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सफलता चाहिए तो श्रोता बन दूसरों को सुनने की आदत डालें

raghvendra
Published on: 19 Jan 2018 6:11 PM IST
सफलता चाहिए तो श्रोता बन दूसरों को सुनने की आदत डालें
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कहा जाता है कि जो अच्छा बोलता है वही अच्छा सुनने वाला है। इसका अर्थ केवल अच्छे स्पीकर से बनने से नहीं है। अगर आप प्रोफेशनल लाइफ में अच्छे श्रोता बन जाते हैं तो इससे न केवल आपकी सफलता सुनिश्चित होती है, बल्कि आप कई चीजें सीखते हैं। इसके लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं रहती है। बस थोड़ा धैर्य के साथ आप वो सबकुछ पा सकते हैं जो आप करना चाहते हैं। यहां जानते हैं कि आप अच्छे श्रोता किस तरह से बनकर अपने मुकाम को हासिल कर सकते हैं।

दूसरों को दें सम्मान

जब आप अपने मन में दूसरे लोगों के प्रति सम्मान और सहानुभूति का भाव पैदा करते हैं तो लोगों को सुनने के लिए तैयार भी हो जाते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको दूसरों के प्रति सम्मान का भाव लाना होगा। अगर आप लोगों का सम्मान नहीं करेंगे तो आप उनकी बात सुनने के बजाय अपनी बात को उन पर थोपने की कोशिश करेंगे। इससे किसी का फायदा नहीं होगा। इसलिए सम्मान देकर सम्मान पाइए।

अपने बारे में दूसरे से पूछे

आप अपनी सुनने की क्षमता में सुधार लाना चाहते हैं तो अपने सहकर्मियों से फीडबैक ले सकते हैं। उससे पूछ सकते हैं कि वह कैसे श्रोता हैं। हो सकता है कि आप बातचीत के दौरान सामने वाले को बार-बार टोकते हों। ऐसे स्थिति में आपके कलीग्स ही बता सकते हैं कि आप कहां गलती कर रहे हैं। एक बार गलती का पता लग जाने पर आप उसमें सुधार कर सकते हैं। इसका लाभ आपको कॅरियर में भी मिलेगा।

बातचीत का तरीका सही रखें

कई बार कुछ लोग बातचीत के दौरान उग्र हो जाते हैं या फिर उनका बात करने का तरीका सही नहीं होता है। इसलिए हमेशा बातचीत के दौरान रिलेक्स रहना चाहिए और किसी बात पर उत्तेजित होने से बचना चाहिए। उत्तेजना छवि बिगाड़ सकती है। आई कॉन्टेक्ट और पॉश्चर पर फोकस करके लोगों को यकीन दिला सकते हैं कि आप उनकी बातों को ध्यान से सुन रहे हैं। इस तरह आप सामने वाले को सुनने और अपनी सुनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

तुरंत प्रतिक्रिया से बचें

कई बार बातचीत के दौरान आप इतने मुग्ध हो जाते हैं कि आपको हर बात की प्रतिक्रिया देने की जल्दीबाजी होती है जोकि आपके लिए ठीक नहीं होती है। इसलिए सबसे पहले आपको सामने वाले व्यक्ति की बात का पूरा अर्थ समझने की कोशिश करनी चाहिए। अगर आप बार-बार बातों को काटेंगे तो इससे आपकी छवि खराब हो सकती है और बातचीत का उद्देश्य भी खत्म हो सकता है। इसके बजाय आपको अच्छी बातों को सुनना, समझना और आत्मसात करना चाहिए, ताकि आपको फायदा हो। इसका भी ध्यान रखना होगा।

अपना संपर्क बढ़ाएं

कुछ लोग अपनी बातों को लेकर इतने व्याकुल होते हैं कि उन्हें अपने मन में चल रहे विचारों को तुंरत ही बता देना चाहत हैं। कई बार ऐसा होता है कि सही मौका नहीं मिलता है लेकिन वह किसी न किसी से शेयर कर ते हैं। ऐसे लोगों को अपना नेटवर्क फैलाना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क स्थापित करना चाहिए। ताकि आपको जब भी जरूरत पड़े तो आप सही व्यक्ति से अपनी बातों को शेयर कर सकते हैं।

इससे उन्हें हर किसी की बात को सुनने और समझने का मौका मिलेगा। किसी की बात को ध्यान से सुनने के लिए धैर्य की जरूरत होती है। अगर धैर्य के साथ सामने वाले की बातों को सुनेंगे तो आपको कुछ न कुछ अच्छा जरूर हासिल होगा। अगर आप इन बातों को ध्यान देकर इन समस्याओं से बच सकते हैं।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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