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अदालतों में पेंडिंग मामलों पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू-ऐसे तो न्याय मिलने तक जिंदगी खत्म हो जाएगी

Droupadi Murmur: राष्ट्रपति ने कहा, हमारे पास अदालतों में बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं, जिन्हें इन सम्मेलनों, लोक अदालतों आदि के माध्यम से निपटाया जा सकता है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 1 Sept 2024 7:10 PM IST (Updated on: 1 Sept 2024 8:20 PM IST)
Draupadi Murmur ( Pic- Social- Media)
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Draupadi Murmur ( Pic- Social- Media)

Droupadi Murmur: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले में बीते बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का एक बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि अब बहुत हो गया है। वह इस पूरी घटना से निराश और भयभीत हैं। उन्होंने कहा था कि बेटियों के खिलाफ ऐसे अपराध मंजूर नहीं हैं। उन्होंने देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर कहा था कि कोई भी सभ्य समाज बेटियों और बहनों के साथ इस तरह के अत्याचार को बर्दाश्त नहीं कर सकता। वहीं रविवार को उन्होंने रेप के मामले में न्याय मिलने में देरी पर चिंता जताते हुए कहा कि दुष्कर्म के मामलों में इतने समय में फैसला आता है कि लोगों को देरी के कारण लगता है कि संवेदना कम है। उन्होंने कहा कि भगवान के आगे देर है अंधेर नहीं पर न्याय में देर कितने दिनों तक, 12 साल, 20 साल? ऐसे तो न्याय मिलने तक पूरी जिंदगी खत्म हो जाएगी और चेहरे की मुस्कुराहट भी खत्म हो जाएगी। इस बारे में हमें गहराई से सोचना होगा।

नई दिल्ली में रविवार को जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महाभारत में उच्चतम न्यायालय के ध्येय वाक्य, यतो धर्मः ततो जयः, का उल्लेख कई बार हुआ है, जिसका भावार्थ है कि जहां धर्म है, वहां विजय है।

उन्होंने कहा कि धर्म शास्त्र ही है जो न्याय और अन्याय का निर्णय करने वाला है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका में लोगों का विश्वास सुनिश्चित करने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया है। न्याय की तरफ आस्था और श्रद्धा का भाव हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है।

बोलीं-लंबित मामले हैं बड़ी चुनौती

उन्होंने कहा, हमारे देश में हर न्यायाधीश और न्यायिक अधिकारी पर सत्य और धर्म, न्याय की प्रतिष्ठा करने का नैतिक दायित्व है और यह दायित्व न्यायपालिका का दीर्घ स्तंभ है। हमारे पास अदालतों में बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं, जिन्हें इन सम्मेलनों, लोक अदालतों आदि के माध्यम से निपटाया जा सकता है। उन्होंने कहा, लंबित मामले और बैकलॉग अदालतों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं, इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इसका समाधान भी ढूंढ़ा जाना चाहिए। इस पर यहां चर्चा की गई है और मुझे पूरा विश्वास है कि इसका परिणाम भी सामने आएगा।

क्या कहा था पीएम मोदी ने

सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष पूरे होने पर शनिवार को शुरू हुए जजों के अखिल भारतीय सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा था कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध देश में गंभीर चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने जिला न्यायालय के जजों से अपील की कि वे इन मामलों का शीघ्र निपटारा करें ताकि विशेष रूप से महिलाओं और पूरे समाज में सुरक्षा की भावना पैदा हो सके।

Shalini Rai

Shalini Rai

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