TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

यमुना नदी के पानी में आया इतना सुधार, केवल लॉकडाउन नहीं ये भी है वजह

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन दिनों यमुना नदी और उसमें बहने वाले नाले काफी ज्यादा साफ हो गए हैं।

Shreya
Published on: 21 April 2020 6:26 PM IST
यमुना नदी के पानी में आया इतना सुधार, केवल लॉकडाउन नहीं ये भी है वजह
X

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन दिनों यमुना नदी और उसमें बहने वाले नाले काफी ज्यादा साफ हो गए हैं। DPCC द्वारा यह रिपोर्ट एनजीटी द्वारा नियुक्त यमुना मॉनिटरिंग कमेटी को सौंपी गई है। कमेटी के मुताबिक नदी की बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड में 33 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।

इस वजह से साफ हो पाई नदी

DPCC के आकलन में लॉकडाउन अवधि की तुलना पिछले साल के अप्रैल महीने से की गई है। कमेटी ने यमुना के 9 जगह के साथ-साथ 20 नालों से भी पानी का सैंपल लिया था। कमेटी के मुताबिक, इंडस्ट्रियल कचरे के बंद होने और पानी के बहाव की वजह से यमुना नदी इतनी साफ हो गई है। हालांकि DPCC ने यह भी कहा है कि नदी के पानी में सुधार होने के बाद अब भी यह मानकों पर खरा नहीं उतरता। क्योंकि यमुना में अब भी घरेलु नालों का पानी जाकर मिल रहा है।

यह भी पढे़ं: देश में अब तक 18,601 लोग हुए संक्रमित, एक दिन में ठीक हुए 705

प्रदूषण में भी आई कमी

वहीं अगर ओखला बैराज पर नदी की BOD के लिहाज से प्रदूषण की बात की जाए तो प्रदूषण में तकरीबन 18 फीसदी की कमी आई है। इसके अलावा निजामुद्दीन ब्रिज पर 20 फीसदी की कमी, ओखला बैराज पर स्थित आगरा कैनाल में 33 फीसदी प्रदुषण की कमी आई है। वहीं आईटीओ पुल पर 21 फीसदी और कुदसिया घाट पर 4 फीसदी की कमी आंकी गई है।

यह भी पढे़ं: लॉकडाउन में फंसे मजदूर की दिल्ली में मौत, परिवार के पास नहीं दाह संस्कार के पैसे

दिल्ली में यमुना की स्थिति बेहद खराब

वहीं पल्ला और सुरघाट, दिल्ली में एंट्री करने के बाद जहां से सबसे पहले यमुना का प्रवाह होता है वहां पर पानी की गुणवत्ता में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। लेकिन दोनों जगहों का पानी नहाने लायक है। जिसको क्लास सी के कैटेगरी में रखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, किसी भी जगह का पानी इस कैटेगरी का नहीं है। खजूरी प्लाटून पूल ही एक ऐसी जगह है, जहां पर पानी में 42 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है।

जिन अन्य पैमानों पर यमुना के पानी को जांचा गया है, उसमें पीएच, सीओडी, डीओ और फेकल कोलिफॉर्म का स्तर है। कई जगहों पर अब भी हाई लेवल कोलिफॉर्म पाए गए हैं। यानि कि यमुना में अब भी नाले का पानी बिना साफ हुए सीधे तौर पर गिर रहा है।

यह भी पढे़ं: बेहद दर्दनाक: पटरियों का सहारा लेकर निकले थे घर, ट्रेन की चपेट में आने हुई मौत

पानी छोड़ा जाना भी नदी के साफ होने का है कारण

एक अधिकारी के मुताबिक, इन दिनों लॉकडाउन के अलावा यमुना नदी में पॉल्युशन घटने की वजह ज्यादा पानी छोड़ा जाना बी है। मार्च महीने में अच्छी खासी बारिश हुई है, जिसके बाद पिछले साल के मुताबिक, इस बार नदी में ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। इस समय इंडस्ट्रियल नाले पूरी तरह से बंद हैं। लेकिन अब भी नदी में घरेलू नाले का पानी आ रहे है, जो कि एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह नाले इसी नदियों में गिरते रहे तो हम पानी के स्तर को नहीं बढ़ा पाएंगे।

इस महीने छोड़ा गया 3900 क्यूसेक पानी

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2019 अप्रैल में नदी में 1000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, वहीं इस महीने में 3900 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। नदी के साफ होने का ये एक प्रमुख कारण है।

यह भी पढे़ं: यूपी के 53 जिलों से अब तक 1294 कोरोना पाॅजिटिव केस आए सामने: अमित मोहन

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shreya

Shreya

Next Story