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'भारत में लिव-इन रिश्‍ते का मतलब शादी', फिर मत कहना बताया नहीं

राजस्‍थान हाईकोर्ट ने कहा है कि भारतीय समाज में लिव-इन रिश्‍ते को शादी के बराबर देखा जाता है। कोर्ट ने एक महिला द्वारा अपने लिव-इन पार्टनर को किसी और से शादी के लिए रोकने की याचिका पर निर्णय सुनाते हुए ये कहा है।

Rishi
Published on: 6 May 2019 8:28 AM GMT
भारत में लिव-इन रिश्‍ते का मतलब शादी, फिर मत कहना बताया नहीं
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जयपुर : राजस्‍थान हाईकोर्ट ने कहा है कि भारतीय समाज में लिव-इन रिश्‍ते को शादी के बराबर देखा जाता है। कोर्ट ने एक महिला द्वारा अपने लिव-इन पार्टनर को किसी और से शादी के लिए रोकने की याचिका पर निर्णय सुनाते हुए ये कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने बलराम जाखड़ के 7 मई को शादी करने पर रोक लगा दी।

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जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा ने कहा, भारत समाज में लिव-इन रिलेशनशिप शादी के बराबर है और समाज उसे केवल इसी रूप में स्‍वीकार करता है। ऐसे में बलराम को दूसरी शादी नहीं करने दी जा सकती।

महिला ने दावा किया था कि बलराम ने गलत तरीके से बलपूर्वक उसके साथ संबंध बनाए। शादी का विश्‍वास दिलाकर साथ रहा। महिला का कहना है कि बलराम के आश्‍वासन के बाद उसने अपने पति को छोड़ दिया।

याचिकाकर्ता के मुताबिक, बलराम ने जबरन महिला संग यौन संबंध बनाए। 6 फरवरी, 2018 को सदर पुलिस थाने में एक एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।

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कैसे हुई मुलाकात

दोनों की मुलाकात 2014 में पढ़ाई के दौरान हुई थी। बाद में आरोपी का चयन इनकम टैक्‍स कमिश्‍नर के पद पर हो गया तो वह अपने वादे से मुकर गया।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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