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एलसीएच: पलक झपकने से पहले ही दुश्मन को धूल चटा देगा ये स्वदेशी हेलीकॉप्टर

रक्षा क्षेत्र में भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने देश के दुश्मनों को चेतावनी देते हुए ऐसा हल्का युद्धक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) बनाने में सफलता हासिल की है। 

Aditya Mishra
Published on: 19 May 2023 2:25 PM GMT
एलसीएच: पलक झपकने से पहले ही दुश्मन को धूल चटा देगा ये स्वदेशी हेलीकॉप्टर
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नई दिल्ली: रक्षा क्षेत्र में भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने देश के दुश्मनों को चेतावनी देते हुए ऐसा हल्का युद्धक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) बनाने में सफलता हासिल की है, जो कि हवा में ही दुश्मन के विमानों या मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है।

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये चलते-फिरते टार्गेट पर भी सटीकता से वार करने में सक्षम है। जल्द ही इसे भारतीय वायुसेना को सौंपा जाएगा।

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जानिए क्या है इस हेलीकॉप्टर की खासियतें

लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर का वजन करीब 6 टन है जो इस श्रेणी के हेलीकॉप्टर में बेहद हल्का माना जाता है। अपाचे के वजन की बात करें तो यह करीब 10 टन का है। वजन कम होने के चलते ये हाई ऑल्टिट्यूड एरिया में भी अपनी मिसाइल और दूसरे हथियारों से लैस होकर टैकऑफ और लैंडिंग कर सकता है।

एलसीएच अटैक हेलीकॉप्टर में फ्रांस से खास तौर से ली गईं 'मिस्ट्रल' हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल लग सकती हैं।

एलसीएच में 70 एमएम के 12-12 रॉकेट के दो पॉड लगे हुए हैं‌। इसके अलावा एलसीएच की नोज़ यानि फ्रंट में एक 20एमएम की गन लगी हुई है जो 110 डिग्री पर घूमकर किसी भी दिशा में फायर कर सकती है। पायलट के हेलमेट पर ही कॉकपिट के सभी फीचर्स डिसप्ले हो जाते हैं।

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दुश्मन देश को चकमा देने में सक्षम

एचएएल के अधिकारियों के मुताबिक, एलसीएच में इस तरह के खास फीचर्स हैं कि ये आसानी से दुश्मन की रडार में पकड़ नहीं आएगा। दुश्मन हेलीकॉप्टर या फाइटर जेट ने अगर एलसीएच पर अपनी मिसाइल लॉक की तो ये उसे चकमा भी दे सकता है।

इसकी बॉडी आर्म्ड है जिससे उस पर फायरिंग का कोई खास असर नहीं होगा। यहां तक की इसकी पंखों पर भी गोली का असर नहीं होगा। ये हेलीकॉप्टर 'एनबीसी कॉम्पेटेबल' यानी न्यूक्लियर, बाईलोजिकल और कैमिकल अटैक के दौरान कॉकपिट में मौजूद पायलट को अलर्ट कर देगा।

भारतीय वायुसेना के लिए पूरी तरह से तैयार करने से पहले इस स्वदेशी हेलीकॉप्टर का ट्रायल सियाचिन ग्लेशियर से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान तक में हो चुका है। इस दौरान एलसीएच में पर्याप्त मात्रा में फ्यूल से लेकर उसके हथियार भी लगे हुए थे।

रात में भी काम करने में सक्षम

इस हेलीकॉप्टर में एक छोटा कॉकपिट होता है जिसमें दो पायलट बैठ सकते हैं। मुख्य‌ पायलट आगे बैठता है और रियर पायलट पीछे।

अटैक हेलीकॉप्टर को 180 डिग्री पर खड़ा किया जा सकता है या उल्टा किया जा सकता है।

इस हेलीकॉप्टर को 360 डिग्री पर तेजी से घूमाया भी जा सकता है। बता दें कि यह किसी भी मौसम और जलवायु में काम करने में सक्षम है। यह रात के समय में भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है।

एचएएल के अधिकारियों के मुताबिक भारतीय वायुसेना और थलसेना को दुश्मन के खिलाफ जंग लड़ने और आतंकियों के लांच-पैड्स और ठिकानों को तबाह करने के लिए कम से कम 160 अटैक हेलीकॉप्टर्स की जरूरत है।

लेकिन अमेरिका से भारत का सौदा सिर्फ 26 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स का हुआ है। जिसके तहत हाल ही में कुछ हेलीकॉप्टर्स को वायुसेना में शामिल किया गया है। वायुसेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह माना जा रहा है कि कई लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर हेलीकॉप्टर्स खरीदे जा सकते हैं।

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Aditya Mishra

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