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Jharkhand: पेपर लीक करने पर आजीवन कारावास और 10 करोड़ तक का जुर्माना, झारखंड में बना सख्त कानून

Jharkhand: हेमंत सोरेन सरकार ने पेपर लीक पर लगाम कसने के लिए एक बेहद ही सख्त कानून बनाया है, जिसे राज्यपाल की स्वीकृति मिल गई है।

Krishna Chaudhary
Published on: 30 Nov 2023 9:21 AM GMT (Updated on: 30 Nov 2023 9:30 AM GMT)
punishment for paper leak in Jharkhand
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punishment for paper leak in Jharkhand (photo: social media )

Jharkhand News: उत्तर से लेकर दक्षिण तक हर राज्यों में प्रतियागी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं की एक ही शिकायत रहती है, वो है – पेपर लीक का। हालिया विधानसभा चुनाव में भी यह सबसे बड़े मुद्दों में से एक था। सरकारओं पर एक भर्ती परीक्षा पारदर्शी तरीके से न कराने के आरोप लगते रहते हैं। झारखंड में भी यह एक बड़ा मुद्दा रहा है। यहां की हेमंत सोरेन सरकार ने पेपर लीक पर लगाम कसने के लिए एक बेहद ही सख्त कानून बनाया है, जिसे राज्यपाल की स्वीकृति मिल गई है।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम निवारण के उपाय) विधेयक, 2023 को अपनी मंजूरी दे दी है। इस बीते अगस्त माह में ही विधानसभा से पारित करवाया गया था। अब राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी होते ही यह कानून का रूप ले लेगा। इस विधेयक में दोषियों के विरूद्ध सजा के बेहद कड़े प्रावधान किए गए हैं। जिनमें उम्रकैद से लेकर मोटा जुर्माना शामिल है।

जानें कितना कठोर है ये कानून ?

झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम निवारण के उपाय) विधेयक, 2023 में किए गए प्रावधान के अनुसार, अगर कोई अभ्यर्थी पहली बार परीक्षा में नकल करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे एक साल की जेल होगी और पांच लाख रूपये का जुर्माना लगेगा। दूसरी बार पकड़ाने पर तीन साल की सजा और 10 लाख रूपये जुर्माना का प्रावधान है। कोर्ट द्वारा सजा होने पर संबंधित अभ्यर्थी 10 वर्षों तक किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। इसके अलावा इसमें बगैर किसी प्रारंभिक जांच के एफआईआर और गिरफ्तारी का भी प्रावधान किया गया है। इस कानून के दायरे में वे भी आएंगे जो पेपर लीक और नकल करने के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में भ्रामक जानकारी प्रचारित और प्रसारित करते पकड़े जाएंगे।

किन परीक्षाओं पर लागू होगा कानून

यह कानून राज्य लोक सेवा आयोग, भर्ती एजेंसियां, राज्य कर्मचारी चयन आयोग, निगमों और निकायों द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं में लागू होगा। इस कानून में उन लोगों के लिए और भी ज्यादा सख्त सजा का प्रावधान किया गया है, जो परीक्षा के आयोजन से जुड़े होंगे। इसमें परीक्षाओं के संचालन जुड़े व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस और एजेंसियां आदि शामिल हैं। अगर ये पेपर लीक मे साजिशकर्ता की भूमिका निभाते हैं तो 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसमें 2 करोड़ से लेकर 10 करोड़ रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। जुर्माना न देने पर तीन साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

बता दें कि इस विधेयक को जब विधानसभा लाया गया था तब विपक्षी भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने इसका पुरजोर विरोध किया था। उन्होंने इसे काला कानून बताते हुए सदन का बहिष्कार तक कर दिया था। इसके बावजूद हेमंत सोरेन सरकार अपने बहुमत के बल पर इसे पारित कराने में सफल रही। दरअसल, राज्य में अगले साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले चार माह बाद लोकसभा का चुनाव। ऐसे में सीएम सोरेन इस कानून के जरिए युवा वर्ग को साधने की कोशिश में हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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