमेरिका में बैठकर उसके टीम को संचालित करता है। सिंगर मूसे वाला के हत्याकांड में अनमोल बरार मुख्य आरोपी रहा है। 2021 में जमानत के बाद वह फरार हो गया और लगातार फर्जी पासपोर्ट के जरिए अपना ठिकाना बदलता रहा। कुछ साल पहले पता चला कि वह केन्या में है। अनमोल के ऊपर संगीन धाराओं में 18 मुकदमे दर्ज हैं।
रोहित गोदारा (Rohit Godara)
इसके अलावा वांटेड गैंगस्टर और आतंकी रोहित भी इस गैंग को संभालता है। यह दोनों अमेरिका में बिश्नोई गैंग को संचालित करते हैं। कहते हैं रोहित कॉलेज के दिनों से ही लॉरेंस बिश्नोई को फॉलो करता आया है। रोहित गोदारा का असली नाम रावताराम स्वामी है। गैंगस्टर बनने से पहले यह मोबाइल टेक्निशियन था। गैंगस्टर बनने के बाद उसका परिवार से कोई संपर्क नहीं है।
रोहित का नाम उस समय सबसे ज्यादा खबरों में आया, जब उसने दिसंबर 2023 में राजस्थान के जयपुर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेवा के मुखिया सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या करने के बाद ऑन कैमरा अटैक की जिम्मेदारी ली। रोहित पर हत्या और वसूली से 35 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2010 से अपराध में शामिल रोहित 13 जून 2022 को पवन कुमार नाम के फर्जी पासपोर्ट नाम पर दिल्ली से दुबई भाग गया था।
कपिल सांगवान (KAPIL SANGWAN)
कपिल सांगवान यूके में बैठकर विश्व में गैंग को ऑपरेट करता है। कपिल उर्फ नंदू दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान में दर्ज 18 मामलों में वांटेड है। पहली बार कपिल सांगवान का नाम हरियाणा के झज्जर में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष सिंह राठी की हत्या के मामले में सामने आया था। इस मामले में उसने खुद सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
गोल्डी बरार (Goldy Brar)
गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई कॉलेज के दिनों से ही साथ रहे हैं। गोल्डी बरार का असली नाम सतविंदर सिंह है। सतविंदर के ऊपर पंजाब और हरियाणा में टोटल 54 मामले दर्ज हैं। बरार के खिलाफ पहला मामला साल 2012 में फरीदकोट में दर्ज हुआ था। यह केस आर्म्स एक्ट और मारपीट के आरोप में दर्ज किया गया था। आतंकी संगठन बब्बर खालसा से जुड़े होने की वजह से गोल्डी बरार को भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया हुआ है। गोली बरार अब कनाडा में रहकर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग को संभालता है।
खालिस्तानी आतंकी संगठन से भी ताल्लुक
इस गैंग की बड़ी कमाई का हिस्सा फिरौती, उगाही और ड्रग्स से आता है। जांच एजेंसी मानती है कि विदेशों में अपना वर्चस्व बनाने के लिए यह गैंग खालिस्तान संगठनों से भी हाथ मिलाता है और फंडिंग की आड़ में पंजाब में हुई कई बड़ी वारदातों को अंजाम भी देता है।
बिश्नोई गैंग की गतिविधियां
लॉरेंस बिश्नोई गैंग पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय है। इस गैंग की गतिविधियां विशेष रूप से जबरन वसूली मादक पदार्थों की तस्करी, सुपारी और मर्डर शामिल है। यह गैंग बड़े-बड़े व्यापारियों, बिल्डरों या अन्य फेमस व्यक्तियों से जबरन वसूली करता है। साथ ही साथ सेलिब्रिटीज को धमकी देना और धमकी के नाम पर पैसे हथियाना भी इनका प्रमुख काम है। राजस्थान और पंजाब में मादक पदार्थों की तस्करी में इस गैंग का नाम प्रमुख रूप से शामिल है।
इस गैंग में नहीं होती किसी की गर्लफ्रेंड
लॉरेंस गैंग में कभी लड़कियों से कोई बातचीत नहीं की जाती है। लॉरेंस बिश्नोई की खुद कभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं रही है। उसका भाई अनमोल बिश्नोई जो अमेरिका में बैठा हुआ है उसकी भी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। गोल्डी बरार की भी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर कोई भी इस गैंग का सदस्य किसी लड़की से संपर्क में आता है तो फोन पर बात करने को लेकर एजेंसी के रडार पर आ सकता है और उस लड़की के जरिए पुलिस गैंग तक पहुंच सकती है। लॉरेंस के बारे में कहा जाता है कि वह स्वयं ब्रह्मचर्य का पालन करता है। नवरात्रि में 9 दिन का व्रत करता है और इसी दौरान वह मौन भी रहता है।
क्या दाऊद इब्राहिम जैसा सिंडिकेट खड़ा कर पाएगा लॉरेंस
लॉरेंस की उम्र 31 साल है और व्यक्ति कोहराम मचा चुका है। कहते हैं जो पूरी प्लानिंग है वह काफी लंबे वक्त की है। लॉरेंस बिश्नोई अपना सिंडिकेट दाऊद इब्राहिम की तरह खड़ा करना चाहता है। जैसे 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम ने अपना सिंडिकेट खड़ा किया, जिसमें ट्रक नेटवर्क के जरिए पैसे ऐंठना, फायरिंग करवा कर खौफ पैदा किया गया था। ठीक उसी तरह लॉरेंस बिश्नोई ने भी अपना एक सिंडिकेट खड़ा कर लिया है। अभी यह गैंग पांच राज्यों में शामिल है और उसका नेटवर्क पांच देशों तक फैला हुआ है जैसे- कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इटली, यूके और भारत आदि।
गैंग के हैं पांच टारगेट
लॉरेंस बिश्नोई न सिर्फ सलमान खान को खत्म करना चाहता है बल्कि वह बॉलीवुड पर भी कब्जा करना चाहता है। लॉरेंस गुजरात के साबरमती जेल में बंद है। मगर वहीं से गैंग चला रहा है। इसी बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए कई मामलों को लेकर लॉरेंस बिश्नोई पर शिकंजा कसती जा रही है। हाल ही में एनआईए की पूछताछ में लॉरेंस ने अपने टॉप 5 टारगेट के बारे में खुलासा किया है।
सलमान खान (Salman Khan)
सबसे पहले नंबर पर बॉलीवुड एक्टर सलमान खान का नाम शामिल है। पुलिस के अनुसार 2018 में सबसे पहली बार इन दोनों के बीच दुश्मनी सामने आई थी। जब बिश्नोई ने जोधपुर में एक कोर्ट में पेशी के दौरान कहा था कि वह सलमान खान को मार देगा। उसके बाद से कई बार सलमान खान को मारने की धमकी दे चुका है। हाल ही में अक्टूबर में हुई बाबा सिद्दीकी की हत्या भी इसी इरादे से की गई थी।
शगुन प्रीत सिंह (Shagun Preet Singh)
शगुन प्रीत सिंह पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला का मैनेजर है। कहते हैं शगुन प्रीत सिंह ने लॉरेंस बिश्नोई के करीबी की विक्की मिंटूखेड़ा के शूटरों को पनाह दी थी। विक्की मिंटूखेड़ा की हत्या 2021 में मोहाली में कर दी गई थी।
गैंगस्टर कौशल चौधरी (Gangster Kaushal Chaudhary)
गैंगस्टर कौशल चौधरी खुद भी सलाखों के पीछे है। लॉरेंस बिश्नोई का कहना है कि विक्कीमिंटू खेड़ा के कातिलों को हथियार मुहैया कराने वालों में कौशल चौधरी का नाम शामिल था।
अमित डागर (Amit Dagar)
अमित डागर का गैंग बंबीहा गैंग के नाम से जाना जाता है। यह दोनों विरोधी गैंग है। बताया जाता है मिंटूखेड़ा की हत्या की प्लानिंग अमित डागर ने बनाई थी। इसलिए अमित डागर भी लॉरेन्स के निशाने पर हैं।
(लेखिका प्रख्यात स्तंभकार हैं।)